आंगनवाडी केन्द्रों की गतिविधियाआंगनवाड़ी भर्तीकुपोषण
शासन से भर्ती न होने के कारण कुपोषण मिशन की फजीहत
बाल विकास सेवा व पुष्टाहार में भारी संख्या में पद खाली
बाल विकास विभाग चाहे कितने भी दावे करे लेकिन कुपोषित बच्चो को सुपोषित में लाने की मुहिम सिर्फ दिखावा रह गई है
जनपद इटावा में बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग कर्मचारियों की कमी की वजह से खुद ही कुपोषित है और ऐसे में विभाग कुपोषण की समस्या को दूर करने में कैसे सफल हो सकता है
आइए देखते है क्या है कर्मचारियों की स्थिति
जनपद में मात्र दो सीडीपीओ व 12 सुपरवाइजर के भरोसे पूरे जनपद में आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन किया जा रहा है जबकि जनपद के आठ ब्लॉक में 659 अति कुपोषित बच्चे है और 5174 कुपोषित बच्चे है पूरे जनपद में पांच वर्ष तक के बच्चो की संख्या एक लाख से भी ऊपर है
इन अतिकुपोषित बच्चो के इलाज के लिए जनपद में पोषण पुनर्वास की सुविधा है लेकिन कर्मचारियों की कमी व जागरूकता की वजह से लोग इलाज के लिए नही आते है
ज्ञात हो कि विभाग द्वारा राज्य पोषण मिशन योजना के तहत कुपोषित बच्चो को पोषाहार दिया जाता है वही गर्भवती ,धात्री व स्कूल न जाने वाली किशोरियों को तीन माह में एक बार घी,ज्वार ,चना, मसूर की किट उपलब्ध की जाती है
जिले में आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति
जनपद इटावा में आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या 1564 संचालित है इन केंद्रों को संचालित के लिए हर ब्लॉक में एक सीडीपीओ ,सुपरवाइजर,प्रधान सहायक,कनिष्ठ सहायक, व एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की आवश्यकता होती है
सुपरवाइजर के पदों की स्थिति
25 केंद्रों पर एक सुपरवाइजर नियुक्त की जाती है लेकिन जनपद में 56 पद सुपरवाइजर पर सिर्फ मात्र 15 पदों पर ही नियुक्ति है बाकी पद खाली पड़े है जिसमे तीन मेडिकल लीव पर चल रही है
बाल विकास परियोजना ( CDPO) के पदों की स्थिति
जिले में सीडीपीओ के 9 पदों पर सिर्फ दो पदों (महेवा,बढ़पुरा) पर ही नियुक्ति है बाकी पदों पर नियुक्ति रिक्त है
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के पदों की स्थिति
जिले के 1564 आंगनवाड़ी केंद्रों पर मात्र 1468 केंद्रों का संचालन किया जा रहा है
जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद की स्थिति
जनपद के संबंधित सबसे उच्च विभागीय पद भी रिक्त पड़ा है इस पद का जिम्मा भी अन्य अधिकारी (सीडीओ) संभाल रहे है डीपीओ के पद भी काफी समय से रिक्त है
जनपद में अति कुपोषित व कुपोषित बच्चो की ज्यादा संख्या व कर्मचारियों के खाली पदों की संख्या देखते हुए जनपद से कुपोषण मिटाने योजना की संभावना बहुत ही कम है
बाराबंकी में भी कर्मचारियों की कमी से कुपोषण मिशन की हालत खराब
बाराबंकी के सिदौर ब्लॉक में लगभग 50 पदों रिक्त होने के कारण बाल विकास सेवा व पुष्टाहार योजना का लाभ बच्चो,किशोरियों व गर्भवती को नही मिल रहा है ब्लॉक में लंबे समय से रिक्तियों के होने से कुपोषण मुक्त अभियान की सरकार की योजना की फजीहत हो रही है ब्लॉक में आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है आलम ये है कि केंद्रों पर कार्यकत्री और सहायिका दोनो के पद रिक्त हुए भी काफी समय हो चुका है फिलहाल देखना है कि शासन की तरफ से भर्ती का आदेश कब जारी होता है
सिदौर ब्लॉक में कुल 196 आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है जिसमे आंगनवाड़ी कार्यकारी व सहायिका के दोनों के मिलाकर 48 पद रिक्त है
खाली पदों की स्थिति
आंगनवाड़ी कार्यकत्री 14
आंगनवाड़ी सहायिका 34
इतनी बड़ी संख्या की रिक्तियां होने पर भी अभी सरकार की भर्ती करने की कोई आधिकारिक सूचना नही मिली है जबकि कई बार समाचार पत्रों के माध्यम से दिसंबर तक भर्ती निकलने की उम्मीद थी
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