बदायूं जनपद के बिसोली क्षेत्र में पिछले साल 16 नवंबर 21 की रात को एसडीएम ज्योति शर्मा ने गांव हत्सा के नजदीक स्थित एक प्राइवेट गोदाम से बाल पुष्टाहार के 300 बैग एक्सपायर पोषाहार पकड़ा था। यह पुष्टाहार को पैकेट में भरकर बाजार में बेचा जाना था। एसडीएम ने उक्त गोदाम को सील कर दिया। जिसे गड्ढा खोदकर दबाने के बाद नष्ट कर दिया था।पकड़े एक एक्सपायरी पुष्टाहार को डीएम के आदेश पर सिद्धपुर कैथोली के जंगल में गड्ढा खुदवाकर दबा दिया। इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग उक्त गड्ढे से निकालकर पोषाहार छोटा हाथी में भर रहे हैं। कोतवाली के अंतर्गत रहने वाले अमर सिंह, अबरार, सरवन, सत्यवान, रघुराज, रोशन सहित सात लोगों ने गड्ढा खोदकर पशुओं को खिलाने के लिए करीब 10 क्विंटल पुष्टाहार निकाल लिया।पुलिस ने मौके से तीन लोगों को पकड़ा था। पुलिस ने पुष्टाहार के कट्टों से लदा छोटा हाथी कोतवाली लाकर खड़ा कर दिया। पुलिस ने गांव नागपुर के अमरपाल व रोशनलाल तथा नगर के गुलाबबाग निवासी अबरार को जेल भेज दिया। पुलिस ने बताया चालक रोशन, अमर सिंह, अबरार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस चेकिंग में बैग बरामद होने के बाद सात लोगों के खिलाफ चोरी का मुकदमा कायम किया गया है।
जियो टैगिंगसे एक क्लिक पर निकलेगी आंगनवाडी केन्द्रों की जानकारी
अलीगढ़ जनपद समेत अब पुरे प्रदेश में एक क्लिक पर आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति आपके कम्यूटर व मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगा । शासन के निर्देश पर पुरे उत्तरप्रदेश के सभी जिलो समेत और अलीगढ़ जिले के करीब तीन हजार से अधिक केन्द्रों की जियो टैगिंग का कार्य प्रगति पर है।
प्रदेश में आंगनवाडी केन्द्रों की जियो टैगिंग स्टेटस देखने के लिए क्लिक करे
बाल विकास विभाग द्वारा जनपद के सभी 12 ब्लाकों में कुल 3039 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। पुष्टाहार निदेशालय द्वारा इन आंगनवाडी केंद्रों के माध्यम से बच्चो महिलाओ को स्वास्थ्य की निगरानी के साथ कुपोषण दूर करने व उच्च शिक्षा को लेकर विभिन्न प्रकार की योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। आंगनवाडी केन्द्रों की स्थिति जेसे आंगनवाडी भवन ,पेयजल ,बिजली,फर्नीचर आदि के लिए अब शासन स्तर से आंगनबाड़ी केंद्रों को जियो टैग करने का निर्णय लिया गया है।
आंगनवाडी केन्द्रों की जियो टैगिंग
बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों की निगरानी के लिए एक मोबाइल एप तैयार कराया गया है। इस एप के माध्यम से आंगनबाड़ी वर्कर द्वारा केन्द्रों की जियो टैगिंग का कार्य कराया जा रहा हैं। इसमें शहरी क्षेत्रों समेत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी ब्लाकों में आंगनबाड़ी केंद्रों को जियो टैग किया जा रहा हैं। जियो टैगिंग से आंगनवाडी केन्द्रों में पेयजल, शौचालय, बिजली व फर्नीचर की जानकारी आनलाइन प्रदशित होगी। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र की भौतिक स्थिति भी आनलाइन हो रही है। शहरो या ग्रामीण क्षेत्रों में किराए पर संचालित किये जा रहे आंगनवाडी भवन की 500 मीटर परिधि में अगर कोई शासकीय भवन स्थित है तो उसका विवरण अनिवार्य रूप से अपलोड किया जा रहा है। जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रेयस कुमार ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के जियो टैग होने से विभागीय योजनाओं को लागू कराया जाएगा। इसके साथ ही निरिक्षण व अन्य कार्य से जाने के लिए आंगनवाडी केंद्र को ढूढने में भी आसानी रहेगी।