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दुर्गा रूप बनकर आंगनवाड़ी वर्करों ने कहा “हम निर्दोष है, अधिकारी फंसे तो इल्जाम आंगनवाड़ी पर लगाया

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आगरा जिले मे सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले धरना सभा आयोजित की गयी इसके बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने उपवास में दुर्गा’ बन नंगे पैर घेराव करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। आंगनवाड़ी वर्करो ने निलंबित की गयी आंगनवाड़ी के लिए निष्पक्ष जांच और निर्दोष को नहीं फंसाने को लेकर एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला को ज्ञापन दिया।

आंगनबाड़ियों की सभा के दौरान पुलिस ने चारों तरफ से घेराबंदी कर रखी थी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने डीपीओ और सीडीपीओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अधिकारियों के दबाव में मजबूरीवश कार्य किए हैं। इस विरोध प्रदर्शन मे कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा अपने साथ छोटे-छोटे बच्चों को भी लाया गया था।

इसके बाद संगठन का प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा वंगारी से मुलाकात की और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बहाली के लिए एक हफ्ते का समय दिया । संगठन ने चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिन आंगनवाड़ी को निलंबित किया गया है सिर्फ उनकी जांच होगी। अन्य आंगनवाड़ी को परेशान नहीं किया जाएगा। इसीलिए सभी आंगनवाड़ी अपने केंद्रों पर ईमानदारी से पुष्टाहार का वितरण कराएं। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी द्वारा जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों मे पुष्टाहार वितरण की बारीकी से जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम सदर और अन्य मजिस्ट्रेट को लगाया गया है।

आंगनवाड़ी संघ के प्रदेश प्रवक्ता राजेश शर्मा ने कहा कि जिले के संघ की जिलाध्यक्ष मंजूवाला और प्रदेश उपाध्यक्ष डालचंद चौधरी ने पुष्टाहार में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की शिकायत को लेकर 28 अगस्त को तत्कालीन डीएम भानुचंद्र गोस्वामी और जिला कार्यक्रम अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। लेकिन आंगनवाड़ी के कहने पर कोई सच नहीं मान रहा था इसीलिए सही से जांच नहीं हुई।

जिसके कारण विभाग के अधिकारी लगातार आंगनवाड़ी से अवैध वसूली और पुष्टाहार की कालाबाजारी कराते रहे। अगर 28 अगस्त को दिये गए ज्ञापन के आधार पर जांच होती तो जिले मे इतने बड़े स्तर पर पुष्टाहार वितरण में घोटाला न होता।

जिले के जगनेर क्षेत्र की आंगनबाड़ी वर्करो का कहना था कि सीडीपीओ प्रत्येक केंद्र से 5 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह वसूली कर रहे हैं। कम राशन देने का विरोध करने पर आंगनबाड़ी का उत्पीड़न किया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि पुष्टाहार वितरण बंद किया जाए साथ ही पुष्टाहार की धनराशि सीधी लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाए।

आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अधिकारी अपनी नौकरी बचाने के लिए निर्दोष आंगनवाड़ी पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। जबकि अधिकारियों द्वारा ही अवैध वसूली करवाई जाती है कमीशन न देने पर सुपरवाइजर रजिस्टरों को कब्जे में कर लेते थी। कार्रवाई की धमकी देकर दो हजार से पांच हजार रुपये की वसूली की जाती थी। वही सीडीपीओ अवैध वसूली का विरोध करने पर कहते थे कि पुष्टाहार बेचो और हमें कमीशन दो।

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