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करोड़ों रुपए का पोषाहार खर्च होने के बाद भी सबसे अधिक कुपोषित बच्चे

उत्तरप्रदेश समेत पूरे देश मे पोषण माह चल रहा है जिसमे बच्चों व किशोरियों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार द्वारा कई विभागो को लगा रखा है साथ ही प्रदेश स्तर पर कई योजनाएं भी चल रही हैं। लेकिन इसका कोई खास नतीजा नहीं निकल रहा है।

पोषण माह में बांदा मंडल के चारों जिलों में कुल 17,153 से ज्यादा बच्चे कुपोषित चिन्हित किए गए हैं। जिसमे 4,424 बच्चे अति कुपोषित और 17453 बच्चे कुपोषित की श्रेणी में पाये गए हैं। इतनी बड़ी संख्या मे बच्चो मे कुपोषण होने के बाद भी विभागीय अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

मंडल के सभी जिलो मे बच्चो को कुपोषण मुक्त करने के लिए प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग और जिला कार्यक्रम विभाग के लगभग पांच हजार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी थी।

साथ ही जुलाई और अगस्त माह में बच्चों को करीब छह करोड़ का पोषाहार भी वितरण किया गया लेकिन इसके बाबजूद भी बच्चो का कुपोषण दूर नहीं हो सका है।

मंडल में कुपोषित बच्चों का ब्योरा

जनपदकुपोषितअति कुपोषित
बांदा 7360 2184
चित्रकूट 41981234
हमीरपुर 3534 648
महोबा 2061 358
योग 17,153 4,424

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा बच्चो मे कुपोषण खत्म करने के लिये अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन मंडल के चारों जिलों में कुपोषित बच्चो के आंकड़ो को देखकर लगता है कि ये अभियान सिर्फ कागजों में ही चलाया जा रहा है।

जबकि सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत अतिकुपोषित और कुपोषित छह वर्ष तक की आयु के बच्चों को अतिरिक्त अनुपूरक पोषाहार के रूप मे चना दाल, गेहूं दलिया व खाद्य तेल दिया जाता हैं।

जिसमे प्रति बच्चे को डेढ़-डेढ़ किलो चना दाल व दलिया, आधा लीटर खाद्य तेल का पैकेट दिया जाता है। इन आंगनवाड़ी केन्द्रो पर पोषाहार वितरण की ज़िम्मेदारी शासन ने स्वयं सहायता समूह को दी है।

बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिए इस अभियान मे बाल विकास विभाग के आंगनवाड़ी वर्करो द्वारा बच्चो को नियमित चिन्हित किया जा रहा है। साथ ही अतिकुपोषित गंभीर श्रेणी के बच्चो को एनआरसी में भर्ती कर इलाज कराया जा रहा है।

देखा जाये तो मंडल के चारों जनपदों के आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब छह लाख बच्चे पंजीकृत हैं। जिसमें 17153 बच्चे कुपोषित की श्रेणी मे और 4424 बच्चे अतिकुपोषित की श्रेणी मे है।

दो माह में 514596 किलो ग्राम चना दाल व दलिया और 17153 लीटर रिफाइंड तेल में करीब छह करोड़ का पोषाहार खर्च होने के बाद भी बच्चों का कुपोषण दूर नहीं किया सका है।

Aanganwadi Uttarpradesh

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2 Comments

  1. सरकार सिर्फ पोषण आहार का दिखावा कर रही है ऐसा कुछ नहीं कर रही है आपको मैं उसका विडियो भेज सकता हूं सिर्फ रजिस्टर में दिखना है कि कितने गर्भवती और कितने धात्री महिला है सरकार राशन एक साल में दो से तीन बार देकर अपना पल्ला झाड़ लेते है ऐसा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है जो जिला संतकबीरनगर ब्लांक नाथनगर के आंगनबाड़ी केंद्र शांन्ति नरगा पार में ईनकी ड्यूटी है