पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र को स्मार्ट टीचिंग और लर्निंग सेंटर बनेंगे
आंगनवाडी न्यूज़
ट्रेन की टक्कर लगने से आंगनवाडी सहायिका की मौत
जौनपुर के औड़िहार-जौनपुर रेलखंड पर थाना क्षेत्र के एकौना गांव के रेलवे अंडरपास के समीप रविवार की सुबह ट्रेन की चपेट में आने से आंगनबाड़ी सहायिका निशा यादव की मौत हो गई। सुबह पैदल घर लौट रही कुछमुछ गांव की 45 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका निशा यादव पत्नी कमलेश यादव अपने मायके आई हुई थीं।रविवार को लगभग 11 बजे एकौना गांव में बने अंडरपास के समीप रेल पटरी पार कर रही थीं और उसी समय जौनपुर की तरफ से पैसेंजर ट्रेन आ गई। लाइन पर निशा को देखकर ट्रेन चालक ने हार्न भी बजाया लेकिन निशा हॉर्न की आवाज को सुन नहीं सकी। जिससे ट्रेन की टक्कर से निशा यादव दूर जा गिरी और तुरंत ही घटना स्थल पर मौत हो गई।
घटना स्थल पर मौजूद लोगो ने हादसे की सूचना मृतका के स्वजन व पुलिस को दी। इस खबर को सुनते ही घर में कोहराम मच गया। और रोते- बिलखते स्वजन घटना स्थल पर आ गए सुचना मिलने पर पुलिस भी आ गई और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र को स्मार्ट टीचिंग और लर्निंग सेंटर बनेंगे
वाराणसी जिले में लगभग सौ आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्मार्ट टीचिंग और लर्निंग सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है। इन सेंटरों में नौनिहालों का भविष्य संवारने के लिए यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री बच्चों को एप, प्रोजेक्टर और व्हाइट बोर्ड से शिक्षण कार्य करेंगी। इन चयनित केन्द्रों पर सोलर पैनल, मेज, यूएसबी, यूपीएस, मेज, मार्कर, चार्ट पेपर, स्केच पेन, कलर और अन्य सुविधाओ से सुसज्जित किया जायेगा
जिला कार्यक्रम अधिकारी डी के सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के चयन का काम चल रहा है। इन सेंटरों पर निर्धारित सुविधाएं बढ़ाने और सामानों की आपूर्ति के लिए टेंडर निकाले गए हैं। इसके बाद केन्द्रों को स्मार्ट लर्निंग सेंटर के रूप में विकसित करने का काम शुरूकिया जा रहा है ।
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के पोषण अभियान के तहत इस योजना के पहले चरण में प्रदेश के वाराणसी और गोरखपुर जनपद का चयन किया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्मार्ट टीचिंग और लर्निंग सेंटर बनाने की जिम्मेदारी डीएम की अध्यक्षता द्वारा गठित कमेटी में जिला कार्यक्रम अधिकारी को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। विभाग की निदेशक डॉ. सारिका मोहन के निर्देश पर इस अभियान की शुरूवात की गई है। उत्तरप्रदेश सरकार ई सी सी ई के अंतर्गत स्कूल से पहले की (प्री प्राईमरी) शिक्षा को विशेष और आकर्षक बनाने पर निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को पहले ‘नंदघर’ बनाने का निर्णय लिया गया। और अब सौ आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्मार्ट टीचिंग और लर्निंग सेंटर के रूप में विकसित किये जा रहे है
चिन्हित किए दिव्यांग बच्चो को पढ़ाने के लिए आंगनवाड़ी वर्करों का होगा प्रशिक्षण
मुरादाबाद पांच साल से कम उम्र के नर्सरी से यूकेजी तक के दिव्यांग बच्चो को शिक्षा देने के लिए जिले में 848 बेसिक शिक्षा परिषद स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं। चूँकि अभी तक पांच साल से कम उम्र के बच्चों की व्यवस्था सरकारी स्कूलों में नहीं थी। और इन बच्चो की शिक्षा प्राइवेट प्ले स्कूलों में होती थी लेकिन अब नयी शिक्षा नीति के तहत नौनिहालों के लिए आंगनवाडी केन्द्रों में पढ़ाने के लिए मान्य कर दिया गया है अब नर्सरी व यूकेजी तक पढ़ने के बाद परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक में एडमिशन दिया जाएगा।
इन परिषद स्कूलों में लखनऊ से प्रशिक्षण प्राप्त करके आए दो प्रशिक्षक जिले के 27 शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। इन 27 प्रशिक्षक को हर ब्लाक में तीन-तीन बेच में प्रशिक्षण देने निर्धारित किए गए हैं, और यही शिक्षक अपने ब्लाक में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो को दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षण देंगे। सर्वे में चिह्नित जिले के 4570 दिव्यांग बच्चो को शिक्षित किया जायेगा । परिषदीय स्कूलों में खोले गए आगनबाड़ी केंद्रों पर जिस तरह की दिव्यांगता होगी, उसी तरह से विशेष शिक्षा दी जाएगी। समेकित शिक्षा के जिला समन्वयक तारा सिंह ने बताया कि इस व्यवस्था से पांच साल से कम उम्र के दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने को प्लेटफार्म मिलेगा। दिव्यांग बच्चों को शिक्षण देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे।
जिले की 50 आंगनबाड़ी को प्रशिक्षण देने के लिए हर बैच में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक में एक स्पेशल एजूकेटर और एक समेकित शिक्षा के जिला समन्वयक को लखनऊ से ट्रेनिंग दी गयी हैं। यह प्रशिक्षक हर ब्लाक के तीन-तीन प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। ब्लाक स्तर के प्रशिक्षक 50-50 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बैच बनाकर प्रशिक्षण देंगी। विधानसभा चुनाव के बाद प्रशिक्षण कार्य शुरू किया जाएगा। जिससे कि नए शिक्षा सत्र में दिव्यांग बच्चों को नर्सरी से यूकेजी तक आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ने की व्यवस्था शुरू हो सके