सुपरवाइजर पद के लिए सीधी भर्ती और पदोन्नति न होने से स्थिति खराब
आंगनवाड़ी न्यूज
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बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर की कमी की वजह से आंगनवाड़ी केंद्रों पर समस्याएं आ रही है हर जिले में इन पदों पर भर्ती न होने से एक सुपरवाइजर पर अतिरिक्त क्षेत्रों के आंगनवाड़ी केंद्रों की जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है जिससे आंगनवाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों का डाटा समय से नही जा रहा है
यूपी सरकार द्वारा सुपरवाइजर के पदों पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे लेकिन आंगनवाड़ी से सुपरवाइजर पदोन्नति में अड़चने आने से यह प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है साथ ही पदोन्नति प्रक्रिया भी बंद पड़ी है जिला स्तर से पदोन्नति में सत्यापन का कार्य भी अधूरा पड़ा है इसी बीच राज्य में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है जिससे अधिकतर अधिकारी चुनावी कार्य में व्यस्त हो गए है अब पदोन्नति और सीधी भर्ती की प्रक्रिया को चुनाव बाद ही शुरू करने की उम्मीद है
सुपरवाईजर भर्ती न होने से जिले का बुरा हाल
बिजनौर जिले में बाल विकास विभाग द्वारा करीब 3236 आंगनबाड़ी केन्द्रो की ज़िम्मेदारी मात्र 15 मुख्य सेविकाओं के हवाले है। भर्ती न होने से एक एक सुपरवाईजर को 200 आंगनबाड़ी केन्द्रो की निगरानी करनी पड़ती है । और ये स्थिति हर साल बिगड़ रही है क्योंकि हर वर्ष मुख्य सेविकाओं के सेवानिवृत्त होने से यह संख्या भी तेजी से घट रही है। देखा जाये तो जिले में मुख्य सेविका के 121 पद स्वीकृत है लेकिन इन पदो के सापेक्ष सिर्फ 15 सुपरवाईजर काम कर रही हैं। और यही 15 सुपरवाईजर पर करीब 3236 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों की ज़िम्मेदारी है।
औसत देखा जाये तो एक मुख्य सेविका के हिस्से में 200 आंगनबाड़ी केंद्र आ रहे हैं। जिले में मुख्य सेविका के 121 पद है। पिछले सालों की तुलना की जाये तो हर वर्ष बाल विकास विभाग में कई गुना काम बढ़ाया जा रहा है जिससे जिला स्तर के अधिकारी भी काफी परेशान है। लेकिन अभी भी सरकार इन भर्तियो पर ध्यान नहीं दे रही है जबकि नियमों के अनुसार एक मुख्य सेविका को 25 आंगनबाड़ी केंद्र की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए साथ ही इन आंगनवाड़ी केन्द्रो पर कार्यकत्री और सहायिका के पद भी रिक्त पड़े है
इस संबंध मे जिला कार्यक्रम अधिकारी नागेन्द्र मिश्रा का कहना है कि जिले में सुपरवाइजर के 121 पदों के सापेक्ष इस समय 15 सुपरवाइजर काम कर रही है। एक के हिस्से में करीब 200 आंगनबाड़ी केन्द्र आ रहे हैं। पिछले काफी समय से भर्ती न होने और मुख्य सेविका के लगातार सेवानिवृत्त होने से स्थिति लगातार बिगड़ रही हैं। जिसकी वजह से बस जैसे तैसे काम कराया जा रहा है।