आंगनवाड़ी केंद्रों पर प्री प्राइमरी के तहत बच्चो को किताबे देने के संबंध मे आदेश जारी
आंगनवाड़ी न्यूज
केंद्र सरकार द्वारा 2020 की नयी शिक्षा नीति योजना के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रो पर प्री प्राईमरी की पढ़ाई शुरू की जा रही है इसके लिए अब सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके लिए प्रशिक्षण से लेकर पाठन सामाग्री की व्यवस्था की जा रही है।
बिजनौर इसी क्रम मे बीएसए कार्यालय द्वारा जिले के परिषदीय स्कूलों में चल रहे 864 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 65 हजार किताब भेजी जा रही है। इनमे 6 तरह की किताबे है। जिले में करीब 3 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है।लेकिन शुरुवात मे परिषदीय स्कूलों के 864 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर छह तरह की किताब भेजी जाएंगी।
बिजनौर के बीएसए जयकरन यादव का कहना है कि जिले मे 65 हजार किताब पहुंच चुकी है जिसका सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन होने के बाद आंगनबाड़ी केन्द्रों पर किताब भेज दी जाएंगी।
जिले के डीसी प्रशिक्षण विवेक बंसल ने बताया कि बच्चो की संख्या के आधार पर छह तरह की किताब आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भेजी जा रही है। इनमे चहक दो और चहक तीन, परिकलन दो और तीन, कलांकुर तथा एनवीटी की कार्यपुस्तिका भेजी जा रही है।
आजमगढ़ जिले के आंगनकेंद्र केंद्र भी प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में विकसित किए जा रहे है। जिले में 4956 लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ रहे बच्चों को पहली बार ये रंग-बिरंगी किताबें दी जायेगी। आंगनवाड़ी केन्द्रो के तीन से छह वर्ष के बच्चों को शासन द्वारा करीब 75 हजार अधिक किताबें जिला मुख्यालय पर पहुंच चुकी है। सत्यापन होने के बाद ये किताबे आंगनबाडी केंद्रों पर भेज दी जायेगी।
जिले में कुल 5588 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं। परिषदीय स्कूलों व उनके सौ मीटर के अंदर संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को लोकेटेड व 1632 आंगनबाड़ी केंद्रों को नान लोकेटेड श्रेणी में रखा गया है।अभी तक सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चो को पोषण व शारीरिक गतिविधियों पर ही ध्यान देती है। नयी शिक्षा नीति मे केन्द्रो के बच्चो को मान्यता प्राप्त शिक्षा मिलेगी। शासन द्वारा अब कान्वेंट विद्यालय की तर्ज पर प्ले ग्रुप पीजी व किंडर गार्डेन केजी की कक्षाएं संचालित की जाएगी। जिले मे हर केंद्र पर तीन से छह साल तक के औसतन 21 बच्चे पंजीकृत है। हर केंद्र के लिए शासन स्तर से 21 किताबें ही भेजी गई हैं।