उत्तरप्रदेश मे आंगनवाड़ी के पदो पर भर्ती नियमावली जारी की जा चुकी है अब बाल विकास विभाग द्वारा भर्ती नोटिफ़िकेशन जारी किया जाएगा इसको लेकर कयास लगाए जा रहे है कि विभाग कभी भी विज्ञप्ति जारी कर सकता है लेकिन निकाय चुनाव के कारण भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है
अधिकांश महिलाए इस भर्ती को लेकर बहुत इंतजार कर रही है लेकिन इस भर्ती के लिए इन महिलाओ को आवश्यक दस्तावेज़ और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी लेना भी बहुत जरूरी है पूर्व कि गयी आंगनवाड़ी भर्ती मे बहुत बदलाव किए गए है जिसमे उम्र और शेक्षिक योग्यता भी शामिल है
आंगनवाड़ी के पदो पर आवेदन करने से पहले सुनिश्चित करे कि जिस क्षेत्र से आवेदन करना है वहा के सभी दस्तावेज़ होने चाहिए साथ ही उस क्षेत्र के आंगनवाड़ी केंद्र का पद किस श्रेणी के लिए आरक्षित है की पूर्ण जानकारी लेकर ही आवेदन करे
उम्र और शेक्षिक योग्यता की पूर्ण जानकारी के लिए क्लिक करे
आंगनवाड़ी की नियुक्ति केसे होती है आंगनवाड़ी कार्यकत्री तथा सहायिकाओं के पद पर चयन हेतु एक स्थानीय तथा एक प्रदेश स्तर के समाचार-पत्र में विज्ञप्ति प्रकाशित की जाती है तथा जिले स्तर से आंगनवाड़ी भर्ती के सम्बंध मे डीपीओ द्वारा आदेश जारी किया जाता है । जिसमे आवेदन शुरू होने की तिथि से आवेदन की अंतिम डेट और केन्द्रो के रिक्त पदो की जानकारी दी जाती है
आंगनवाड़ी के पदों पर सीधी भर्ती हेतु चयन की वरीयता
आवेदन करने वाली उसी ग्राम सभा या वार्ड की निवासी जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की विधवा तलाकशुदा / तलाकशुदा / परित्यक्ता महिला को इस भर्ती मे वरीयता दी जाती है
विधवा महिला के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी / सम्बन्धित नगर निकाय द्वारा निर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र एवं परिवार पंजिका की प्रमाणित नकल मान्य होगी।
तलाकशुदा/परित्यक्ता के संबंध में मा0 न्यायालय द्वारा निर्गत विधिक आदेश मान्य होंगे।
इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे साथ ही आवदेन पत्र विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध फार्मेट पर ऑनलाइन व सही-सही सावधानी पूर्वक भरे जायेंगे। आवेदिका द्वारा अभिलेखों की स्व- हस्ताक्षरित प्रति, जो स्वच्छ व पठनीय हो, अपलोड की जाएंगी, जिनका उल्लेख उनके द्वारा ऑनलाइन फार्म में किया गया होगा।
कोई भी आवेदन या अभिलेख / प्रपत्र ऑफलाइन या डाक द्वारा मान्य नहीं होंगे। यदि आवेदन करने में कोई त्रुटि होती है या कोई तथ्य/आंकड़े/शैक्षिक अभिलेखों के प्राप्तांक / पूर्णांक गलत या कूटरचित पाए जाएंगे, तो आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
आंगनबाड़ी के पदो पर चयन के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों मे चयन समिति का गठन केसे होता है
- जिलाधिकारी द्वारा नामित मुख्य विकास अधिकारी अथवा अपर जिलाधिकारी स्तर का वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अध्यक्ष
- जनपद के जिला कार्यक्रम अधिकारी – सदस्य सचिव
- जिलाधिकारी द्वारा नामित अनुसूचित जाति/जनजाति के जिला स्तरीय अधिकारी – सदस्य
- जिलाधिकारी द्वारा नामित अन्य पिछड़ा वर्ग के जिला स्तरीय अधिकारी – सदस्य
- जिलाधिकारी द्वारा नामित जनपद में तैनात समूह ‘क’ अथवा ‘ख’ की महिला अधिकारी – सदस्य
- सम्बन्धित परियोजना के बाल विकास परियोजना अधिकारी सदस्य/ प्रस्तुतकर्ता चयन समिति की बैठक में किन्हीं 04 सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी, जिसमें अध्यक्ष व जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे, किन्तु उसमें अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व अनिवार्य होगा, जो सदस्य अनुपस्थित होगा, उसका विवरण अंकित किया जायेगा ।
मेरिट केसे बनती है
एक ही श्रेणी में एक से अधिक पात्र अभ्यर्थियों के उपलब्ध होने की दशा में सभी अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट बनायी जायेगी। आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री व सहायिका के सभी पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इण्टरमीडिएट या समकक्ष एवं अधिकतम शैक्षिक योग्यता परास्नातक के आधार पर मेरिट तैयार की जायेगी।
अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त अंक प्रतिशत को 10 से विभाजित करने पर जो उत्तर प्राप्त होगा, वही उसका अंक माना जायेगा अर्थात यदि किसी अभ्यर्थी को हाईस्कूल परीक्षा में 45 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं, तो उसे 45÷10=4.5 अंक प्राप्त होंगे, इसी प्रकार यदि किसी अभ्यर्थी को 59 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं, तो उसे 59:10 = 5.9 अंक प्राप्त होंगे।
इसी प्रकार ग्रेडिंग एवं सीजीपीए पद्वति में प्राप्त अंक भी आगणित किये जायेंगे। मेरिट सूची तैयार करने में दशमलव के तीन अंकों तक गणना की जायेगी। दशमलव के बाद के किसी भी अंक को पूर्णांकित नहीं किया जायेगा ।
समस्त परीक्षाओं के अंकों को जोड़ने के पश्चात् मेरिट लिस्ट तैयार की जायेगी। यदि एक से अधिक अभ्यर्थी समान अंक प्राप्त करते हैं, तो अधिक आयु वाले अभ्यर्थी को वरीयता दी जायेगी। यदि एक से अधिक अभ्यर्थी के अंक व आयु भी समान हों, तो अधिक शैक्षिक योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी को वरीयता दी जायेगी।
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं की नियुक्ति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विकलांग एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) हेतु समय-समय पर शासन द्वारा जारी आरक्षण से सम्बन्धित शासनादेशों का अनुपालन किया जायेगा।
जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों की कार्यकत्रियों, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के चयन के सम्बन्ध में पूर्व में कई बार चयन की कार्यवाही की जा चुकी है, लेकिन आरक्षित वर्गों की पात्र अभ्यर्थी उपलब्ध न होने के कारण चयन की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी है, उनमें से अनुसूचित जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित पद हेतु अधिकतम दो बार विज्ञप्ति प्रकाशित करायी जायेगी और यदि आरक्षित वर्ग के सम्बन्धित पात्र अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होते हैं, तो सम्बन्धित ग्राम सभा / न्याय पंचायत क्षेत्र से पुनः आवेदन-पत्र आमंत्रित किये जायेंगे। इसके बाद भी यदि पात्र अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं, तो पूरी परियोजना में आरक्षण की स्थिति का पुनः आंकलन कर लिया जाय और इस केन्द्र को अनारक्षित करते हुए आवश्यकता हो, तो किसी अन्य रिक्त केन्द्र को आरक्षण की श्रेणी में ले लिया जाये, जिसमें आरक्षित वर्ग की अभ्यर्थी उपलब्ध हो। यदि परियोजना स्तर पर उपरोक्त कार्यवाही किये जाने के उपरान्त भी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं, तो जनपद स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा आरक्षण का आंकलन कर लिया जाये और एक परियोजना में अभ्यर्थी उपलब्ध न होने के कारण उसकी
प्रतिपूर्ति दूसरी परियोजना में रिक्त पदों पर आरक्षण करते हुए पूर्ण कर ली जाय । इन दोनों स्थितियों में जिलाधिकारी का अनुमोदन आवश्यक एवं अनिवार्य होगा।
समायोजन
यदि जनपद के अन्तर्गत कोई दो आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका परस्पर समायोजित की जा सकती हैं, तो इस सम्बन्ध में उनका प्रार्थना पत्र प्राप्त कर निवास प्रमाण पत्र की पुष्टि के पश्चात जिलाधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करते हुए समायोजित किये जाने पर विचार किया जायेगा। उक्त स्थिति में यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि वे वर्तमान समय में वहां की निवासी हों तथा किसी भी दशा में आरक्षण प्रभावित नहीं हो ।
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एक आंगनबाड़ी केन्द्र पर एक ही परिवार की दो महिलाओं की नियुक्ति आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिका के पद पर नहीं की जायेगी ।
सेवा समाप्ती
यदि वर्तमान में कार्यरत कोई आंगनवाड़ी कार्यकत्री व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की कार्यकत्री एवं सहायिका द्वारा ग्राम सभा सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष/ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका सदस्य एवं सभासद / पार्षद तथा महापौर आदि पर निर्वाचित हो जाती है, तो उसकी मानदेय आधारित संविदा सेवा निर्वाचित घोषित होने के बाद तथा शपथ लेने की तिथि से स्वतः समाप्त समझी जायेगी। इसके लिए अलग से नोटिस दिये जाने की बाध्यता/आवश्यकता नहीं होगी ।
यदि कोई आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका चयन के बाद मूल निवास से सम्बन्धित अपना गांव छोड़ देती है या किसी अन्य गांव में निवास करने लगती है या शादी होने की स्थिति में अन्यत्र रहने लगती है, तो ऐसी परिस्थितियों में क्षेत्रीय मुख्य सेविका व बाल विकास परियोजना अधिकारी से आख्या प्राप्त कर मानदेय आधारित सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जायेगी ।
यदि कोई आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका अपने दायित्व का निर्वहन ठीक से नहीं करती है, अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहती है, केन्द्र का संचालन / अनुपूरक पोषाहार का वितरण ठीक से नहीं करती है, तो उसे नोटिस देकर जिलाधिकारी स्तर पर सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए जिलाधिकारी का अनुमोदन प्राप्त कर संविदा आधारित मानदेय सेवा समाप्त की जाएगी।