Anganwadi bharti news: प्रदेश में 20 हजार आंगनवाडी पदों पर नए सिरे से होंगे आवेदन, भर्ती प्रक्रिया दो चरणों में होगी
आंगनवाड़ी भर्ती न्यूज
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लखनऊ प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आंगनवाडी के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए नया खुलासा किया किया है अब प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती दो चरणों में की जाएगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और सहायिकाओं के 20,000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अगले छह माह में पूर्ण कराएं।
रिक्त पदों की संख्या में हुआ इजाफा
बाल विकास व पुष्टाहार विभाग ने अगले पांच सालों की कार्ययोजना का खाका तैयार किया है कि अब इन भर्तियों को दो चरणों में किया जाएगा। अवगत हो कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं की 2011 से भर्तियां नहीं हुई हैं जिसके कारण प्रदेश में आंगनवाडी के पदों पर रिक्त पदों की संख्या बढ़ गयी है दो वर्ष पूर्व 62 वर्ष पूर्ण कर चुकी आंगनवाडी वर्करो को रिटायर्ड कर दिया गया था जिसके कारण आंगनवाडी के रिक्त पदों की संख्या में बहुत बड़ा इजाफा हुआ इसीलिए नयी कार्ययोजना में आंगनवाडी भर्ती का प्रस्ताव सीएम के सामने रखा जाएगा। प्रदेश में आंगनबाड़ी वर्करो के लगभग 55 हजार पद रिक्त हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार पहले चरण में शुरुवात में आंगनवाडी के 20 हजार पदों पर भर्तियां की प्रक्रिया छह महीने के अंदर की जाएंगी और दुसरे चरण में बाकी बचे 35 हजार पदों को भरने की प्रक्रिया को एक वर्ष में पूर्ण किया जायेगा
आरक्षण तय न होने के कारण लटकी भर्ती
अवगत हो कि जनवरी 2021 में बाल विकास विभाग ने 50 हजार पदों को भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था जिसके लिए अलग अलग जिलो में भर्ती करने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी थी । अभ्यर्थियों से इसके लिए विभागीय पोर्टल से आवेदन लिया जा रहा था इस भर्ती प्रक्रिया में आर्थिक पिछड़ों को आरक्षण नहीं दिया जा रहा था। चूँकि पोर्टल में ews का कोलम नही था इसीलिए अभ्यर्थी इस पर प्रमाणपत्र अपलोड नहीं कर पा रहे थे। इससे नाराज होकर कुछ आवेदक कौर्ट चले गये नियमो की अनदेखी का हवाला देते हुए कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया में कोर्ट ने संशोधन करते हुए सरकार से भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण किये जाने की बात कही बहुत से जिलो में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी थी हार्ड कॉपी के सत्यापन की कार्यवाही चल रही थी ऐसे में कोर्ट द्वारा भर्ती के हस्तक्षेप से भर्ती प्रक्रिया अधर में लटक गयी जिसके कारण कई जिलों के डीएम ने हाथ खड़े कर दिए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर जिले में आंगनबाड़ी के अपने भवन होने चाहिए। शुरुवाती दौर में कम से कम 5,000 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जाए। चूँकि आंगनवाडी केन्द्रों को हम प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित कर रहे हैं। इसीलिए इन आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी (बेहतर आधारभूत सुविधाएं, ऑडियो विजुअल ऐड्स एवं क्लीन एनर्जी युक्त) के रूप में विकसित किया जाए आंगनबाड़ी केंद्रों में 03 से 06 वर्ष आयु के बच्चों को हॉट कुक्ड मील के साथ-साथ अधिक पोषण युक्त मॉर्निंग स्नैक्स (दूध-फल आदि) भी दिया जाना चाहिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और स्वास्थ्य सखियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाया जाए प्रत्येक आंगनवाडी कार्यकर्त्री व सहायिका को गणवेश के रूप में दो-दो साड़ी दी जाए। और इनके क्षमता आधारित मूल्यांकन और सर्टिफिकेशन के संबंध में विचार किया जाए