बाल विकास विभाग मे सुपरवाइजर की भर्ती न होने योजनाएं प्रभावित
आंगनवाड़ी न्यूज
उत्तरप्रदेश के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग मे भर्ती न होने से योजनाओ को सुचारु रूप से लागू करने मे समस्याआ रहीं है। विभाग मे सुपरवाइजरों और आंगनवाड़ी वर्करो की बड़ी कमी है साथ ही वर्तमान समय में सीडीपीओ और बाबुओं की भी कमी बनी हुई है। इन वर्करो का मुख्य कार्य ऑनलाइन बेहतर प्रदर्शन दिखाने के लिए डाटा मैनेजमेंट करके रखना है। साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्रो को सुचारु रूप से चलाना है
गोण्डा जनपद में आंगनवाड़ी केन्द्रो की निगरानी रखने के लिए सुपरवाइजरों की संख्या इस बार तबादले की वजह से फिर घट गई है। जनपद मे 110 सुपरवाइजरों के रिक्त पदों के सापेक्ष कुल 20 सुपरवाइजर ही बाकी बची हुईं हैं। जिले में तैनात सुपरवाइजर पूनम सिंह, ममता सिंह और अनीता गुप्ता का तबादला हो गया है। बहराइच जिले से एक सुपरवाइजर ही स्थानान्तरण के जरिए मिल पाई हैं। जिले में कुल 22 सुपरवाइजरों में अब 20 ही बाकी बची हुई है। यह हाल तब बना हुआ है कि कि जब जिले में ब्लॉकवार बाल विकास परियोजनाओं की संख्या 17 है। ऐसे में एक-एक सुपरवाइजर को हर परियोजना में तैनाती रहे।
सूत्रो की माने तो जिले के रुपईडीह, बभनजोत और पडरी कृपाल ब्लॉक आकांक्षात्मक ब्लॉक की श्रेणी में हैं। इन ब्लॉकों में कम से कम दो मुख्य सेविकाओं का तैनात होना जरूरी है। इन ब्लॉक के पिछड़ापन को दूर करने के लिए संविदा के सीडीपीओ को हटाकर स्थाई सीडीपीओ को तैनात किया गया था।
बेरोजगारी की वजह से संविदा पर लगी मुख्यसेविकाओं को किसी दिन स्थाई नौकरी मिल जाने की आस में नौकरी करना बहुत ही भारी पड़ रहा है। जिस उम्र में वे कोई दूसरी नौकरी तलाश कर जा सकती थीं। उस उम्र में विभाग से जम कर विभागीय कार्य लिए जाते है जिसकी वजह से ये कर्मी मानसिक बीमार बन कर रह गए है ।
प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी धर्मेन्द्र गौतम का कहना है कि प्रदेश मे भर्ती न होने से वर्करो की समस्या हो रही है जिसकी वजह से एक सुपरवाईजर को एक परियोजना में ही नियुक्त किया जा रहा है वर्तमान मे इसके अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प भी नहीं है। शासन से सुपरवाईजर की नयी भर्ती किए जाने का इंतजार किया जा रहा है। भर्ती और पदोन्नति के बाद समस्याए खत्म हो जाएंगी