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समीक्षा की रिपोर्ट के आधार पर बढ़ेगा सेवा काल,50 वर्ष से अधिक आंगनवाड़ी की मांगी रिपोर्ट

सीडीपीओ की लापरवाही से बढ रही समस्याए

कानपूर देहात

डेरापुर बाल विकास परियोजना कार्यालय में तैनात प्रधान सहायक बंगाली बाबू ने बताया ब्लॉक डेरापुर मे संचालित आंगनबाड़ी केंद्रो में राशन वितरण के लिए विभागीय रिकार्ड के अनुसार 129 महिला स्वयं सहायता समूह पंजीकृत हैं। इसमें मात्र 62 समूह की महिलाओं ने पोषाहार उठाया है शेष समूहों द्वारा अभी तक राशन नहीं उठाया गया है। इससे समय पर वितरण नही हो पा रहा है। ब्लॉक में सीडीपीओ का डेरापुर ब्लॉक में कभी आना नहीं होता है।गर्भधात्री महिलाओं व बच्चों को मिलने वाले पोषाहार समूह की महिलाओं द्वारा समय पर न उठाने पर गर्भधात्री व बच्चों को पोषाहार वितरण नहीं हो पा रहा है।इससे कुपोषण पर अंकुश लगा पाना मुश्किल हो रहा है।

सुपरवाइजर बंदना देवी ने बताया सीडीपीओ के पास दो ब्लॉक है। वहीं जिले की मीटिंग में भी जाना पड़ता है। इसके कारण वह यदा-कदा कार्यालय में आते हैं। इससे कार्यालय का सही ढंग से संचालन नही हो पा रहा है। वही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की समस्याओं का निदान भी नही हो पा रहा है।

25 सितम्बर तक आंगनवाडी केंद्र बंद रखने का आदेश जारी

निदेशालय बाल विकास पुष्टाहार से निदेशक डा. सारिका मोहन ने यह निर्देश दिया हैं। जिसमें कहा गया है कि कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए फिलहाल बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर न बुलाएं। शासन ने फिलहाल बाल विकास पुष्टाहार विभाग से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों को केंद्र आने पर लगाई गई रोक को बढ़ा दिया है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर आई तो सबसे अधिक छोटे बच्चों को संक्रमण प्रभावित कर सकता है।
जिसके बाद अब केंद्रों पर 25 सितंबर तक बच्चों को न बुलाए जाने के निर्देश शासन ने सभी डीपीओ (जिला कार्यक्रम अधिकारी) को दिए हैं। जनपद गाजीपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने कहा कि शासन के निर्देश के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को बुलाया जाएगा। 25 सितंबर तक बच्चों को नहीं बुलाए जाने का निर्देश मिला है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर यहां तैनात कार्यकत्री व सहायिका बच्चों के लिए पुष्टाहार आदि लेने के लिए समय से जाएंगे।

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  1. बलरामपुर
  2. कन्नौज
  3. बुलंदशहर
  4. मथुरा
  5. रायबरेली
  6. देवरिया
  7. हरदोई
  8. पीलीभीत
  9. फरुखाबाद
  10. गोरखपुर
  11. कासगंज
  12. अमरोहा
  13. मेरठ
  14. मैनपुरी
  15. संत कबीर नगर
  16. बरेली
  17. अलीगढ़
  18. झांसी
  19. चित्रकूट
  20. बदायूं
  21. आजमगढ़
  22. हापुड़
  23. रामपुर
  24. संभल
  25. ललितपुर
  26. सुल्तानपुर
  27. प्रयागराज
  28. ग़ाज़ियाबाद
  29. मुरादाबाद
  30. बलिया
  31. बागपत
  32. महोबा
  33. सोनभद्र
  34. शामली
  35. बाँदा
  36. लखनऊ
  37. जौनपुर
  38. गाजीपुर
  39. गोंडा
  40. प्रतापगढ़
  41. बिजनौर
  42. सीतापुर
  43. कुशीनगर
  44. कौशाम्बी

50 वर्ष से ऊपर की आंगनवाडी के कार्यो की होगी समीक्षा

कुशीनगर

जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेंद्र कुमार राय ने बताया है कि 50 वर्ष से अधिक आंगनवाडी कार्यकत्रियो के कार्यों की समीक्षा की जाएगी ये समीक्षा एमपीआर (मासिक प्रगति रिपोर्ट) व पीएलआइ (परफार्मेंस लिंक्ड इंसेटिव) के आधार पर की जाएगी। एमपीआर के तहत कार्यकर्ता द्वारा किए गए गृह भेंट, पंजीकरण आदि की समीक्षा होगी, जबकि पीएलआइ के तहत बच्चों का वजन, कुपोषण, लाल से पीला और पीले से हरी श्रेणी में आने वाले बच्चों के प्रतिशत से होगा। इन्ही कार्यों के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सेवा विस्तार होगा।फिलहाल 50 वर्ष की उम्र से अधिक की कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट शासन से मांगी गई है। इसमें जिनकी कार्यक्षमता ठीक नहीं होगी, उनकी सेवा समाप्त की जाएगी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की कार्यशैली में सुधार के लिए शासन ने सख्त रुख अपनाया है। अब सेवा जारी रखने के लिए ठीक से दायित्वों का निर्वहन करना होगा। परफार्मेंस (कार्य) के आधार पर उनकी सेवा आगे चलेगी या नहीं, इसका निर्धारण होगा। विभाग के मुताबिक, इसके तहत सबसे पहले 50 वर्ष से अधिक आयु की कार्यकत्रियो के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें जो शिथिल मिलेंगी, उनकी सूची शासन को भेजी जाएगी। ऐसे कार्यकर्ताओं पर शासन स्तर से सेवा समाप्ति की कार्रवाई होगी। इसके लिए प्रमुख सचिव व निदेशक ने प्रदेश के सभी डीपीओ को निर्देश दे रखा है। कुशीनगर में करीब 3579 आंगनबाड़ी व 555 मिनी केंद्रों में 3860 आंगनबाड़ी वर्कर हैं। इनमे 274 पद रिक्त है। इनमें करीब 35 प्रतिशत वर्करो की उम्र 50 से अधिक हैं। इनकी कार्यप्रणाली व कार्य क्षमता से सेवा अवधि तय होगी। कोरोना का संक्रमण कम होने के साथ ही पहले चरण में 50 वर्ष से अधिक आयु वाली कार्यकर्ताओं के कार्यों की समीक्षा होगी। इसमें जो अक्षम मिलेंगी, उनकी सेवा समाप्त हो जाएगी। उन्हें सेवा में बने रहने के लिए शत-प्रतिशत विभागीय कार्यों को निर्वहन करना होगा। एक रिपोर्ट के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की शिथिल कार्यशैली से विभाग की कार्यशेली निशाने पर है। इससे योजनाओं का लाभ आमजन को नहीं मिल रहा है। अफसरों का मानना कि इस व्यवस्था से उम्र दराज कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्ति के साथ ही नए को कार्य करने का मौका मिलेगा।



Aanganwadi Uttarpradesh

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