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केन्द्रों के बंद की स्थिति में आंगनवाडी क्या क्या देंगी सेवाए, दो दिन में आंगनवाडी बूस्टर डोज लगवाना सुनिश्चित करे

आंगनवाडी न्यूज़

गौतम बुद्ध नगर   उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर नॉएडा के कयामपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में पहुंचकर स्कूल का निरीक्षण किया और निगरानी समिति से बात की। मुख्यमंत्री लगभग 15 मिनिट तक विधालय में रह कर निगरानी समिति की जानकारी ली निगरानी समिति की सदस्य एएनएम अनिता मल्ल से समिति के बारे में जानकारी मांगी जिसका एएनएम ने अच्छे तरीके से जवाब दिया । जिस एएनएम अनीता से मुख्यमंत्री बात कर रहे थे वह उनके क्षेत्र गोरखपुर की रहने वाली हैं और वह उसी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की हैं जिस स्कूल में योगी ने शिक्षा प्राप्त की थी

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आंगनवाडी बंद की स्थिति में वर्करो की भूमिका अहम

गोरखपुर  कोरोना संक्रमण तेजी बढ़ने और आंगनबाड़ी केंद्र बंद हो जाने से आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की भूमिका और अहम हो गई है। नए निर्देश के मुताबिक घर-घर भ्रमण कर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां 5 कार्यों को प्राथमिकता देंगी। इसमें नवजात, कुपोषित व सैम एवं मैम बच्चों, पहले त्रैमास की गर्भवती व धात्री महिलाओं और 6 माह के बच्चों को चिह्नित कर उन्हें योजनाओं का लाभ दिया जाना है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह ने बताया कि अनुपूरक आहार, परामर्श सेवाएं, वृद्धि निगरानी, आयरन की गोलियों का वितरण आवश्यक सेवाएं हैं जो घर-घर जाकर जारी रखनी है। नवजात शिशु, अति कुपोषित बच्चों, सैम या मैम बच्चों और गर्भवती महिलाओं के आपदा में संक्रमित होने की आशंकाएं अधिक होती हैं। इसलिए उनका विशेष तौर पर ध्यान रखना आवश्यक है। ऐसे परिवारों से सम्पर्क करते समय आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को नाक और मुंह कवर करते हुए मास्क पहनना है। अगर भ्रमण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गर्भवती, धात्री, बच्चों या परिवार के किसी सदस्य में कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इसकी सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को तत्काल देनी है ।

डीपीओ हेमंत सिंह ने कहा कि पहले त्रैमास की गर्भवती को गर्भावस्था में शीघ्र पंजीकरण, गर्भावस्था व धात्री महिलाओं की अवस्था में उचित खानपान जैसे नींबू, संतरा, गाजर, ज्वार, बाजरा और दूध आदि के सेवन की सलाह दिया जाना जरूरी है। उन्हें अनुपूरक आहार से पौष्टक भोजन बनाने की विधि बताई जानी है। और यह भी बताया जाये कि कम से कम 180 आयरन की गोलियां और 360 कैल्शियम की गोलियां लेनी है। छह माह की उम्र पूरी कर चुके बच्चों के अभिभावकों को पूरक आहार का महत्व बताया जाएगा। साफ-सफाई के जरिए बीमारी नियंत्रण के बारे में भी गृह भ्रमण के दौरान जानकारी देनी है।

नवजात के घर आधारित देखभाल और स्तनपान प्रोत्साहन की सेवा देनी है और लाभार्थी को बताना है कि मां का दूध बच्चे का सबसे बड़ा पोषण है। इसमें कोविड के उपस्थित रहने का कोई साक्ष्य नहीं है। इसलिए स्तनपान को कोविड के दौरान भी सावधानी के साथ जारी रखना है। यदि मां में कोविड के लक्षण हैं तो वह कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मॉस्क लगा कर बच्चे को स्तनपान कराएंगी। अगर स्तनपान कराने में सक्षम नहीं हैं तो कटोरी चम्मच से दूध निकालते हुए बच्चे को पिला सकती हैं।

 बस्ती आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों को पूर्व में दिए गए स्मार्ट फोन पर पोषण ट्रैक्रर अपलोड करने के लिए सीडीपीओ कार्यालय रामनगर में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। केन्द्र सरकार की मंशानुरुप आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों को पेपरलेस काम करने के लिए उन्हें मुहैया कराए गए एंड्रायड मोबाइल पर सीएससी के नामित संचालक अनूप कुमार ने बच्चों के नाम सहित उनको दिए जा रहे पोषाहार व अन्य प्रकार के सूचानाओं की फीडिंग करने की जानकारी दी।

लखनऊ से आए प्रशिक्षक अशोक कुमार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को रद्दी कागज से विभिन्न प्रकार के फूल तथा कागज की डलिया व झोला बनाने की जानकारी दी। प्रशिक्षण में सीडीपीओ रामनगर दिलीप कुमार वर्मा व मुख्य सेविका सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्री मौजूद रही

जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने जूम एप माध्यम से बैठक को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि दो दिन के भीतर सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रिओं तथा सहायिकाओं को बूस्टर डोज लगवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि 17 जनवरी 2021 से कोविड-19 टीकाकरण शुरू हुआ था। इसीलिए मार्च 2021 तक लगे टीका वाले व्यक्ति नौ माह के बाद बूस्टर डोज के लिए पात्र हो जाते हैं।

डीपीओ सावित्री देवी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को बूस्टर डोज लगाने का काम शुरू हो गया है।सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति, सीएमओ डॉ. चंद्रशेखर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम अमृत पाल कौर, एसीएमओ डॉ. एफ हुसैन, एमओआईसी, बीडीओ, सीडीपीओ, एएडीओ पंचायत जुड़े रहे।

केन्द्रों के बंद की स्थिति में आंगनवाडी सेवाए रहेंगी जारी

मुजफ्फरनगर उत्तरप्रदेश में कोविड संक्रमण बढ़ने के कारण बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र 23 जनवरी बंद करने के आदेश जारी कर दिए गये हैं। आंगनवाडी केंद्र बंद की स्थिति में आंगनबाड़ी वर्करो की अहमियत बढ गई है। विभाग द्वारा नवजात, कुपोषित बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं और छह माह के बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए नए निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके मुताबिक गृह भ्रमण के दौरान अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पांच कार्यों पर प्राथमिकता से ध्यान देंगी। इसमें नवजात, कुपोषित व सैम एवं मैम बच्चों, पहले त्रैमास की गर्भवती व धात्री महिलाओं और छह माह के बच्चों को चिन्हित कर उन्हें योजनाओं का लाभ देना शामिल है।

केंद्र बंद की स्थिति में आंगनवाडी वर्करो को दिए गये आवश्यक निर्देश पढ़े

बुधवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गोड़ ने बताया जिले में आंगनबाड़ी केन्द्र बंद है लेकिन आंगनवाडी सेवाएं जारी रहेंगी हैं। जिसमे अनुपूरक आहार, परामर्श सेवाएं, वृद्धि निगरानी, आयरन की गोलियों का वितरण और संदर्भन आवश्यक सेवाएं हैं और ये सेवाए आंगनवाडी वर्करो द्वारा गृह भ्रमण कर जारी रहेंगी। यदि नवजात शिशु, अति कुपोषित बच्चों, सैम या मैम बच्चों और गर्भवती के आपदा में संक्रमित होने की आशंका अधिक होती है। तो उनका विशेष तौर पर ध्यान रखना आवश्यक है।





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