गैर विभागीय कार्यो के बोझ तले दबी आंगनवाड़ी कैसे करेगी शिक्षण कार्य
आंगनवाड़ी बनेंगी अध्यापक
नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालयों से संबद्ध कर प्री प्राइमरी की पढ़ाई कराने की कवायद शुरू की जा रही है, लेकिन कर्मचारियों की कमी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में रोड़ा बन सकती है। जिससे केंद्रों का शिक्षण कार्य व् आंगनवाडी केन्द्रों की गतिविधियों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संबंधित विभाग के अलावा कई अन्य तरह के काम भी लिए जाने के कारण भी आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में बाधा आती है। पदों के रिक्त होने की स्थिति से कार्यकर्ताओं पर एक से अधिक केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी है। जनवरी 2021 से चल रही भर्ती प्रक्रिया अभी भी अधूरी है कई जिलो में अभी तक विज्ञप्ति तक जारी नही हो सकी है तो कई जिलो में मेरिट की अंतरिम सूची का इन्तजार है इस भर्ती में कंही पैसों को लेकर नियुक्ति देने और मेरिट में नम्बर बढ़ाने की शिकायतें भी आ रही है
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इन जिलो में शुरू हो रहे है प्री प्राइमरी में आंगनवाड़ी के प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के नाम पर निभाई जा रही सिर्फ औपचारिकता
नयी शिक्षा नीति के तहत आंगनवाडी केन्द्रों पर प्री प्राईमरी का शिक्षण कार्य शुरू किया जा रहा है लेकिन इसकी तैयारी का कोई नियम ही नही है । बच्चों को पढ़ाने के लिए कहीं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को सिर्फ चुनिन्दा दिनों का प्रशिक्षण देकर खानापूर्ति की जा रही है तो कहीं सहायिका को प्रशिक्षण मिला ही नहीं है। बी एल टी , डी एल टी के नियमो को ताक पर आदेश का मजाक उड़ाया जा रहा है अप्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा नौनिहालों को दी जाने वाली शिक्षा का स्तर कैसा होगा इसका आंकलन करना भी मुश्किल है अभी भी आधे से ज्यादा जिलो में आंगनवाडी वर्कर प्रशिक्षण से वंचित है प्रशिक्षण नसरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी) का कोर्स एक वर्ष का होता है। शहर के निजी शिक्षण संस्थानों में एनटीटी कोर्स करने वालों की ही नियुक्ति की जाती है। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सिर्फ मात्र कुछ दिनों के प्रशिक्षण देने पर सवाल उठने लगे है प्री प्राइमरी शिक्षा शुरू करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक महीने का प्रशिक्षण भी नही दिया गया है। यह प्रशिक्षण भी समूहों के माध्यम से दिया गया है। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव द्वारा नवंबर माह तक सभी जिलो में प्रशिक्षण पूर्ण करने के आदेश जारी कर दिए गये थे लेकिन अभी तक प्रशिक्षण कार्य शुरू नहीं कराये जा सके है
आंगनवाडी शिक्षण कार्य करे या गैर विभागीय कार्य ?
आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनवाडी कार्यकत्रियों एवं सहायकों की नियुक्ति की जाती है। जिसमे पोषाहार का वितरण एवं बच्चों की शिक्षा,टीकाकरण, वजन लेना बच्चो की सेहत का खयाल रखना जैसे इनका मूल काम है, लेकिन बाल विकास के अतिरिक्त इनसे कई अन्य विभागीय काम भी लिए जाते हैं। कोविड संक्रमण के दौरान भी घर घरनिग्रणी और हर तरह के सर्वे कार्य में इनकी ड्यूटी लगाई गई थी। इसके अलावा बीएलओ, सरकारी योजनाओं के पात्रों का सर्वे आदि के काम भी लिए जाते हैं। ऐसे में प्री प्राइमरी शिक्षा का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है। बच्चों , गर्भवती और धात्री महिलाओं को पोषाहार वितरण के साथ साथ अन्य कार्यो को भी आंगनवाडी से कराया जाता है
सह पाठशाला शिक्षा , टीकाकरण , गर्भवती महिलाओं की पहचान कर अस्पताल ले जाना ,अति कुपोषित बच्चों की पहचान कर इलाज सुनिश्चित कराना , मतदाता सूची तैयार करने के दौरान बीएलओ की जिम्मेदारी , समय-समय पर शौचालयों का सत्यापन ,विधवा, वृद्धा पेंशन समेत अन्य योजनाओं का सर्वे , राशन कार्ड का सत्यापन , कोविड संक्रमण के दौरान सर्वे की जिम्मेदारी , पल्स पोलियो अभियान संचारी रोग अभियान में भागीदारी, आयुष्मान कार्ड बनाना , पोषण माह की गतिविधियों में रहना , ओबीसी सर्वे ,जनगणना,जेसे अन्य तमाम कार्यो की एक लम्बी सूची है जो आंगनवाडी वर्करो को करने पड़ते है