महोबा : आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन से छह साल तक के बच्चों को भी गर्मागर्म भोजन मिल सकेगा। उनके लिए संचालित हाटकुक्ड योजना को मिडडे मील योजना से जोड़ा गया है। अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही पुष्टाहार पका कर केंद्रों पर लाती थीं। उनके नहीं आने पर बच्चे भूखे रह जाते थे। इसे गंभीरता से लेते हुए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग ने मिलकर यह तरीका निकाला है।
जिले में 881 आंगनबाड़ी केंद्रों में 22 हजार बच्चे पढ़ते हैं। केंद्रों पर भोजन बनाने की जगह नहीं होने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुष्टाहार पकाकर लाना होता था। भोजन वितरित नहीं होने की शिकायतें आ रही थीं। 80 फीसद केंद्र प्राथमिक विद्यालयों में संचालित हो रहे हैं। ऐसे में हाटकुक्ड योजना को मिडडे मील योजना से जोड़ने में कोई दिक्कत भी नहीं आएगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि स्कूलों के किचन, गैस और राशन का इस्तेमाल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों को दिए जाने वाले भोजन को बनाने में करेंगी। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग राशन और गैस आदि का भुगतान बेसिक शिक्षा विभाग को करेगा। जिले में यह योजना शुरू कर दी गई है।