प्री प्राईमरी में शिक्षा की व्यवस्था डीएलएड डिप्लोमाधारी और भोजन ,स्वास्थ्य का जिम्मा आंगनवाडी को मिलेगा
आंगनवाडी न्यूज़
देश के सभी राज्यों में नयी शिक्षा नीति लागू की जा रही है पंजाब में आंगनवाडी केन्द्रों को प्ले स्कूल में तब्दील किया जा चुका है उत्तरप्रदेश में अप्रेल से आंगनवाडी केन्द्रों की व्यवस्था बदली जा रही है जबकि पंजाब में नयी शिक्षा पूर्ण रूप से लागू हो चुकी है इसी कड़ी में झारखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों की प्री-प्राइमरी कक्षाओं को प्राथमिक विद्यालयों का रूप दिया जा रहा है । इन आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चों को स्कूल के शिक्षक पढ़ाएंगे साथ ही आंगनबाड़ी वर्करो पर स्वास्थ और कुपोषण दूर करने के लिए पोषाहार वितरण की जिम्मेदारी होगी ।
आंगनवाडी केन्द्रों की व्यवस्था बदलने के लिए हर स्कूलों में प्रोजेक्टर और एलईडी की व्यवस्था करायी जा रही है। बच्चों की एक्टीविटी के लिए ई-कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है बुकलेट से लेकर अक्षर कार्ड और स्टोरी कार्ड की व्यवस्था की गई।
झारखंड एजुकेशन कॉनक्लेव द्वारा झारखंड राज्य सरकारभी लागू करने जा रही है। राज्य सरकार ने इसके लिए पंजाब सरकार से संबंधित एसओपी और गाइडलाइन की मांग की गई है, जिससे झारखंड सरकार को लागू करने में कोई अड़चन न आये और इसकी कार्यवाही सुचारू रूप से आगे बढ सके।
पंजाब में ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में चलने वाले प्री प्राईमरी के अंतर्गत एलकेजी-यूकेजी कक्षाओं को प्राइमरी स्कूलों में तब्दील कर दिया गया है। इन प्री-प्राइमरी के बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था शिक्षा विभाग द्वारा दो साल के डीएलएड डिप्लोमाधारी शिक्षक के द्वारा पढाई जाती हैं। जबकि भोजन ,नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी वर्करो की देखरेख में की जाती है। शिक्षण व्यवस्था की कमी को दूर करने के लिए पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग से जुडे मंदीप सिंह ने कहा कि कोरोना काल में स्कूल बंद होने पर सबसे पहले बच्चों का लेबल की जांच की जाएगी । इसके लिए गणित, अंग्रेजी, भाषा के आधार पर एक लेबल वाले बच्चो का एक समूह बनाया गया है और उसे एक महल का नाम दिया गया।