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आंगनवाड़ी केंद्रों में बदलाव के नाम पर आठ साल से हो रहे जारी आदेश

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उत्तप्रदेश में विगत आठ वर्षो से ज्यादा चल रही आंगनवाडी केन्द्रों को गोद लेकर आदर्श आंगनवाडी केंद्र बनाने की योजना राज्य सरकार पर भारी पड़ रही है इन आठ वर्षो में आंगनवाडी केन्द्रों में बदलाव के नाम पर सिर्फ आदेश जारी होते है लेकिन ये योजना धरातल पर नही उतर सकी अगर जिलो में एकाध केंद्रों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति बदहाल है खासकर किराये के भवनों में संचालित किए जा रहे केंद्रों में शिक्षा के नाम पर सिर्फ पोषाहार वितरण केंद्र बन चुके है

2014 मे आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लिए जाने के संबंध में जारी आदेश पढ़े

2014 में आंगनवाड़ी केंद्रों में पंजीकृत लाभार्थियों के कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों को माननीय व अधिकारियों को गोद लिए जाने की शुरुवात की गई थी लेकिन 2022 तक भी ये प्रक्रिया धीरे धीरे रेंग रही है विभाग के आला अधिकारियों द्वारा आदेश जारी कर खानापूर्ति कर दी जाती है

अब इस कड़ी में एक नए आदेश के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र बनाने के संबंध में आदेश जारी किया है जिसमे बांदा और शाहजहांपुर की स्थिति क्या है इसके बारे में बताते है

बांदा  जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की तरह आंगनवाड़ी केन्द्रों को भी गोद लेकर आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाने का जिम्मा जनप्रतिनिधियों और अधिकारियो को दिया जा रहा है । इसके लिए उत्तरप्रदेश शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इन केन्द्रों को आदर्श आंगनवाडी केंद्र बनाने का उद्देश्य कुपोषण मुक्त करना और इन केन्द्रों में आधारभूत सुविधाओं का सुद्रढीकरण करना है।

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार को लेकर अधिकारियों द्वारा इन स्कूलों को गोद लेकर इनमें बकायदा क्लास भी ली जा रही है। जिससे शिक्षा के स्तर मे सुधार लाया जा सके। इसी कडी में अब सरकार की मंशा आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्तर में भी सुधार लाने की है। जिसको लेकर अब अधिकारी इन केन्द्रों को भी गोद लेकर आदर्श आंगनवाडी केन्द्र बनाएंगे। इसके लिए बकायदा शासन की सचिव अनामिका सिंह के द्वारा कमिश्नर, डीएम और जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण केन्द्र के सर्वांगीण विकास कराते हुए आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में इन्हें विकसित कराया जाए।

6 माह में विकसित करना होगा आंगनवाडी केंद्र

केन्द्रों को गोद लेने की प्रक्रिया जनपद में गोद लिए जाने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी या बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा संबन्धित गोद लेने वाली संस्था को उपलब्ध कराई जाएगी। उनसे विचार विमर्श कर उनकी स्वेच्छा से गोद लिए जाने वाले आंगनवाड़ी केन्द्र चिन्हित किए जाएंगे। इसके बाद अधिकारियों द्वारा गोद लिए जाने वाले शेष आंगनवाड़ी केन्द्र आवंटित किए जाएंगे। आदर्श केन्द्र बनाने की समयावधि गोद लिए गए आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए निर्धारित समयावधि छह माह की होगी।

आदर्श केन्द्र की इस तरह होगी घोषणा गोद लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों को निर्धारित अवधि में उक्त मानकों को पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति द्वारा आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र घोषित किया जाएगा। इसके बाद प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

आदर्श आंगनवाडी केंद्र में क्या क्या होंगे बदलाव

आंगनवाड़ी केन्द्रों को कुपोषण मुक्त करना।

आंगनवाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए अनौपचारिक शिक्षा ईसीसीई के स्तर में सुधार।

आंगनवाड़ी केन्द्रों में आधारभूत सुविधाओं का सुद्ढीकरण करना।

आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लेकर आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में इन मानको पर विकसित किया जायेगा।

आंगनबाड़ी केंद्र को गोद देने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा सूची तैयार की जाएगी तथा 6 महीने में शैक्षिक संस्थानों, संस्था को सूची उपलब्ध कराई जाएगी। जिलाधिकारी की अनुमति से गोद लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। गोद लिए गए आंगनवाड़ी केंदो को आदर्श बनाने के लिए वीएचएसएनसी के अन टाइड फंड, कायाकल्प तथा जीपीडीपी का प्रयोग करते हुए आधारभुत सुविधाएं दी जाएंगी।

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शाहजहांपुर जिले में चयनित किए गए 121 आंगनबाड़ी केंद्रों को अफसर और जनप्रतिनिधि गोद लेंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद दिए जाने का मकसद बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराना और बच्चों की शिक्षा के स्तर में सुधार लाना है। इस संबंध में शासन ने सभी जिलों में आदेश जारी कर दिया है।

जिले के 121 आंगनबाड़ी केंद्रों का होगा कायाकल्प

जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा सुधारने के लिए नप्रतिनिधियों, अधिकारियों, शैक्षिक संस्थानों तथा औद्योगिक संस्थानों द्वारा गोद लेकर आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाये जायेंगे। बाल विकास एवं सेवा पुष्टाहार विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं द्वारा समेकित प्रयास करते हुए चयनित केंद्रों को आदर्श बनाया जाएगा। शैक्षिक संस्थान या संस्था द्वारा 3 वर्षों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों वो गोद लेना होगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा 121 आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची तैयार कर जिलाधिकारी को भेज दी गई है, जिसमें 110 आंगनबाड़ी केंद्रों को जनपद स्तर के अधिकारी तथा 11 केंद्र जन प्रतिनिधियों को गोद दिया जाएगा। संस्थानों द्वारा गोद लिए गए आंगनवाड़ी के निरीक्षण करने के लिए शैक्षिक संस्थानों या संस्था द्वारा नामित प्रतिनिधि को दायित्व दिया जायेगा।

जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक महीने पोषण समिति बैठक में गोद लिए गए आंगनबाड़ी केंद्रों की समीक्षा की जाएंगी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बैठक में निर्धारित प्रपत्र पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी युगल किशोर सांगुड़ी ने बताया कि आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए जनपद के 121 केंद्रों का चयन किया गया है, इन केंद्रों में बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी।

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