महिलाओ का प्रसव कराने का काम आंगनवाड़ी करेंगी
आंगनवाड़ी न्यूज
बाल विकास विभाग मे कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री को अब स्वास्थ्य विभाग की आशा वर्करो द्वारा किये जाने वाले कार्यो का जिम्मा दे दिया गया है। अब आंगनवाड़ी वर्करो को गर्भवती महिलाओ का प्रसव भी कराना होगा साथ ही जच्चा-बच्चा की देखभाल करेंगी।
अवगत हो कि 28 मई 2024 के आदेशानुसार प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की ज़िम्मेदारी आईसीडीएस विभाग को सौप दी गयी थी। इससे पहले इस योजना का संचालन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता था। स्वास्थ्य विभाग की निदेशक ने इस योजना को ट्रान्सफर करने के सम्बंध मे आदेश भी जारी कर दिये थे। जिसके कारण अब प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के संचालन का जिम्मा अब आंगनबाड़ी कार्यकत्री पर आ गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश देखने के लिए क्लिक करे
इस योजना के अनुसार आंगनवाड़ी वर्करो को अपने क्षेत्रो की गर्भवती महिलाओ को चिन्हित करते हुए निकट के सरकारी अस्पताल में पंजीकरण कराना होगा। गर्भवती महिला के प्रसव के बाद धात्री महिला और उसके बच्चे की एक माह पहले व एक माह बाद तक बेहतर देखभाल भी करनी होगी। अब से पूर्व ये कार्य स्वास्थ्य विभाग की आशा बहुएं व एएनएम करती थीं।
इस नई व्यवस्था के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की जिम्मेदारी बढ़ा दी गयी है अब इन्हे ग्रामीण क्षेत्रो मे गांव-गांव जाकर गर्भवती महिलाओ का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा साथ ही इनके प्रसव की भी व्यवस्था करनी होगी।
आंगनवाड़ी वर्कर गर्भवती महिला को उसके नजदीकी सरकारी अस्पताल में पंजीकरण कराते हुए सुरक्षित प्रसव के लिए प्रेरित करेगी। इसके बाद समय-समय पर गर्भवती महिला की होने वाली नियमित जांच कराएगी। महिला के प्रसव से एक माह पहले व प्रसव के एक माह बाद तक धात्री महिला और उसके बच्चे की बेहतर देखभाल की जिम्मेदारी भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों निभाएगी।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत आर्थिक मदद
पीएमएमवीवाई योजना के तहत महिलाओं को गर्भावस्था के बाद की सहायता और उनकी बच्चे की देखभाल के लिए दी जाती है। इसमे पहले बच्चे के जन्म पर पांच हजार दिए जाते हैं। जबकि दूसरे बच्चे के जन्म पर छह हजार रुपये दिए जाएंगे। अगर कोई गर्भवती व धात्री महिला केंद्र या राज्य सरकार मे नियमित नौकरी करती है तो वो महिलाए इस योजना के लिए पात्रता की श्रेणी में नहीं आएंगी।