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आंगनवाडी भर्ती में कार्यकत्री का पद एक लाख में

आंगनवाडी न्यूज़

मुजफ्फरनगर  जनपद में लगातार कुपोषित बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है। प्रदेश की योगी सरकार 0 से 6 साल के बच्चों और गृभवती धात्रियों को स्वस्थ्य व कुपोषण को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है। बावजूद इसके यदि देश और प्रदेश की बात करें तो हर दिन बच्चे कुपोषित मिल रहे है। वही जनपद की बात करें तो जिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र में अक्टूबर माह में 18 सम (अति कुपोषित) बच्चों भर्ती कराएं गए थे। वर्तमान में यहां कुपोषित बच्चों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हुआ है।

रविवार को पोषण पुनर्वास केंद्र के सभी बेड पूरे भर गए है। सभी 10 बेड पर कुपोषित बच्चे भर्ती है। जनपद में लगातर कुपोषण का शिकार बच्चे बढ़ रहे है। रविवार को जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र पर डाइटिशियन नेहा त्यागी ने बताया कि जनपद में लगातार बढ़ रहे सम(अति कुपोषित) श्रेणी के बच्चों को देखते हुए सरकार हर तरह से जनपद में कुपोषण को दूर करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि कुपोषण पुनर्वास केंद्र में अक्टूबर माह में सबसे अधिक 18 सम बच्चे भर्ती कराएं गए थे। जबकि पोषण पुनर्वास केंद्र पर 10 सम बच्चों को एक रखने की व्यास्था है। उन्होंने बताया कि जनपद में तेजी से कुपोषण बच्चों का ग्राफ बढ़ा है। उन्होंने बताया कि आंगनबाडी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और 0 से 6 वर्ष के बच्चों को पोषाहार का वितरण किया जाता है। लेकिन जिस तरह से आंगनबाडी केंद्रों पर पोषाहार का वितरण के दावों के बावजूद कुपोषण बढ़ रहा है।

जनपद में आंगनवाडी भर्ती में कार्यकत्री का पद का रेट एक लाख में

फर्रुखाबाद जनपद में आंगनबाड़ी भर्ती पूर्ण होने से पहले ही रेट फिक्स हो गये है विभागीय कर्मचारियों और एक सहायिका के पति की बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद हलचल मच गई है। ऑडियो में सहायिका का पति गरीबी का वास्ता देकर गुहार लगा रहा है । वहीं विकास भवन की एक महिला कार्मिक की ओर से भी सहायिका के पति को विकास भवन मे सीधे बातचीत करने को कहा जा रहा है। इस बीच आडियो वायरल होने के मामले में मुख्य विकास अधिकारी एम अरुन्मोली ने समिति से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने सभी ऑडियो भी तलब कर लिए हैं। आंगनबाड़ी भर्ती के चयन की प्रकिया अभी चल रही है। सत्यापन का काम भी चल रहा है।

जिले में आंगनवाडी भर्ती के बढ़ते भ्रस्टाचार को देखते हुए महिला आंगनवाडी कर्मचारी संघ ने भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की है

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री सहायिका संघ की प्रदेश अध्यक्ष किरन वर्मा ने भी कार्यालय पहुंचकर हलचल मचा दी। किरण वर्मा कुछ कार्यकत्रियो के साथ डीएम से मिलने पहुंची और कार्यकर्त्री चयन में अनियमितता को लेकर मांग पत्र दिया।डीएम के न मिलने पर यह मांग पत्र सिटी मजिस्ट्रेट को दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष ने शासनादेशों को लगाते हुए भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण समेत शमसाबाद के एक कार्मिक के अलावा विकास भवन में संबद्ध एक कार्मिक के कारनामों का उल्लेख किया। इसके साथ ही मुख्य सेविका, विकास भवन के कार्मिक, शमसाबाद के कार्मिक व विभागीय एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के आडियो की सीडी भी सौंपी। आडियो में कार्मिकों की ओर से चयन कराने को मोल भाव सामने आया है। शमसाबाद का एक कार्मिक सीधे तौर पर आडियो में सहायिका से पति से कह रहा है कि दो दिन का समय है इंतजाम कर लो वरना दूसरे का नाम आ जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष ने मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की। आंगनबाड़ी भर्ती में अनियमितताओं के संबंध में की गयी शिकायत के संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद ने बताया कि प्रक्रिया पूरी तौर पर आनलाइन है। जो दलाल लोग सक्रिय हैं उनको चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। उधर आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण को लेकर भी प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाए हैं।

वायरल ऑडियो में आवेदक से एक लाख की मांग

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शमसाबाद क्षेत्र के गांव सुल्तानगंज खरेटा निवासी वसुधा पत्नी विजय शर्मा आंगनबाड़ी में सहायिका हैं। 2010 से उनके पास कार्यकर्ता का प्रभार है। उन्होंने कार्यकर्ता पद के लिए आवेदन भी किया है। विजय को डीपीओ कार्यालय की महिला अधिकारी ने फोन कर रिश्वत मांगी और कार्यालय बुलाया। विजय ने कहा कि गरीब हैं और बेटी की शादी भी करनी है। महिला अधिकारी ने कहा कि काम कराना है या नहीं सीधे बताओ। विजय ने दूसरे दिन फोन कर कहा कि विकास भवन आ जाऊं, महिला ने जवाब दिया कि अब साहब से सीधे मिलो, वही काम करा पाएंगे। विजय ने जब जमा किए गए कागजों की रिसीविंग मांगी तो महिला अधिकारी ने कहा कि 50 लोगों के कागज जमा हैं, तुम्हारे कागज क्या अनोखे हैं। फिर विजय ने ब्लाक में संविदा पर तैनात महिला के भाई को फोन किया तो उसने भी एक लाख रुपये जमा करने की सलाह देते हुए कहा कि चयन तो लखनऊ से होगा। एक सूची भेजी जा चुकी है। रात-रात भर काम चल रहा है। फिर विजय ने मुख्य सेविका से बात की तो उसने जवाब दिया सहायिका से 50 हजार रुपये ले लेना चाहिए। वैसे तो मिनी आंगनबाड़ी के लिए 50 हजार व आंगनबाड़ी के लिए एक लाख रुपये लिए जा रहे हैं। वह सिफारिश कर देंगी तो 10-5 हजार रुपये कम हो जाएंगे।

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भ्रस्टाचार में लिप्त दिपियो के खिलाफ चल रही है जांच

डीपीओ के खिलाफ चल रही दो मामलों में जांच जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जैम पोर्टल से कार्यदायी संस्था का चयन कर पिछले दिनों आठ ब्लाक कोआर्डिनेटर व आठ कंप्यूटर आपरेटरों की मनमाने तरीके से भर्ती की गई। इसमें कलक्ट्रेट से लेकर विकास भवन के कर्मचारियों के रिश्तेदारों को लगा लिया गया। इसकी शिकायत पर एडीएम स्तर से जांच लंबित चल रही है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का नियम विरुद्ध वेतन रोकने के मामले में जिला विकास अधिकारी जांच कर रहे हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद जनपद में पिछले पांच वर्ष से तैनात हैं। अब इनके खिलाफ लगातार शिकायतों की संख्या बढ रही है

आंगनवाडी वर्करो का धरना लगातार जारी

रामपुर में कुपोषण नही थम रहा

रामपुर जिले में वर्तमान में 132122 बच्चे कुपोषण की गिरफ्त में हैं। इनमें 115398 बच्चे कुपोषित व 16724 बच्चे अति कुपोषित पाए गए हैं। इस वर्ष अप्रैल से अक्तूबर तक कुपोषित हुए 150947 बच्चों में 18825 बच्चे इलाज आदि के बाद सुपोषित भी हो गए हैं। बाल एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से जिले में विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम चलाने के बाद भी बड़ी संख्या में बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। इसके पीछे बड़ी वजह जागरूकता का अभाव और लापरवाही सामने आ रही है। जन्म के बाद से ही सही तरह से देखरेख न होने की वजह से नौनिहालों की जान खतरे में पड़ती है।में एक हजार से ज्यादा बच्चे इलाज के बाद कुपोषण से मुक्त हो गए। इसके बाद भी दो हजार से ज्यादा बच्चे अभी भी गंभीर अति कुपोषित हैं। बीमार बच्चों को बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने के लिए उनके परिवार वालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। तमाम कोशिश के बाद भी बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। अति गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या कम नहीं है। बाल विकास विभाग ने इस साल भी दो हजार से ज्यादा अतिकुपोषित बच्चे चिंहित किए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि बीमार बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जा रहा है। पुनर्वास केंद्र में आने वाले बच्चे का लंबाई के अनुपात में वजन के साथ ही अन्य विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य मानकों पर परीक्षण कराया जा रहा है। स्वास्थ्य परीक्षण के आधार पर चिंहित कमियों में सुधार लाने के लिए बच्चों का उपचार कराया जा रह है। डीपीओ ने बताया कि ऐपेटाइट टेस्ट के आधार पर बच्चे के कुपोषण होने की वजह तलाशी जाती है। बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में 14 दिन भर्ती कर उनके स्वास्थ्य और पोषण की लगातार निगरानी की जा रही है।

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