उत्तरप्रदेश में सरकारी और संविदा पर होने वाली भर्ती में हुआ बदलाव
उत्तरप्रदेश भर्ती न्यूज़
उत्तरप्रदेश के सरकारी विभागों और उनसे जुड़ी संस्थाओं में आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्ती में हो रही गड़बड़ी को रोकने के लिए और भर्ती में अवैध वसूली करने वाली सेवा प्रदाता कंपनियों पर शिकंजा कसने की कार्यवाही शुरू हो गयी है । सरकारी विभागों और उनसे जुड़ी संस्थाओं में आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्तियां सेवा प्रदाता की मर्जी से नहीं बल्कि सेवायोजना विभाग के पोर्टल के जरिए कंप्यूटर द्वारा रैंडम आधार पर की जाएंगी।
प्रदेश और जिला स्तर पर सरकारी विभागों और आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्ती के नाम पर सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा अवैध वसूली की शिकायतें बढती जा रही है । केंद्र सरकार ने इस गड़बड़ी को रोकने के लिए गवर्नमेंट ई मार्केट प्लस जेम पोर्टल तैयार कराया था। इसके तहत सेवा प्रदाताओं को सेवायोजन विभाग द्वारा संचालित पोर्टल पर वरिष्ठता अथवा कंप्यूटर द्वारा रैंडम आधार पर कार्मिक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई। इसे प्रदेश में भी लागू करने के आदेश किए गए थे,लेकिन अभी तक शिकायतें में कोई कमी नही दिख रही है ।
शिकायतों में कमी लाने के लिए यूपी सरकार ने इसमें दुबारा बदलाव कर दिया है। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति डा. देवेश चतुर्वेदी द्वारा सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव, सभी विभागाध्यक्ष और समस्त आयुक्त और जिलाधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किया है। सेवा प्रदाता कंपनियां अब किसी व्यक्ति की वरिष्ठता को दिखाकर भी मनमानी नहीं कर सकेंगी। सेवायोजन विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध कार्मिकों में से केवल कंप्यूटर द्वारा रैंडम आधार पर ही कार्मिक लिए जाएंगे।
मेडिकल कॉलेज भर्ती में वसूली की आ रही थी शिकायत
अपर मुख्य सचिव द्वारा नये शासनादेश को विभागों द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यालयों और संस्थानों को भीभेजने के बावजूद भी एटा के मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की भर्ती में जलेसर की रूबी नामक छात्रा ने लखनऊ में साक्षात्कार के दौरान अवनि परिधि नामक सेवा प्रदाता कंपनी पर एक साल का वेतन रिश्वत के रूप में मांगने का आरोप लगाया है। इसे शासन ने भी गंभीरता से लिया है। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. एनसी प्रजापति ने कहा है कि भर्ती कैसे होनी है, यह नये शासनादेश में स्पष्ट है। भर्ती में अगर शिकायत मिली तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में 10,000 पैरामेडिकल स्टाफ की होगी नियुक्ति
उत्तर प्रदेश सरकार आने वाले छह माह में राज्य में 10,000 पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति करेगी। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भर्ती के सम्बन्ध मेंनिर्देश दे दिए गये है । मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के समक्ष स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े सभी विभागों का प्रस्तुतीकरण हो चूका है ।
प्रदेश सरकार आगामी सौ दिनों में प्रदेश के 28 लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध कराएगी। हर विधानसभा क्षेत्र में 100 बेड का अस्पताल बनेगा। अगले पांच साल में 10 हजार स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं के सुचारु संचालन के लिए डॉक्टर-नर्स डॉक्टर-नर्स का अनुपात 1:1 हो। जरूरत के अनुसार पद सृजन किए जाएंगे। हर जनपद में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस, एईएस और कालाजार जैसी बीमारियों के लिए ‘मिशन जीरो’ की शुरुआत की जाएगी।