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अधिकारियो की लापरवाही की वजह से विधानसभा चुनाव तक आंगनवाडी भर्ती अटकी

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लखनऊ बाल विकास एवं पुष्टाहार निदेशक डॉ. सारिका मोहन, ने कहा है कि ईडब्ल्यूएस वर्ग को आरक्षण के संबंध में हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए सभी डीएम को आदेश दे दिए गए हैं। जो डीएम अलग से मार्गदर्शन मांग रहे हैं, उनको भी बताया जा रहा है। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आवेदन जमा करने वालों को नियमानुसार ईडब्ल्यूएस श्रेणी का आरक्षण दिया जाए। विज्ञापन जारी होने के 45 दिन में पूरी होनी थी भर्ती शासनादेश में विज्ञापन जारी होने के 45 दिन में भी पूरी करने के निर्देश थे, लेकिन अभी तक 62 जिलों में करीब 49 हजार आवेदन जमा हुए हैं। शेष 13 जिलों में विज्ञापन ही जारी नहीं हुए हैं।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के आला अधिकारियों की लापरवाही के चलते आनन् फानन में भर्ती विज्ञाप्ति जारी किये जाने के चलते आंगनबाड़ी के 53000 रिक्त पदों पर होने वाली भर्ती लटक सकती है। वजह यह है कि भर्ती के लिए निर्धारित प्रक्रिया में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है। अधिकांश जिलों में आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब इस संबंध में हाईकोर्ट ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी को आरक्षण देने का निर्देश दिया है। जानकारों का कहना है कि इस स्थिति में अभ्यर्थियों को दोबारा आवेदन करना पड़ सकता है।

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अवगत हो कि प्रदेश में आंगनबाड़ी व सहायिकाओं के 53000 रिक्त पद हैं। उत्तरप्रदेश सरकार के निर्देश पर विभाग ने 29 जनवरी-2021 को शासनादेश जारी कर जिला स्तर पर चयन समिति गठित करने और आवेदन के लिए विज्ञापन देने को कहा था। हालांकि इसमें ईडब्ल्यूएस वर्ग को आरक्षण देने की बात थी, लेकिन पोर्टल पर अपलोड ऑनलाइन आवेदन के प्रारूप में इस वर्ग का कॉलम नहीं दिया गया। लिहाजा इस श्रेणी के अभ्यर्थी आवेदन ही नहीं कर पाए। इस संबंध में उन्नाव, प्रयागराज, बहराइच, गोरखपुर व मिर्जापुर समेत कई जिलों के डीएम और सीडीओ ने शासन और निदेशालय को पत्र लिखकर मार्ग दर्शन मांगा था। इसी बीच एक अभ्यर्थी की याचिका पर हाईकोर्ट की लखनक बेंच ने 21 सितंबर को भर्ती में ईडब्ल्यूएस को अनिवार्य रूप से आरक्षण का आदेश दे दिया। इस पर निदेशक आईसीडीएस डॉ. सारिका मोहन ने 20 अक्तूबर को अनुमन्य आरक्षण देने के निर्देश जारी किए।

ऑनलाइन आवेदन में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए कोई कॉलम नहीं रखा गया। इसी कारण डीह क्षेत्र की दीपिका मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। न्यायालय ने विभाग को तीन सप्ताह में जवाबी हलफनामा जमा करने के आदेश दिए थे

कार्यकत्री से सुपरवाइजर बनी आंगनवाडी की प्रमोशन प्रक्रिया अंतिम चरण में

जानकारों की माने तो पुराने आवेदन निरस्त कर नये मांगे जाएंगे या फिर जमा आवेदन पत्रों में ईडब्ल्यूएस के आरक्षण का प्रावधान करने के लिए संशोधित करना पड़ेगा। दोनों स्थितियों में विधानसभा चुनाव के पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी करना असंभव है।

आंगनवाड़ी गयी ट्रेनिंग में ,सुपरवाइजर कर रही केंद्र का निरीक्षण

बरेली: सोमवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी दीनानाथ द्विवेदी ने सुपरवाइजरों के माध्यम से बिथरी चैनपुर, क्यारा, फतेहगंज पश्चिमी व भोजीपुरा ब्लाकों के 205 आंगनबाड़ी केंद्रों कासत्यापन कराया। इनमें से 33 आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिले, वहीं 25 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व 39 सहायिकाएं अनुपस्थित मिलीं। पांच अन्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूर्व में ही सूचना देकर गायब मिलीं। पांचों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फाइलेरिया की ट्रेनिंग लेने गई थी। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि अनुपस्थित सभी 25 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व 39 सहायिकाओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

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