देश मे केंद्र मे नयी सरकार बनाने का बिगुल बज चुका है हर बड़े और छोटे दल जनता को लुभावने वादे कर रहे है। इसमे पार्टी हर वर्ग को ध्यान मे रखते हुए अपना अपना अलाप राग रही है जिसमे गरीब ,किसान ,महिलाओ दलित ,हिन्दू ,मुस्लिम नौकरी आदि मुद्दो पर मंच पर नेता भाषण दे रहे है।
लेकिन अभी तक एक मात्र कॉंग्रेस को छोड़कर किसी भी क्षेत्रीय या राष्ट्रीय पार्टी ने बाल विकास विभाग मे कार्यरत आंगनवाड़ी वर्करो के लिए कोई बयान नहीं दिया है। कांग्रेस ने केंद्र द्वारा दी जा रही मानदेय अंशदान राशि को दोगुना करने का घोषणा पत्र में शामिल किया है।
इसके लिए राजस्थान सहित देशभर की 42 लाख आंगनवाड़ी परिवारों ने विरोध भी प्रकट किया है। भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में मानदेय वृद्धि और प्रोत्साहन राशि मे सम्मान जनक बढ़ोतरी को शामिल भी नहीं किया गया है।
राजस्थान के जयपुर में इस माह 7 अप्रैल को आल इंडिया आंगनबाड़ी कर्मचारी फैडरेशन द्वारा आल इंडिया एम्पलाइज फैडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक छोटीलाल बुनकर ने 20 राज्यों की आंगनबाड़ी प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी।
बैठक मे आए सभी संघठनों के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि जो भी राजनीतिक पार्टी लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में देश की 28 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिका व मिनी वर्करो के मानदेय वृद्धि मे सम्मान जनक बढ़ोतरी डालेगा उसी पार्टी को 28 लाख आंगनबाड़ी परिवार अपना समर्थन देगा।
अवगत हो कि भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र में आंगनवाड़ी वर्करो के मानदेय वृद्धि मे कोई जिक्र नहीं किया गया है। वर्तमान मे केंद्र मे सत्ता दल बीजेपी सरकार ने पिछले 5 वर्षों में आंगनवाड़ी वर्करो के मानदेय मे कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है इससे पहले मोदी सरकार ने 2018 मे मात्र 1500 रुपये की बढ़ोत्तरी की थी उसके बाद कुछ नहीं बढ़ाया।
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