अवैध वसूली का विरोध करने पर सुपरवाइजर ने रोका पांच माह का मानदेय
आंगनवाड़ी न्यूज
गाजीपुर उत्तरप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के बच्चो को कुपोषण से मुक्त करने के लिए निरंतर योजनाएं संचालित चलायी जा रही है। इन योजनाओ का क्रियावन्यन सही हो रहा है या नहीं इसके लिए इन योजनाओ की मॉनिटरिंग भी की जा रही है। इसी क्रम मे अब बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर किचन गार्डन बनाए जाएंगे इन किचन गार्डेन में सहजन के पौधे लगाकर कुपोषण को दूर किया जाएगा।
जनपद मे बच्चों व गर्भवती महिलाओं से कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र के किचन गार्डेन में सहजन के पौधे लगेंगे। इसके लिए बाल विकास विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गयी है। चूंकि इससे पहले भी यह योजना शुरू की गयी थी इसमे निदेशालय स्तर से सहजन के बीज भी डाक द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रो पर भेजे गए थे लेकिन आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बीज रोपण के लिए जमीन की समस्या आ रही है पर्याप्त जमीन न मिलने के कारण यह योजना सही से लागू नहीं हो सकी।
जनपद के डीपीओ दिलीप कुमार पाण्डेय ने किचन गार्डन बनाने के लिए सीडीपीओ को पत्र भी जारी कर दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को गर्भवती महिलाओं और बच्चों को कुपोषण के बचाने को लेकर जागरूक करने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
अवैध वसूली का विरोध करने पर मानदेय रोका
हमीरपुर जनपद के गोहाण्ड क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने पांच माह का लम्बित मानदेय दिलाए जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है इन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि उनकी क्षेत्र की सुपरवाईजर ने वसूली का विरोध करने पर उनका मानदेय रोक दिया गया है। सुपरवाईजर द्वारा आंगनवाड़ी वर्करो से वसूली की जाती है इसका उन्होने विरोध किया था तो इस विरोध से नाराज होकर सुपरवाईजर ने पाँच माह का मानदेय रोक दिया है।
गोहाण्ड विकास क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्री भुमानी देवी निवासी लींगा, मेहेर पूजा व विमला देवी, किशन कुमारी निवासीगण जराखर, अभिलाषा मिश्र निवासी रहक, विमला देवी ने जिलाधिकारी को बकाया मानदेय दिलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है इन वर्करो का कहना है कि सुपरवाईजर द्वारा प्रतिमाह प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकत्री से अलग अलग मदो मे आने वाले पेसे के लिए वसूली की जाती है।अगर आंगनवाड़ी इस वसूली का विरोध करे तो उन लोगों का मानदेय बिना किसी कारण के रोक दिया जाता है।
पाँच माह का मानदेय न आने पर जब सुपरवाईजर से कहा गया तो उन्होंने कहा कि जिला कार्यक्रम अधिकारी के आदेश पर उनका मानदेय रोका गया है। जबकि मानदेय रोकने मे सुपरवाईजर की मिलीभगत बताई गयी है आंगनवाड़ी वर्करो ने समाधान दिवस में इसकी शिकायत की थी लेकिन तब भी उनका लम्बित मानदेय नहीं दिया गया है । पीड़ित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सुपरवाईजर की कार्यशैली की जांच कराने के साथ बकाया मानदेय दिलाने को लेकर जिलाधिकारी से गुहार लगाई है।