आंगनवाड़ी को मिलने वाले स्मार्टफोन की हकीकत जाने
अब होगी ऑनलाइन फीडिंग
पोषण अभियान हेतु लाभार्थियों का डाटा पोर्टल पर फीडिंग के लिए आंगनवाड़ी कार्यकत्रियो की स्मार्टफोन की मांग सरकार पूरा करने जा रही है अनुपूरक पोषाहार के वितरण में अनाज की खपत का सही आकलन करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पोषण ट्रैकर एप का इस्तेमाल करने के आदेश दिए थे। इसके लिए केंद्र सरकार ने अनुपूरक पोषाहार वितरण की ऑनलाइन ट्रैकिंग के लिए पोषण ट्रैकर एप लॉन्च किया है। इसके तहत सभी राज्यों को 31 मई से आंगनबाड़ी केंद्रों पर बंटने वाले अनुपूरक पोषाहार की ऑनलाइन फीडिंग करने की व्यवस्था लागू करने को कहा गया था । ताकि इसी आधार पर अनाज का कोटा आवंटित किया जा सके। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिए जाने थे। मोबाइल फोन के जरिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषाहार वितरित करते समय ही मौके पर से ही डाटा फीड करेंगी। इसके लिए पोषण मिशन ने स्मार्ट फोन खरीद के लिए टेंडर आमंत्रित किया था। राज्य पोषण मिशन से हो रही स्मार्टफोन खरीद टेंडर में हुए विवाद के बाद प्रदेश सरकार ने अब इसकी खरीद जेम पोर्टल से करने का निर्णय लिया है। जो एक सरकारी क्रय विक्रय पोर्टल होता है जिसका सरकारी वस्तुओ को खरीदने व् बेचने में प्रयोग किया जाता है विभाग ने आंगनवाडी वर्करो को प्रति 9,444 रुपये की दर से 1,23,398 मोबाइल फोन खरीद के लिए 116.48 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
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टेंडर प्रक्रिया का विवाद
स्मार्ट फोन खरीदने के लिए कराए गए टेंडर को लेकर विभागीय मंत्री और प्रमुख सचिव के बीच मचे घमासान के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों पर बटने वाले अनुपूरक पोषाहार की ऑनलाइन फीडिंग की व्यवस्था अटक गयी थी टेंडर को लेकर महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह और विभाग की प्रमुख सचिव वी हेकाली झिमोमी के बीच विवाद खड़ा हो गया है। टेंडर से बाहर हो चुकी एक कंपनी की शिकायत पर मंत्री ने टेंडर को निरस्त कर इसे नए सिरे से जारी करने का लिखित आदेश दिया था। लेकिन इस आदेश पर विभाग ने टेक्निकल व फाइनेंशियल बिड खोल दिए।जबकि केंद्र सरकार ने 31 मई तक इस व्यवस्था को शुरू करने का समय दिया था । अब इस खींचतान को देखते हुए काई यह बोलने को तैयार नही था कि नई व्यवस्था की शुरूआत कब होगी।
तकनीकी बिड से बाहर हुई मोबाइल कंपनी लावा ने टेंडर प्रक्रिया पर ही आपत्ति जता दी थी। महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री स्वाती सिंह ने भी प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर टेंडर प्रक्रिया रोकने और नए सिरे से टेंडर निकालने को कहा था, लेकिन विभाग ने उनके आदेश को दरकिनार करते हुए फाइनेंशियल बिड भी खोल दी थी। जेम पोर्टल से फोन की खरीद पर अब मत्री और मुख्या सचिव विवाद भी ख़त्म हो गया वेसे भी प्रमुख सचिव वी हेकाली की छवि बेहद साफ़ अधिकारियो की गिनती में की जाती है
लावा कंपनी ने टेक्निकल बिड के बाद से ही शासन और राज्य पोषण मिशन के निदेशक पर आरोप लगाए थे। कंपनी का आरोप था कि जानबूझ कर ऐसी शर्त रखी गई हैं, जिससे उसे बिड में हिस्सा लेने से रोका जा सके। सूत्र बताते हैं कि विभागीय मंत्री और शासन में चल रही खींचतान के बीच मोबाइल निर्माता कंपनी के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया गया था। सूत्र बताते हैं कि इस बातचीत के दौरान कंपनी की आपत्तियों पर बातचीत हुई, लेकिन आपत्तियों के संदर्भ में कुछ भी प्रस्तुत नहीं किया जा सका।
अब सबसे बड़ा प्रशन उठता है कि आखिर आंगनवाडी को विभाग द्वारा कौन सी कम्पनी का मोबाइल दिया जायेगा क्योकि इससे पूर्व भी लगभग 24 जिलो में कार्बन कम्पनी के मोबाइल दिए गये थे लेकिन इन मोबाइल की क्वालिटी बेहद ही ख़राब थी कुछ फोन की चार्जिंग पर ही बेट्री फटने की शिकायत आ रही थी फोन में हेंग होने की बहुत बड़ी समस्या थी फ़ोन की स्टोरेज क्षमता बहुत कम थी इसीलिए वो फोन मात्र कुछ महीनो में ही खराब हो गये चूँकि अब विभाग ने मोबाइल का बजट बढाया है तो उम्मीद है कि स्मार्ट फोन अच्छी गुणवत्ता का मिलेगा क्योकि आला अधिकारियो की बैठक में टेंडर कम्पनी ने अपने तय बजट के अनुसार अच्छे मोबाइल को पेश किया था चूँकि लावा कम्पनी की गुणवत्ता पर पहले ही सवाल उठ चूका था इसीलिए लावा को टेंडर में शामिल नहीं किया गया था अब विभाग जेम पोर्टल के माध्यम से इन फोन की खरीद करेगी ये फोन किस कम्पनी के होंगे ये अभी भविष्य के गर्भ में है चूँकि विभागीय मुख्य सचिव वी हेकाली एक ईमानदार और निष्पक्ष छवि वाली अधिकारी है इसीलिए उनसे उम्मीद है कि वो जो भी स्मार्ट फोन की खरीद करेंगी वो आंगनवाडी हित में होगा
जेम पोर्टल क्या होता है……..
वर्तमान केंद्रीय सरकार ने सार्वजनिक ख़रीददारी पर मुख्य रूप से ध्यान देने के उद्देश्य से सचिवों के समूह के अनुमोदन के परिणाम स्वरूप सरकारी ई-बाजार या ई-मार्केटप्लेस की स्थापना की है | इस पोर्टल के माध्यम से सरकारी विभागों के अधिकारी आवश्यक सामान्य उपयोग की वस्तुओ और सेवाओं की ऑनलाइन खरीददारी कर सकते है
जेम का पूरा नाम गवर्नमेंट ई – मार्केटप्लेस (Government E-Marketplace)” होता है| वाणिज्य एवं उधोगमंत्री (Commerce & Industry Minister) के द्वारा 9 अगस्त 2016 को गवर्नमेंट ई – मार्केटप्लेस पोर्टल का शुभारम्भ किया गया है | यह पोर्टल सचिवों के दो समूहों के सहमति के आधार पर इस पोर्टल का गठन किया गया है
इस पोर्टल के जरिए आप रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। और अपने द्वारा प्रोडक्ट और सर्विसेस को गवर्नमेंट डिपार्टमेंट या फिर मिनिस्ट्री में बेच सकते हैं। जेम पोर्टल सरकार का एक ऐसा पोर्टल है जहां पर विक्रेता मुफ्त में अपना अकाउंट बना सकते है और सर्विस की श्रेणी को बना सकते हैं।
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