आंगनवाड़ी से सुपरवाइजर पदोन्नति में दस्तावेज, आरक्षण के आधार होगी मेरिट
आंगनवाड़ी न्यूज़
बाल विकास विभाग मे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से सुपरवाइजर बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है इसके लिए शासन द्वारा लिस्ट भी जारी कर दी गयी है। चूंकि अभी लिस्ट को पोर्टल से लॉक किया गया है इसीलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि जिलो मे किस किस आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के सुपरवाइजर बनने मे पदोन्नति की जाएगी । निदेशालय से लिस्ट को अनलॉक करने पर ही डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के दस्तावेजो का सत्यापन करेगी। सत्यापन के समय कार्यकत्रियों को अपने शैक्षिक और अन्य अभिलेखों के साथ कमेटी के समक्ष प्रस्तुत होना होगा।
आंगनवाड़ी से जुड़ी आंगनवाड़ी भर्ती और मानदेय जैसी हर खबर को सबसे पहले देखने के लिए आज ही प्ले स्टोर से एप डाऊनलोड करे
एप डाऊनलोड करने के लिए क्लिक करे
प्रदेश मे आंगनवाड़ी से सुपरवाइजर बनाने के सम्बंध मे विभाग द्वारा 2018 को आदेश जारी किया गया था लेकिन इस प्रक्रिया को पूर्ण करने मे 5 वर्ष का समय लग गया क्योंकि आंगनवाड़ी पदोन्नति की फाइल निदेशालय में जाकर अटक गई। प्रमोशन के लिए पूरे प्रदेश की पात्र आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों डाटा की फाइल निदेशालय को भेज दिया गया था इसके लिए दो स्तर पर सत्यापन भी विभाग ने करके दिया था। जिसमें बाल विकास परियोजना कार्यालयों के अलावा जिले स्तर पर कार्यकर्त्रियों के नियुक्ति पत्र ,सेवाकाल से लेकर शैक्षिक योग्यता आदि की सत्यापन रिपोर्ट लगाई गई थी।
ये भी पढे …आंगनवाड़ी से सुपरवाइजर बनने का इंतजार खत्म,शासन ने किया आदेश जारी
गोंडा जनपद मे आंगनवाड़ी से सुपरवाइजर बनने की दौड़ मे 27 सौ आंगनवाड़ी है लेकिन इन आंगनवाड़ी वर्करो मे सफलता किसे मिलती है ये तो समय ही बताएगा लेकिन खुशी की लहर सभी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों में है। जिले में 17 बाल विकास परियोजनाओं के लिए कुल 23 सुपरवाइजर पदो पर नियुक्ति की जाएगी
आंगनवाड़ी से सुपरवाइजर पदोन्नति में सत्यापन के बाद ही मिलेगी प्रोन्नति
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में पिछली हुई प्रोन्नति मे घोटाले को देखते हुए सरकार ने इस बार पदोन्नति प्रक्रिया में बदलाव किया है। इस नई व्यवस्था में पदोन्नति के लिए पात्र आंगनवाड़ी वर्करो के अभिलेखों का सत्यापन डीएम द्वारा बनाई गयी चार सदस्यीय समिति द्वारा किया जाएगा । इस समिति के सत्यापन के बाद ही आगनवाड़ी वर्करो को प्रोन्नति मिलेगी। पदोन्नति के लिए अब तक विभागीय अधिकारी ही सत्यापन करते थे यह व्यवस्था विभाग में पहली बार शुरू की जा रही है।
पदोन्नति के संबंध में विभाग के विशेष सचिव संदीप कौर ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश भेज दिये हैं। इस आदेशानुसार जिलास्तर पर गठित होने वाली समिति में डीएम द्वारा नामित सीडीओ या एडीएम स्तर का कोई अधिकारी समिति का अध्यक्ष होगा, जबकि डीएम द्वारा ही नामित समूह ‘क’ या ‘ख’ स्तर का अधिकारी और संबंधित सीडीपीओ सदस्य होगा।
इन बातों को जरूर पढे
- सत्यापन के समय गठित टीम पात्र आंगनवाड़ी को सूचित कर कार्यालय बुलाया जाएगा अगर आंगनवाड़ी उपस्थित नही होती है तो आंगनवाड़ी को अनुपस्थित माना जाएगा
- आंगनवाड़ी वर्कर को सभी दस्तावेज़ की मूल कॉपी प्रस्तुत करनी होगी इन सभी प्रतियो को स्केन कर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा
- पात्र आंगनवाड़ी वर्कर के शैक्षिक दस्तावेज़ जांच मे दसवी की मार्क सीट मे अंकित पिता के नाम की जांच की जाएगी जबकि आधार कार्ड मे पति के नाम की जांच होगी
- आंगनवाड़ी वर्कर को इंटरमीडिएट , स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएट की मूल कॉपी प्रस्तुत करनी होगी जिसमे उसके अंको की जांच की जाएगी
- आंगनवाड़ी वर्कर द्वारा दिये गए जाति प्रमाण पत्र का मिलान किया जाएगा अगर पूर्व दिये गए दस्तावेज़ मे कोई त्रुटि होगी तो उसमे सुधार किया जा सकता है
- पात्र आंगनवाड़ी वर्कर की जन्मतिथि की गणना दसवी की मार्कशीट से की जाएगी
- आंगनवाड़ी वर्कर का सेवाकाल का आंकलन उसके नियुक्ति पत्र से किया जाएगा इसीलिए नियुक्ति पत्र की मूल कॉपी प्रस्तुत करनी होगी
- अगर आंगनवाड़ी वर्कर विकलांग है तो इसका प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा साथ ही विकलांगता प्रतिशत भी देखा जाएगा
- अगर आंगनवाड़ी वर्कर स्वतंत्रता सैनानी कोटे से है तो उसका प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा
बाल विकास विभाग मे सुपरवाइजर भर्ती मे हुआ बदलाव
उत्तर प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार मे सुपरवाइजर के 2693 पदों पर सीधी भर्ती के लिए गृह विज्ञान से बीएससी वालों को भी मान्य कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इस संबंध में स्थिति साफ करने के लिए पत्र भेज दिया है।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भर्ती की पूर्ण जानकारी के लिए क्लिक करे
इससे पहले चयन आयोग द्वारा तीन अगस्त 2022 को सुपरवाइजर के 2693 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगा गया था। उत्तर प्रदेश बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (अधीनस्थ) सेवा नियमावली-1992 में दी गई व्यवस्था के अनुसार किसी विश्वविद्यालय से एक विषय के रूप में समाजशास्त्रत्त्, समाजकार्य, गृह विज्ञान या पोषण और बाल विकास के साथ कला स्नातक में उपाधि या सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई उपाधि रखता हो। गृह विज्ञान के साथ बीएससी करने वाली महिलाओं व युवतियों ने भी आवेदन कर रखा है। चूंकि इस नियमावली में कला में स्नातक शब्द लिखा हुआ है। इसीलिए आवेदको के साथ भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी और इस संबंध मे विभाग को विषयो की स्थिति क्लियर करनी पड़ी ।