फर्रुखाबाद जिले में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, ड्राइवर समेत विभिन्न पदों मे नौकरी के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर युवाओं से लाखों रुपये की ठगी की गयी है।
समाज कल्याण, विकास भवन और जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में कई युवा नियुक्ति पत्र पर डीएम और सीडीओ के हस्ताक्षर लेकर ज्वॉइनिंग देने पहुंचे तो इस फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ।
जबकि इन विभागो मे किसी भी भर्ती का कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है। लेकिन इसी बीच भर्ती के नाम पर लाखो रुपये ठगने वाले को युवाओ ने कचहरी में ही दबोच कर फतेहगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया है। इस बड़ी ठगी को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों में हलचल मच गई।
समाज कल्याण विभाग में ड्राईवर के पद पर कार्यरत शमसाबाद के हंसा गौराई निवासी मोहम्मद इसरार ने युवाओ को अपने झांसे मे फांस लिया।
इसने समाज कल्याण विभाग में 6 नियुक्तियां होने के नाम पर महिला वैकेंसी के लिए 10 हजार और पुरुष वैकेंसी के लिए 65 हजार रुपये ठग लिए। मोहम्मद इसरार ने कई बेरोजगारो से लगभग 3 लाख रुपये लेकर उन्हें नियुक्ति पत्र भी दे दिए।
इसरार ने बाल विकास विभाग मे आंगनबाड़ी महिला सुपरवाइजर, दो ड्राइवर, एक चपरासी, जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में एक ड्राइवर और विकास भवन में एक महिला के लिए रिक्त पदो की बात कहकर बड़ी ठगी की है।
जब नियुक्ति पत्र लेकर ये युवा ड्यूटी करने पहुंचे तो कार्यालयों से पता लगा कि यह फर्जी नियुक्ति पत्र हैं। इस पर सभी लोगों ने मोहम्मद इसरार से रुपये मांगे तो वह बात को घुमाने लगा।
इससे पहले भी इसरार बदायूं जिले में भी बेरोजगार युवकों को अपनी ठगी का निशाना बना चुका है। पुलिस की पूछताछ में इसरार ने खुलासा किया कि फर्जी नियुक्ति पत्र उसे लखनऊ के अनुज यादव ने दिये हैं।
पुलिस ने उसके पास से बगैर जिला मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर के एक परिचय पत्र बरामद किया जिस पर महेंद्र कुमार राठौर, लिपिक जिला मजिस्ट्रेट अंकित है।
इसरार के पास से जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से ड्राइवर राजकुमार के नाम से अंकित परिचय पत्र भी मिला है। मोहम्मद इसरार के पास भी एक परिचय पत्र समाज कल्याण विभाग के फील्ड ऑफिसर का पाया गया है। पुलिस ने उसके पास से कई अन्य दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
डीपीओ सुनील कुमार श्रीवास्तव कहना है कि आंगनबाड़ी सुपरवाइजर की भर्ती शासन स्तर से होती है। शासन की तरफ से सुपरवाइजर भर्ती का कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। अगर कोई फर्जी तरीके से ऐसी वारदात करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।