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गेंहू की जगह अब मिलेंगे दलिये के पैकेट,कोटेदार डकार रहे नौनिहालों का राशन

आंगनवाडी न्यूज़

कोटेदार डकार रहे नौनिहालों का राशन

कौशाम्भी जनपद कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही सरकार की मंशा पर कोटेदारों ने बट्टा लगाना शुरू कर दिया है।अधिकांश कोटेदार आंगनबाड़ी केंद्र में कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं को मिलने वाला गेहूं व चावल नहीं दे रहे हैं।
जनपद में 1772 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। वहीं सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों की संख्या लगभग साढ़े चार सौ है। शासन का आदेश है कि आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत कुपोषित बच्चों, धात्री व गर्भवती महिलाओं को चावल और गेहूं दिया जाएगा। योजना में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ कोटेदारों और स्वयं सहायता समूह को भी शामिल किया गया है। विभाग के निर्देसनुसार के अनुसार कोटेदारों का काम गोदाम से गेहूं व चावल का उठान करके अगले ही दिन आंगनबाड़ी कार्यकत्री को प्राप्त करा देना है लेकिन जमीनी हकीकत यह है की गोदाम से राशन ले जाने के बाद कोटेदारों ने आंगनबाड़ी का राशन अपने कब्जे में रख लिया है। इतना ही नहीं, आंगनबाड़ी के लाभार्थी यदि राशन के लिए आंगनबाड़ी केंद्र से मिली पर्ची लेकर जाते हैं तो उन्हें भी बहाने बनाकर उल्टे पांव लौटा दिया जाता है। एक दो केंद्र नहीं, अधिकांश जगहों पर यही हालत है।

बीते दिनों महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के संरक्षक अमित सिंह व प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष माया सिंह ने डीएम समेत अन्य अधिकारियों को ज्ञापन देकर कोटेदार व स्वयं सहायता समूह की गड़बड़ियों को लेकर शिकायत की थी। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो सका। जिले के 1772 केंद्रों में लगभग यही हाल है।

राशन वितरण को लेकर समूह की महिला और आंगनवाडी कार्यकत्री में विवाद

कड़ा विकास खंड क्षेत्र के खाच की मई का मजरा फतेहशाहपुर के आंगनबाड़ी केंद्र में सम्राट महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य कुसुम देवी, ज्योति कुशवाहा, स्नेह लता राशन बांटने पहुंची। इस पर वहां मौजूद कार्यकत्री मिथलेश देवी राशन बांटने से मना कर दिया। समूह की महिलाओं का आरोप है कि कार्यकत्री ने गाली-गलौज करते हुए फोन कर अपने पति को भी मौके पर बुलवा लिया। नौबत हाथापाई तक पहुंच गया।मौके से भागकर समूह की महिलाओं ने किसी तरीके से अपनी जान बचाई। जबकि आंगनबाडी कार्यकत्री मिथलेश कुमारी ने पुलिस
को तहरीर देकर बताया कि रविवार की सुबह वह आंगनबाड़ी केंद्र में बैठी थीं। इस दौरान गांव के कुछ लोग उनके पास पहुंचे और जबरन रजिस्टर छीनने लगे। विरोध किया तो मारपीट करने लगे। इस दौरान उन्हें चोटें भी आई है। पुलिस ने दोनों पक्ष की तहरीर लेने के बाद जांच कराकर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।

गेंहू की जगह मिलेंगे दलिए के पैकेट

बागपत जनपद में आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं व छह माह से तीन साल तक के बच्चों को गेहूं का वितरण नही होगा आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं व बच्चों को एक किलो दलिया का पैकेट उपलब्ध कराने का सरकार ने निर्णय लिया है।अब उसके स्थान पर दलिया का पैकेट मिलेगा। इस माह से उन्हें गेहूं के स्थान पर एक किलो का दलिया का पैकेट दिया जाएगा। दलिया का पैकेट स्वयं सहायता समूह की महिलाएं क्षेत्र की बाल विकास विकास परियोजना अधिकारी से हासिल कर सकेंगी। इसका वितरण स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जाएगा। समूह की महिलाएं दलिया का पैकेट बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त करेंगी। फिलहाल 19922 गर्भवती व धात्री महिलाओं और 18721 बच्चों को ही राशन मिल रहा है।

बागपत जिले में 1338 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन पर 28859 गर्भवती महिलाएं पंजीकृत हैं, जबकि छह माह से तीन साल तक के बच्चों की 29756 है। इन केंद्रों पर 1300 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां तैनात है। बाल एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा पंजीकृत गर्भवती महिलाओं व बच्चों को पुष्टाहार वितरित किया जाता है। 
   

मांगो को लेकर आंगनवाडी वर्करो ने किया प्रदर्शन

सोनभद्र जनपद में आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष और प्रतिमा सिंह साधना विश्वकर्मा, उर्मिला सिंह के आह्वान पर आंगनवाडी वर्करो ने ने सोमवार को जिला अस्पताल के सामने स्थित हनुमान मंदिर से जुलूस निकालकर कलक्ट्रेट पहुंच कर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सीएम नामित डीएम को सौंपा। इस दौरान

इस दौरान जिलाध्यक्ष प्रतिमा सिंह ने कहा कि हमें प्रोत्साहन राशि नहीं हमको हमारा अधिकार चाहिए। प्रतिमा ने बताया कि सरकार द्वारा जो जुमलेबाजी आंगनबाड़ी कर्मचारियों के साथ किया जा रहा है, वह सही नहीं है। कोरोना महामारी के दौरान भी हम लोग अपनी जान हथेली पर रख कर इससे बचाव की जानकारी सहित सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने में लगे रहे। हमारे द्वारा किये गये कार्य का सरकार आज मीडिया में बखान कर रही है इससे हमें लगा कि आंगनबाड़ियों को सम्मानजनक मानदेय की बढ़ोतरी सरकार करेगी । लेकिन, पंद्रह रुपए प्रोत्साहन भत्ता दे रही है। इसक हम लोग विरोध करते हैं। हमें प्रोत्साहन भत्ता नहीं चाहिए हमें मानदेय के रूप में अपना हक चाहिए। ताकि हमारे परिवार का जीवन यापन चल सके। जिले भर से आए सैकड़ों की संख्या में आए आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने संघ के बैनर तले प्रदर्शन कर कहा कि हम प्रोत्साहन भत्ता के रूप में दी जा रही मामूली धनराशि का विरोध करते हैं। सरकार हमारा मानदेय बढ़ाये नहीं तो हम कर्मचारी संघ इसका विरोध करते हुए एक आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग सहित शासन-प्रशासन की होगी।

सोनभद्र में प्रदर्शन करती आंगनवाडी

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