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आंगनवाड़ी भर्ती के नाम पर जिलो में हो रहे दलाल सक्रिय

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नॉनिहालो की नींव मजबूत करने के लिए आंगनवाड़ी को किया जा रहा तैयार

बिजनोर जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी तीन से छह साल की उम्र के बच्चों को शिक्षा देकर उनकी नींव को मजबूत करेंगी। प्ले स्कूलों की तर्ज पर बच्चों को पूर्व प्राइमरी शिक्षण आंगनबाड़ी देंगी। इसके लिए आंगनबाड़ियों को प्रशिक्षण देकर ट्रेंड किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का एक प्रशिक्षण हो गया है और दूसरा प्रशिक्षण बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही होगा। जिले की करीब 2748 आंगनबाड़ियों को शीघ्र ही प्रशिक्षण दे दिया जाएगा। इसके लिए जिले में करीब 2748 आंगनबाड़ियों को बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। 3183 आंगनबाड़ी केन्दों पर बच्चों की पढ़ाया जाएगा, ताकि प्राथमिक स्कूल में कक्षा एक में दाखिला लेने वाले बच्चे कमजोर न रहे।

प्रशिक्षण के बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्री 3183 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को पढ़ाकर इतना काबिल बनाएंगी कि वह प्राइमरी स्कूल में कक्षा एक में दाखिला लेने के बाद शिक्षा में कमजोर न रहे। बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है। आंगनबाड़ी प्रशिक्षण लेने के बाद छोटे बच्चों को खेल खेल के माध्यम से, आकृतियों की पहचान, आकार का पहचान, रंगों की पहचान, जानवरों की पहचान, बौद्धिक ज्ञान, सामाजिक ज्ञान आदि विन्दुओं पर शिक्षा देकर काबिल बनाएंगी।

अलीगढ़ में भर्ती के नाम पर दलाल हो रहे सक्रिय

अलीगढ़ के जिला कार्यक्रम अधिकारी बिजनौर नागेन्द्र मिश्रा ने कहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया में बिचौलियों की सक्रियता को देखते हुए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग अलर्ट है। अफसरों के पास कई तहसीलों से दलालों द्वारा वसूली की शिकायतें मिल रही हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आवेदकों से अपील की कि कोई भी दलालों के चक्कर में न फंसे।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पिछले काफी समय से कुछ पद रिक्त चल रहे थे। ऐसे में पिछले दिनों इनकी भर्ती के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। जिले में कुल 822 पदों पर भर्ती होनी हैं। इसमें 393 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 25 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व 394 सहायिकाएं शामिल हैं। सभी के आनलाइन आवेदन हो चुके हैं। आंगनबाड़ी कायकर्ता एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल व सहायिका के लिए पांचवी पास होना जरूरी है। आवेदिका को रिक्त पद के गांव या वार्ड का निवार्सी होना अनिवार्य है। विधवा, तलाकशुदा व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली आवेदिकाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया में बिचौलियों की सक्रियता को देखते हुए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग अलर्ट हो गया है। अफसरों के पास कई तहसीलों से दलालों द्वारा वसूली की शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जिले के सभी आवेदकों से अपील की है कि कोई भी दलालों के चक्कर में न फंसे। भर्ती पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से होगी। मैरिट के आधार पर ही प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि, अगर किसी आवेदक को कोई दिक्कत या जानकारी करनी है तो वह विकास भवन स्थित बाल विकास एवं पुष्टाहर विभाग के कार्यालय में पहुंचकर संपर्क कर सकता है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी बताया कि शासन के निर्देश पर मैरिट लिस्ट के आधार पर भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन जिले से शिकायतें मिल रही हैं कि भर्ती के नाम पर बिचौलिया सक्रिय हो गए हैं। वह लोगों से उगाही करने में लगे हैं। ऐसे में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जिले के सभी आवेदकों से अपील की है कि वह किसी के वहकावे में न आएं। मैरिट के आधार पर आनलाइन ही नियुक्ति हाेनी हैं। ऐसे में किसी भी स्तर पर हेरा-फेरी नहीं हो सकती है। अगर कोई भी व्यक्ति भर्ती के नाम पर पैसे मांग रहा है तो इसकी जानकारी विभागीय अफसरों को जरूर दें।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने रोका नियम के विरुद्ध मानदेय

फर्रुखाबाद यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष की शिकायत पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो का नियम विरुद्ध तरीके से कई महीनों का मानदेय रोकने की जांच में जिला कार्यक्रम अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। जांच के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बयान लिए गए। जांच अधिकारी डीडीओ को डीपीओ ने अपने सफाई के लिए कोई जवाब भी नहीं दिया।

स्थानीय यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष किरन वर्मा ने 12 नवंबर को जिलाधिकारी से जिला कार्यक्रम अधिकारी के खिलाफ शिकायत की थी। इसमें कहा कि जिले को ज्यादातर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओको चार से छह माह का मानदेय नहीं दिया गया। मांगने पर डीपीओ भारत प्रसाद, उनके निजी सहयोगी समर सिंह व अन्य व्यक्ति उन्हें धमकी देते हैं। ऑनलाइन एमपीभर की फॉडिंग में प्रतिमाह 50 से 250 रुपये वसूली की जाती है। 2019-20 में हॉट कुक्ड फूड निधि में शासन से आवंटित 42 लाख रुपये फर्जी उपभोग प्रमाणपत्र लगाकर हड़प साक्ष्य के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी नवाबगंज, बदपुर, राजेपुर व कायमगंज के बयान दर्ज किए जा सकते हैं। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुशीला देवी की वर्ष 2011 में नियुक्ति होने के बाद भी अब तक सहायिका का मानदेय दिया जा रहा है। डीपीओ व समर सिंह ने उससे 10 हजार रुपये ले लिए, वापस मांगने पर सेवा समाप्त करने की धमकी दे रहे है। शमसाबाद व फरुखाबाद के ब्लोक में कई आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहते हैं, उनका मानदेय भी गवन किया जा रहा है। डीएम के आदेश पर सीडीओ एम. अन्मोली ने जिला विकास अधिकारी से जांच कराई। पता चला है कि जांच के दौरान डीपीओ के खिलाफ बयान दर्ज कराए। डीपीओ से जब नियम विरुद्ध तरीके से वेतन रोकने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इससे शिकायत सहित होने के साथ अनियमितता में डीपीओ की भूमिका संदिग्ध मिली है। जिला विकास अधिकारी योगेंद्र पाठक ने बताया कि जांच रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को भेज दी है। प्रदेश अध्यक्ष किरन वर्मा ने बताया कि सात आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो का एक वर्ष से, जबकि 25 का चार से 6 माह का मानदेय नहीं दिया गया है। विभाग में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग रहा है।

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