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गोद लिए आंगनवाडी केंद्र सबसे ज्यादा कुपोषित, काम के बढ़ते बोझ से नौकरी छोड़ रही कार्यकत्री

आंगनवाडी न्यूज़

अयोध्या उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा बच्चों के कुपोषण को ख़त्म करने के लिए समयानुसार नयी नयी योजनाएं चला रही है। इसमें कुपोषण को कम करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों को दलिया व अन्य पौष्टिक आहार का वितरण किया जा रहा है। साथ ही गर्भवती महिलाओ को भी पोषित आहार दिया जाता है। जिससे कोई बच्चा कुपोषित पैदा न हों लेकिन इतना सब करने के बाद भी जनपद में कुपोषण की समस्या से कोई निजात नही मिली है। वर्तमान में अभी भी 16106 बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं।

बाल विकास विभाग द्वारा जनपद में लगभग 2381 आंगबाड़ी केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। इन आंगनवाडी केन्द्रों द्वारा बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए विभाग द्वारा योजनाये चलायी जा रही है । जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कुल 2,35,344 बच्चे पंजीकृत हैं। पिछले जून माह में अलग अलग अभियान चला कर कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया था। जिसमे 12,972 बच्चे कुपोषित व 3134 अति कुपोषित मिलाकर कुल 16,106 बच्चे कुपोषित बच्चों के रूप में चिन्हित किए गए हैं। जबकि 1,90,442 बच्चे सामान्य श्रेणी में मिले हैं।

बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों को कुपोषण से मुक्त रखने के लिए सभी आंगनबाडी केन्द्रों पर बच्चों को आयु के अनुसार दलिया, चावल, चना व खाद्य तेल का वितरण किया जाता है। शासन के निर्देश पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद भी लिया गया था है। जिले में लगभग दो दर्जन आंगबाड़ी केन्द्रों को जनप्रतिनिधियों ने व 120 आंगनबाड़ी केन्द्रों को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने गोद लिया है। लेकिन इन सभी की अनदेखी करने के कारण बच्चो का कुपोषण की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि अति कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए अलग से मेडिकल कालेज में एक वार्ड बनाया गया है। जहां विशेषज्ञ चिकित्सक कुपोषित बच्चों का इलाज करते हैं। आंगनबाड़ी वर्कर द्वारा जब किसी अति कुपोषित बच्चे की सुचना देती है तो उस सुचना पर सरकारी एम्बुलेंस के माध्यम से बच्चे को मेडिकल कालेज पहुंचाती है। और उस बच्चे का 15 दिन तक इलाज किया जाता है। कुपोषित बच्चों को सामान्य की श्रेणी में लाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्री को विशेष निर्देश दिए गये है साथ ही पुष्टाहार वितरण की जानकारी दी गयी है । जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती व धात्री महिलाएं और बच्चो को मिलाकर लगभग 2,07,735 लाभार्थियों को पुष्टाहार का वितरण किया जा रहा है।

जिले की पांच आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की सेवा समाप्त

महराजगंज जनपद के जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने कहा है कि अब आंनगबाड़ी कार्यकर्त्रियों की जिम्मेदारी बढ़ रही है। हर आंगनवाडी कार्यकत्री को आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्य करने के साथ ही सूचनाओं से भी अपडेट रहना होगा। वर्तमान में विभाग द्वारा हर दिन कार्यों की समीक्षा व पर्यवेक्षण किये जा रहे है।आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमानुसार संचालन एवं विभागीय योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाया जाना है। इस स्थिति में कार्य नहीं कर पाने वाली आंगनवाडी कार्यकर्त्रियों को नोटिस जारी किया जा रहा है। अब तक एक दर्जन से अधिक कार्यकर्त्रियों को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही पांच आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। जिले के डीएम के निर्देश पर पांच आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। जबकि उनका कहना है कि आंगनवाडी कार्यकर्त्रियों ने अस्वस्थ होने का हवाला देकरखुद ही अपनी इच्छा से काम करने से मना दिया है।

सेवा समाप्त होने वाली आंगनवाडी में निचलौल ब्लाक की तीन व फरेंदा तथा धानी ब्लाक की एक-एक की सेवा समाप्त की गई है। साथ ही अपने कार्यो में लापरवाही बरतने पर एक दर्जन से अधिक कार्यकर्त्रियों व सहायिकाओं के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बिना सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त किए केंद्र से अनुपस्थित रहने व पोषाहार वितरण में लापरवाही पाए जाने पर आंगनवाड़ी कार्यकत्री, सहायिका व मुख्य सेविका के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी

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