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Aanganwadi news : बाल विकास विभाग मे भर्ती न होने से सरकारी योजनाओं की हालत खराब

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उत्तरप्रदेश के बाल विकास विभाग मे आंगनवाड़ी से लेकर अधिकारियों की भारी कमी है लेकिन फिर भी शासन इस विभाग मे भर्ती के लिए ध्यान नहीं दे रहा है आंगनवाड़ी केन्द्रो पर कार्यकत्रियो से लेकर सहायिका तक केन्द्रो पर नियुक्त नहीं है । प्रदेश सरकार 62 वर्ष पूर्ण होने पर आंगनवाड़ी वर्करो को रिटायर कर चुकी है बाल विकास विभाग द्वारा इससे पूर्व 2007 मे भर्ती निकाली गयी थी लेकिन उसके बाद कोई भर्ती न होने से इस विभाग मे आंगनवाड़ी का अकाल पड़ रहा है ।

साथ ही आंगनवाड़ी सुपरवाईजर की भी बहुत बड़ी कमी है कुछ माह पहले आंगनवाड़ी वर्करो को पदोन्नत कर सुपरवाईजर बनाया गया था लेकिन ये पदोन्नति सिर्फ ऊंट के मुह मे जीरा के समान थी अब शासन द्वारा सुपरवाईजर के पदो पर सीधी भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया है लेकिन ये भर्ती प्रक्रिया कब तक पूर्ण होगी इसके बारे मे कुछ नहीं कहा जा सकता ।

कानपुर जिले की बात करे तो कुपोषण से लड़ने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रो पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की बहुत बड़ी कमी है। जिले में सभी परियोजनाओ मे कुल मिलाकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका के 860 पद खाली हैं। जिसके कारण इस विभाग के लिए चलायी जा रही शासन की सभी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।

वर्तमान समय में जिले मे संचालित किए जा रहे 2134 आंगनवाड़ी केन्द्रो पर मात्र 1718 आंगनबाड़ी कार्यकत्री और 1529 सहायिका ही नियुक्त हैं। जिले की हालत इतनी खराब है कि हर केंद्र पर सहायिका और आंगनबाड़ी कार्यकत्री तक उपलब्ध नहीं है। फिर भी इन वर्करो के लिए नई भर्तियों का कुछ भी अता-पता नहीं है। जबकि इस नयी भर्ती के लिए लाखो महिलाए इस भर्ती के विज्ञापन का इंतजार कर रही है ।

बाल विकास परियोजना अधिकारी की भी नियुक्ति नहीं

 प्रदेश के बाल विकास पुष्टाहार विभाग में पिछले लम्बे समय से बाल विकास परियोजना अधिकारी के आधे से ज्यादा पद खाली चल रहे हैं। प्रदेश मे बाल विकास विभाग की परियोजनाएं कुल 897 ब्लाक में चलती हैं। जिसमे 449 ब्लाक में प्रोन्नति कोटे के बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद खाली चल रहे हैं। साथ ही स्थायी पदों में भी करीब 250 पद खाली पड़े हुए हैं।जिसके कारण एक-एक बाल विकास परियोजना अधिकारी को तीन-तीन ब्लाक की परियोजनाओं का चार्ज लेकर कामकाज करना पड़ रहा है।

पदो के रिक्तियों को भरने के संबंध मे प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र द्वारा आदेश जारी किया गया था कि सभी विभागों में प्रोन्नति के कोटे से खाली पदों को हर हाल में 30 सितम्बर तक भर दिया जाना चाहिए, वरना संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। लेकिन बाल विकास पुष्टाहार विभाग में मुख्य सचिव के आदेश का कोई असर नहीं हो रहा है। इस माह सितंबर में पोषण माह मनाया गया था जिसमे हर जिले में गोद भराई, अन्न प्राशन, कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों के चिन्हित जैसे कार्य थे लेकिन बाल विकास परियोजना अधिकारियों के इतनी बड़ी तादाद में पद खाली होने की वजह से इन योजनाओ पर बड़ा असर पड़ रहा है।

इस संबंध मे बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी सुपरवाइजरों के संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि विभागीय तबादलों में भी नियमों की अनदेखी की गई है । इस वजह से प्रदेश सरकार की महिला कार्मिकों द्वारा संचालित एकमात्र संगठन आईसीडीएस सुपरवाइजर एसोसिएशन की अध्यक्ष, महामंत्री का भी नियम विरुद्ध तबादला कर दिया गया। अब देखना है कि सरकार इस विभाग में खाली चल रहे पदो पर कब तक भर्ती पूर्ण करती है।

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