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आंगनवाड़ी बिहार वर्कर्स -एक नजर में

आंगनबाड़ी हमारे सामाजिक सेवा ढांचे के मूल में सबसे महत्वपूर्ण और पहली कड़ी है, जहाँ से मिलने वाली सेवाओं का लाभ बच्चे के जन्म से पहले माँ अपने पोषण और स्वास्थ्य के लिए, नवजात शिशुओं से लेकर छः साल तक के बच्चों का स्वास्थ्य, पोषण और संपूर्ण बाल-विकास के लिए और बाद में किशोरी बालिकाओं तक को प्राप्त होता है । इन सेवाओं को प्रदान करने का उद्देश्य इस प्रकार है –

• नवजात शिशु से छः साल तक बच्चे के पोषण और स्वास्थ्य स्तर को अच्छा बनाना ।

• बच्चों के अच्छे सामाजिक व संवेदनात्मक, भाषा, बौद्धिक, रचनात्मक और शारीरिक विकास के

लिए बुनियाद तैयार करना |

• मृत्यु-दर, अस्वस्थता-दर, कुपोषण और स्कूल छोड़ने की प्रवृति में कमी लाना |

पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से बच्चों के सामान्य पोषण और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की माताओं की क्षमता विकसित करना |

आंगनबाड़ी केंद्र के अनुकूल वतावरण का महत्व

देखने में एक आंगनबाड़ी केंद्र बहुत छोटी जगह लगती है लेकिन इसका उद्देश्य हमारे समाज के आधे से भी ज्यादा हिस्से, मसलन, शिशुओं से लेकर किशोरियों, गर्भवती और धात्री माताओं तक स्वास्थ्य और पोषाण सेवाओं को पहुँचाना है । इसलिए यह छोटी सी दिखने वाली इकाई, दरअसल बहुत महत्वपूर्ण है और इसका प्रभाव क्षेत्र बहुत बड़ा है | अतः आंगनवाडी केंद्र की बनावट और निर्माण से जुड़े लोगों का दायित्व और जिम्मेदारी बहुत बड़ी है और इसका ठीक ढंग से निर्वाह होना आवश्यक है । इस दिशा में निदेशालय द्वारा विगत वर्षों में बाल-सुलभ और आपदा रहित आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन की परिकल्पना और कार्यान्वयन पर कई उपाय किए जा रहे है जिसके तहत पूर्व में सभी जिलों को चुने हुए आंगनबाड़ी केंद्र के भवनों को एक संपूर्ण रूप से आदर्श केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए राशि भी दी गयी थी । इसी क्रम में निदेशालय द्वारा इस मार्गदर्शिका के माध्यम से सभी जिलों को आवंटित संख्या के अनुसार चुने गए आंगनवाडी केन्द्रों में बाल-सुलभ बाला (BaLA) आधारित संसाधनों को विकसित करने के लिए दिशा निर्देश दिया जा रहा है |

बाला क्या है ?

“बाला”, (BaLA) यानी Building as Learning Aid, अर्थात भवन, सीखने और बाल-विकास के रूप में | यह परिकल्पना समूचे आंगनबाड़ी केंद्र के वातावरण को शिशु और छोटे बच्चों के खेलने-सिखने के लिए जगह, खेलने-सीखने के संसाधनों से तैयार करना है । ये “बाला-जगहें” अन्दर या बाहर कहीं भी हो सकती

है, जैसे कमरे में, फर्श पर, बरामदे में, आँगन में या बाहरी दीवारों इत्यादि । बाला, आंगनबाड़ी के परिपेक्ष्य में इस समझ पर आधारित है कि भवन को बनाने वाले दिवार, खिड़की, दरवाजे, फर्श, खम्बे, सीढ़ी, जमीन, फर्नीचर आदि को इस तरह से बहु-उपयोगी बनाया जाए ताकि छोटे बच्चों की मानसिक, सामाजिक, संवेदनात्मक, रचनात्मक, भाषा और भौतिक विकास की विभिन्न जरूरतों के लिए केंद्र पर बाल-सुलभ वातावरण तैयार किया जा सके |

आंगनबाड़ी में बाला क्यों ?

हमारी आंगनबाड़ी के वातावरण अक्सर शिशुओं और बच्चों को नीरस लगते है और उन्हें अपनी रचनात्मकता

और कल्पनाशीलता विकसित करने के बहुत कम अवसर देते हैं | केंद्र का वातावरण प्रायः सेविका और सहायिका के व्यवहार और काम करने के तरीके पर ही निर्भर करता करता है | वहां के वातावरण में ऐसा बहुत ही कम होता है जो छोटे बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करे या उन्हें गतिविधियों के लिए प्रेरित करे

और अर्थपूर्ण ढंग से वातावरण में न केवल जोड़ कर रखे बल्कि उन्हें मानसिक, सामाजिक, संवेदनात्मक, रचनात्मक, भाषा और भौतिक विकास के सभी आयामों के लिए सहज अवसर दे | बाल विकास एवं

आंगनबाड़ी के मूल उद्देश्यों के आशातीत सफलता की कमी में केन्द्रों की भौतिक परिस्थितियाँ काफी हद तक जिम्मेदार है | इस संदर्भ में बाला एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है | बाला की परिकल्पना जो बच्चों के सहज व्यवहार, जिज्ञासा और उत्सुकता के सोच पर आधारित है से प्रेरित हो कर प्रारम्भ में इसे चयनित आंगनबाड़ी केन्द्रों में लागू करने का निर्णय निदेशालय द्वारा लिया गया है | अतः इस मार्गदर्शिका में बच्चों की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता बढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अन्दर और बाहर की दीवारों एवं फर्श पर किए जा सकने वाले बाला चित्रों एवं बाल गतिविधियों हेतु किए जाने वाले उपायों को संदर्भित किया गया है | .

प्रस्तावित प्रक्रिया

समेकित बाल विकास सेवाओं (आई.सी.डी.एस) के अंतर्गत पूरे राज्य में कुल 1000 आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाला परिकल्पना पर आधारित पेंटिंग इत्यादि द्वारा बाल-सुलभ (Child Friendly) आंगनबाड़ी केन्द्रों को विकसित किए जाने का प्रस्ताव है । इसके तहत प्रत्येक परियोजना से कम-से-कम एक आंगनबाड़ी केंद्र अनिवार्य रूप से निर्धारित मापदंडों के आधार पर चयनित किया जायेगा । इसके लिए प्रत्येक परियोजनाओं में पहले से निर्मित शासकीय भवन में स्थित आंगनबाड़ी कन्द्रों में से निर्धारित की गई संख्या के अनुपात में एक या अधिक (आवंटन सूची के अनुसार) आंगनबाड़ी केंद्र का चुनाव सम्बंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा । किसी भी परियोजना के लिए अनिवार्य एक इकाई के अतिरिक्त जिले के

कोटे (आवंटन सूची के अनुसार) से अन्य केन्द्रों के लिए आवंटन को तय करने का अधिकार जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के पास होगा ।

आंगनबाड़ी केंद्र का चयन मापदंड

1. प्रत्येक परियोजना से कम-से-कम एक आंगनबाड़ी केंद्र अनिवार्य रूप से चयन किया जायेगा | 2. चयनित आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन हो । 3. आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय एवं पीने के पानी की आदर्श व्यवस्था हो । 4. केंद्र का भवन मजबूत और टिकाऊ हो जिसमे मरम्मत की आवश्यकता नहीं हो । 5. केंद्र के अन्दर-बाहर दीवारों तथा फर्श के प्लास्टर की स्थिति अच्छी हो । 6. चयनित आंगनबाड़ी केंद्र तक पहुंचने का रास्ता सुगम हो एवं आदर्श स्थान पर स्थित हो । 7. केंद्र की कार्यकर्ता और सुपरवाइजर कार्य कुशल हो | 8. नए चयनित किए जाने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन पूर्व में मॉडल आंगनबाड़ी के रूप में ।



Aanganwadi Uttarpradesh

आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश एक गैर सरकारी न्यूज वेबसाइट हैं जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की गतिविधियों ,सेवाओ एवं निदेशालय द्वारा जारी आदेश की सूचना प्रदान करना है यह एक गैर सरकारी वेबसाइट है और आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश द्वारा डाली गई सूचना एवं न्यूज़ विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों पर निर्भर होती है वेबसाइट पर डाली गई सूचना के लिए कई लोगो द्वारा गठित टीम कार्य करती है

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