आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चो की खेल किट में हुआ भ्रष्टाचार,
आंगनवाड़ी न्यूज़
बहराइच जनपद मे बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के खेलने के लिए खिलोनों मे बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है कंही खिलौने भी नहीं भेजे गए तो कंही खिलोनों की संख्या घटा दी गयी है। आंगनवाड़ी द्वारा शिकायत पर जिला स्तरीय टीम ने सत्यापन किया तो खेल सामाग्री के वितरण रोक लगा दी गयी है। जिले के सीडीपीओ कार्यालयों में खिलौने डंप पड़े हुए हैं। घोटाले को देखते हुए कंपनी के भुगतान को रोककर शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। अब शासन के निर्देश पर आगे की कार्यवाही की जाएगी
उत्तर सरकार द्वारा बाल विकास विभाग मे आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चों के लिए खिलौनों की खरीद के लिए जैम पोर्टल के माध्यम सेअनुमति दी गयी थी। इसके लिए जिले के 14 ब्लॉकों में नामित कंपनी का चयन कर खिलौनों की आपूर्ति की जानी थी। जिले के हर आंगनवाड़ी केंद्र के लिए 2300 रुपये की लागत से खिलौना किट पर टेंडर पास किया गया था। कंपनी ने टेंडर के बाद ब्लॉकों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के हिसाब से सीडीपीओं को खिलौनों की किट उपलब्ध कराई। लेकिन किट मे खिलोनों की संख्या देखकर विभागीय अधिकारी भी दंग रह गए। जनपद के जिला कार्यक्रम अधिकारी राज कपूर ने घटिया खेल सामग्री की पुष्टि होने पर वितरण रोक दिया गया है।
जिले के 14 ब्लॉकों के 2850 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पहुंची खेल सामग्री 2300 रुपये प्रति आंगनवाड़ी केंद्र की दर से खरीद की गयी जिसका 65.55 लाख रुपये का कंपनी ने बिल भेज दिया। लेकी खेल किट मे घटिया सामग्री आपूर्ति का खुलासा होने पर कंपनी का भुगतान रोक दिया गया है। बाल विकास विभाग द्वारा जारी टेंडर 13 प्रकार के खिलौने किट में होने चाहिए। और हर किट में अलग-अलग संख्या के खिलौने निर्धारित किए गए थे। सरकार की तरफ से हर आंगनवाड़ी केंद्र के लिए 2300 रुपये का बजट इन खिलौनों की खरीद पर खर्च किया गया है।
घटिया खिलौनों की जांच करने वाले अधिकारी को अब रिपोर्ट में बदलाव करने का भी दबाव की बात भी सामने आ रही। लेकिन जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार कर दिया है। बाल विकास विभाग निदेशालय को भेजी गयी रिपोर्ट मे टेंडर के हिसाब से खेल सामाग्री न भेजने पर कंपनी पर कार्यवाही हो सकती है।
डीपीओ ने निर्धारित मानक व संख्या के हिसाब से खिलौना की जांच को टीम गठित कर दी है। टीम द्वारा जांच में खिलौने की गुणवत्ता बेहद खराब निकली और इस किट मे किट मे दिये गए खिलोनों की संख्या भी बहुत कम है जांच टीम की रिपोर्ट पर इन खिलौनों का वितरण पर रोक लगा दी गयी है।