खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वर्ष में आंगनवाडी केन्द्रों को न्यूनतम 300 दिन संचालित करना आवश्यक
आदेश
![](https://aanganwadiuttarpradesh.com/wp-content/uploads/2022/11/20221124_190813-780x470.jpg)
राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के आदेश को संज्ञान में लेते हुए राज्य के सभी जिलाधिकारियो को पत्र लिखकर आंगनवाडी वर्करो को चुनाव व अन्य गैर विभागीय कार्यो पर रोक लगाने के निर्देश दिए है आयोग की सदस्य शुचिता चतुर्वेदी ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आंगनवाडी वर्करो को चुनाव व अन्य गैर विभागीय कार्यो पर रोक लगाने के निर्देश दिए है
आयोग की सदस्य शुचिता ने पत्र में लिखा है कि उच्चतम न्यायलय के आदेश के अनुसार खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वर्ष में आंगनवाडी केन्द्रों को नयूनतम 300 दिन संचालित करना आवश्यक होता है अथार्त माह में 25 दिन आंगनवाडी केंद्र को खोला जाना आवश्यक है आंगनवाडी केन्द्रों पर लाभार्थियों को गतिविधियों व अनुपूरक पोषाहार के साथ 6 सेवाए प्रदान की जाती है इसीलिए आंगनवाडी वर्करो को बाल विकास विभाग के कार्यो के अतिरिक्त अन्य विभागों के कार्यो में न लगाये जाने के आदेश को लागू किया जाये
अवगत हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने चुनाव समेत अन्य गैर विभागीय कार्यो में लगाने पर रोक लगाते हुए आंगनबाड़ी वर्करो के पक्ष में फैसला सुनाया था। लखनऊ पीठ ने इस आदेश को जारी करते हुए इसकी प्रति मुख्य सचिव को भेजकर सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए आदेश जारी किया था।
न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने यह फैसला मनीषा कनौजिया आंगनवाडी कार्यकत्री जनपद बाराबंकी व एक अन्य की याचिका पर देते हुआ कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों पर बच्चो के टीकाकरण ,कुपोषित बच्चो के स्वास्थ्य,शिक्षा की जिम्मेदारी है साथ ही गर्भवती महिलाओ की देखभाल व धात्री महिलाओ का भी दारोमदार होता हैं। इसके विपरीत जिलाधिकारी व अन्य पक्षकारों की ओर से जवाब में कहा गया था कि चुनाव का कार्य सर्वोच्च अहमियत वाला है। ऐसे में सभी अधिकारियो को भी इसमें सहयोग करना पड़ता है। लेकिन कोर्ट ने आंगनवाडी के कार्य को सर्वोच्च मानते हुए कहा कि आंगनवाडी वर्कर का कार्य अन्य कार्यो की अपेक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। आंगनवाडी वर्कर द्वारा चुनाव या किसी अन्य काम में ड्यूटी से लगाने से बच्चो समेत धात्री, गर्भवती के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ेगा। इसीलिए आंगनवाडी के कार्य से कोई समझोता नही किया जा सकता
आयोग की तरफ से जारी किये गये पत्र (9 पेज )को देखे
राज्य-बाल-सरंक्षण-आयोग-आदेश