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बच्चो के वजन न होने से cdpo को मिली फटकार

आंगनवाडी न्यूज़

अम्बेडकर नगर जनपद में सीडीपीओ बलराम सिंह ने बताया कि निदेशालय से दो दिन सोमवार और गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्र संचालन का दिशा निर्देश दिया गया है इसलिए अग्रिम आदेश तक सप्ताह में दो दिन सेंटर चलाए जा रहे है जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार मिश्र का निर्देश है कि सभी सीडीपीओ और मुख्य सेविका फील्ड में जाकर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करें और साफ सफाई के साथ केंद्रों का संचालन करवाना सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। क्योंकि कोरोना के कारण बहुत दिनों से स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद थे। इसलिए बच्चों के अंदर अब स्कूलों और केंद्र में आने के लिए उपयुक्त वातावरण बनाया जाए। आने वाले बच्चों का स्वागत किया जाए।

बाल विकास परियोजना अधिकारी कटेहरी बलराम सिंह ने सोमवार को आधा दर्जन प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी सेंटरों का औचक निरीक्षण किया। सीडीपीओ ने बच्चों को हाथ धोने की विधि बताई और साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र कटेहरी प्रथम में नामांकित 40 बच्चों के सापेक्ष 18 और कटेहरी द्वितीय में 42 के सापेक्ष 16 बच्चे उपस्थित पाए गए। प्राथमिक विद्यालय कुर्मीडीहा के प्रांगण में चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्र गौराबसंतपुर प्रथम एवं द्वितीय में कार्यकर्त्री उमा देवी और किसरावती देवी उपस्थित मिलीं। यहां पर बच्चे 48 के सापेक्ष 14 और 32 के सापेक्ष 15 मिले। प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार, सहायक अध्यापक मनोज कुमार, शिक्षामित्र राम सिंगार, अध्यापिका बबिता, प्रधान दीपक कुमार की उपस्थिति में बाल विकास परियोजना अधिकारी ने आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को हाथ धोने की विधि बताई। उन्होंने साफ सफाई के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। प्राथमिक विद्यालय अहिरौली में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र अहिरौली प्रथम और अहिरौली द्वितीय की चेकिंग की गई जहां पर 40 के सापेक्ष 16 बच्चे और 37 के सापेक्ष 15 बच्चे उपस्थित पाए गए। सीडीपीओ ने शकुंतला वर्मा और हेमलता मिश्रा से भाव गीत करा कर बच्चों को सामान्य चीजों की जानकारी कराने का प्रयास किया। कटघरवा आंगनबाड़ी केंद्र पर मीना श्रीवास्तव बच्चों के साथ उपस्थित मिलीं।

देवरिया डीएम आशुतोष निरंजन ने विकास भवन स्थित गांधी सभागार में सोमवार को विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान बच्चों के वजन कार्य में लापरवाही मिलने पर रुद्रपुर व बरहज के सीडीपीओ को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने सभी बीडीओ को निर्देश दिया कि जिन आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण हो गया है, उसे जनप्रनिधियों से उद्घाटन कराते हुए आंगनवाडी कार्यकर्ती को हैण्डओवर कराना सुनिश्चित करें। जिनका छत लग चुका हो, ऐसे भवनों का फिनिसिंग, पेन्टिंग आदि अवशेष कार्यो को यथाशीघ्र पूर्ण कराएं। आइसीडीएस की समीक्षा में इस वर्ष संचालित संभव अभियान की समाप्ति के पश्चात सितम्बर माह में 0-5 वर्ष के बच्चों के वजन का आंकड़ा कम पाए जाने एवं कार्य में शिथिलता पर रुद्रपुर एवं बरहज के सीडीपीओ को कड़ी फटकार लगायी। उन्होने डीपीओ कृष्णकान्त राय को निर्देश दिया कि पूरे जनपद के 0-5 वर्ष के अति कुपोषित बच्चों का पुन: अभियान चलाकर वजन करायें तथा अधिक से अधिक अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कराते हुए आंकड़ा उपलब्ध करायें। डीपीओ ने बताया कि सैम किट का वितरण 5 ब्लाकों में कराया जा रहा है। इस पर डीएम ने प्रसन्नता व्यक्त किया और कहा कि अन्य ब्लाकों में सैम किट वितरण भी कराना प्राथमिकता के साथ करें।

महराजगंज अब कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती नही कराना भारी पड़ सकता है। जनपद में करीब 34 हजार कुपोषित बच्चे पंजीकृत हैं। इन कुपोषितों को जिला अस्पताल परिसर में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने की जिम्मेदारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को है। लेकिन ये जिम्मेदार कुपोषितों को स्वस्थ कराने में दिलचस्पी नही ले रही हैं। इससे कुपोषितों के इलाज पर संकट हो गया है। शिकायत पर स्वास्थ्य प्रशासन इसे लेकर सख्त हो गया है। स्वास्थ्य विभाग गांवों का सर्वे कराने का जा रहा है। यदि गांव में कोई बच्चा कुपोषित मिला और उसे पोषण पुनर्वास केंद्र नही ले जाया गया है। आशा के स्पष्टीकरण तलब करेगा। संतोषजनक स्पष्टीकरण नही मिलने पर आशा के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र भेजेगा। स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों की सूची बनाएगा और सर्वे में गांव में कुपोषित मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। अन्य विभागों को कार्रवाई के लिए पत्र भेजेगा।

एक साथ दस कुपोषित बच्चों को भर्ती कर किया जा सकता है स्वस्थ : कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने के लिए जिला अस्पताल परिसर में दस बेड का पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित है। यहां पर बाल रोग विशेषज्ञ के अलावा न्यूट्रीशियन, स्टाफ नर्स, केयर टेकर और रसोइया की तैनाती है। एक साथ दस कुपोषित बच्चों को भर्ती कर स्वस्थ्य किया जा सकता है। पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कुपोषित को दवा के साथ नि:शुल्क संतुलित आहार दिया जाता है। इतना ही नही बच्चे की देखभाल कर रहे परिजन को 50 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से भोजन के लिए दिया जाता है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को कुपोषित बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने पर अस्पताल प्रशासन उन्हें यात्रा भत्ता देता है। इतना ही नही फालोअप कराने पर भर्ती कराने वाले को यात्रा भत्ता दिया जाता है।

सिद्धार्थनगर के इटवा-डुमरियागंज मार्ग पर कमदालालपुर गांव में पास बाल विकास परियोजना के बगल आंगनबाड़ी केंद्रों का तेल व दाल लेकर जा रहा एक ट्रक अनियंत्रित होकर बगल गड्ढे में पलट गया। इसमें ट्रक पर सवार चालक व खलासी तो बाल-बाल बच गए लेकिन तेल व दाल पानी में गिर गए। इससे दाल भींग गया। बांसी स्थित गोदाम से आंगनबाड़ी केंद्रों का का पांच सौ गत्ता तेल व तीन सौ बोरी चने की दाल ट्रक पर लोड करके सोमवार की सुबह संतकबीरनगर जिले के सांथा ब्लॉक क्षेत्र निवासी ट्रक चालक सद्गुरू मिश्र इटवा के कमदालालपुर गांव स्थित बाल विकास परियोजना पर गिराने ले जा रहा था। परियोजना पर पहुंचने से पहले सौ मीटर की दूरी पर ट्रक गड्ढे में पलट गया। हादसे के दौरान ट्रक चालक व खलासी तो बाल-बाल बच गए पर ट्रक पर लोड सामान पानी में पूरी तरह से भीग गया है। इससे उसके खराब होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल सामान को गड्ढे से निकालकर जिम्मेदारों को सौंप दिया गया है

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