उत्तरप्रदेश में योगी सरकार बाल विकास विभाग मे कार्य करने वाली आंगनवाड़ी वर्करों को मानदेय के रूप मे 1500 रुपए का भुगतान कर रही है इसका भुगतान अतिरिक्त मानदेय के रूप किया जाता है इस मानदेय के लिए शासन द्वारा अतिरिक्त बजट के रूप में धनराशि का शासनादेश जारी किया जाता है।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनवाड़ी वर्कर एक मानदेय के आधार पर कार्य करती है चूंकि सरकार की नियमावली के अनुसार आंगनवाड़ी एक अल्प कर्मी है इसीलिए सरकार आंगनवाड़ी वर्करों के कार्यों के लिए इनको एक वेतन न देकर एक सम्मान की दृष्टि से मेहनताना के रूप में मानदेय देती है।
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आंगनवाड़ी वर्कर केंद्र सरकार की एकीकृत बाल सेवा योजना (icds) के अंतर्गत कार्य करती है इस योजना की शुरुवात सन 1975 मे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी जिसका उद्देश्य निचले तबके की महिलाओं को सामाजिक दृष्टि से उबारना था ये महिलाएं 6 माह से 6वर्ष के बच्चो की शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देती थी।
चूंकि इस योजना की शुरुवात में इन महिलाओ को एक समाजसेवी मानते हुए कोई धनराशि नहीं दी जाती थी लेकिन समय के अनुसार इन आंगनवाड़ी महिलाओ ने वेतन की मांग करनी शुरू कर दी। इन वर्करो की लगातार मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक समाजसेवी मानते हुए इनको भरण पोषण के लिए एक धनराशि देने की व्यवस्था कर दी। 48 वर्ष बीतने के बाद आज भी इन आंगनवाड़ी वर्करों को केंद्र सरकार ने इन्हे कर्मचारी का दर्जा नही दिया है। केंद्र सरकार आज भी इन्हे अल्प कर्मी मानती है जिसकी वजह से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी वर्करो के कर्मचारी के संबंध मे कोई नियमावली जारी नहीं कर सका है।
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वर्तमान केंद्र सरकार आज इन्हे मानदेय के रूप मे 4500 रुपए की धनराशि मानदेय के रूप मे देती है अलग अलग राज्यो मे केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी अपने बजट से आंगनवाड़ी वर्करों को अतिरिक्त मानदेय देती है जिसमे कई राज्य इनको 5 से 8 हजार तक मानदेय दे रहे है लेकिन उत्तरप्रदेश सरकार इन वर्करों को मात्र 1500 रुपए का भुगतान करती है इसके विरोध मे आंगनवाड़ी यूनियन मानदेय वृद्धि और कर्मी का दर्जा दिए जाने की लगातार मांग करती आ रही है।
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उत्तरप्रदेश की राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी के मानदेय देने की शुरुवात सपा सरकार ने की थी उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय मे 200 रुपए की बढ़ोत्तरी की थी इसके बाद 2016 मे सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आंगनवाड़ी वर्करों की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी 800 रुपए में की थी लेकिन सपा सरकार के जाने के बाद योगी सरकार ने पूरे कार्यकाल में आंगनवाड़ी वर्करो के मानदेय बढ़ाने को लेकर बड़ी बड़ी घोषनाए की।
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योगी सरकार ने चुनाव नजदीक आने के बाद आंगनवाड़ी के अतिरिक्त मानदेय के रूप में 500 रुपए की मामूली सी बढ़ोत्तरी की और उन्हें 1500 रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की लेकिन इन 1500 रुपए के लिए कई मापदंड भी तय कर दिए जिसकी वजह से प्रत्येक आंगनवाड़ी के लिए इन मापदंडो को शत प्रतिशत पूर्ण करना आसान नहीं है वर्तमान समय मे देखा जाए तो आंगनवाड़ी वर्करों को 4500 रुपए केंद्र सरकार से और 1500 रुपए राज्य सरकार से कुल 6 हजार मानदेय मिल रहा है।