बुलंदशहर में आंगनवाड़ी भर्ती पर लगी रोक,आरक्षण का मुद्दा पड़ा भारी
आंगनवाड़ी भर्ती पर आरक्षण पड़ा भारी
आंगनवाड़ी भर्ती पर आरक्षण मुद्दा भारी पड़ता जा रहा है अलग अलग जिले में आरक्षण तय न होने से आंगनवाड़ी भर्ती तय समय से पिछड़ती जा रही है जनवरी से जारी आंगनवाड़ी भर्ती नोटिफिकेशन पर 7 माह के बाद भी आधे जिले भी अभी तक आरक्षण तय नही कर सके जिसके कारण एक बड़ी संख्या में जिलो में भर्ती शुरू नही हो सकी है
जंहा एक और धीरे धीरे जनपदों में आरक्षण तय होने के बाद विज्ञप्ति जारी हो रही है वन्ही दूसरी और जनपद बुलंदशहर के जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिओम वाजपेयी ने जिले की आंगनवाड़ी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि शासन स्तर से
आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है। आरक्षण को लेकर इसमें मुद्दा उठा था, जिसके बाद मामला कोर्ट में गया था।शासन के आदेश आने के बाद जिले में नए सिरे से भर्ती को लेकर कार्यवाही होगी
आंगनबाड़ी कार्यकत्री की होने वाली भर्ती पर शासन ने रोक लगा दी है। आरक्षण को लेकर मामला कोर्ट में जाने पर सभी जनपदों में भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया गया है। जिले में भी 805 पदों पर भर्ती होनी थी और अफसरों ने इसे लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं। अचानक भर्ती प्रक्रिया रूकने से आंगनबाड़ी बनने का सपना देख रही महिलाओं के हाथ मायूसी लगी है। शासन से अब नए आदेश आने के बाद विभाग भर्ती प्रक्रिया को शुरू करेगा। शासन द्वारा पिछले काफी वर्षों से आंगनबाड़ियों के रिक्त पदों पर कोई भर्ती नहीं थी। जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की संख्या अधिक थी तो आंगनबाड़ियों की संख्या भी कम थी। जिसके कारण आंगनवाडी केन्द्रों पर आने वाले बच्चो को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा था 2020 में 62 वर्ष पूर्ण होने पर बड़ी संख्या में आंगनवाडी वर्करो को निष्काषित किया गया था इसीलिए शासन ने आंगनबाड़ी, सहायिका और मिनी कार्यकत्री के पदों पर भर्ती करने के आदेश दिए थे। बुलंदशहर की बात करें तो यहां 3967 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 805 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पद रिक्त थे। शासन के के बाद जिला कार्यक्रम विभाग ने सभी पदों पर भर्ती करने की प्रक्रियाशुरू कर दी थी, मगर कुछ जिलों में भर्ती में आरक्षण का पेंच फंसने के कारण शासन ने अब कोर्ट के आदेश पर इसेस्थगित कर दिया है। जिले में भी भर्ती का विज्ञापन निकालने की पूरी तैयारी थी, मगर शासन के आदेश आने के बाद अफसरों ने भर्ती प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
आंगनबाड़ियों बनने की आस लगाए बैठी महिलाओं को भी भर्ती स्थगित होने से मायूसी मिली है। जिले में आंगनबाड़ी के 348, सहायिकाओं
के 419 और मिनी कार्यकर्ताओं के 38 पदों पर भर्ती होनी थी।
जनपद रायबरेली में पदों की रिक्तियों का ब्यौरा
जनपद गोंडा में सुपरवाइजर के कार्य क्षेत्र में हुआ बदलाव
जनपद गोंडा में अलग अलग परियोजना की 10 सुपरवाइजर जिले की को डीएम मार्कण्डेय शाही ने दूसरी परियोजनाओं में ट्रांसफर कर दिया है। इस फेरबदल में जिनका कार्यकाल तीन वर्ष अथवा इससे अधिक का हो चुका था उनका ही ट्रांसफर किया गया है ट्रांसफर की गई मुख्य
सेविकाओं को तत्काल स्थानान्तरित स्थानों पर कार्यभार ग्रहण करने का कड़ा निर्देश दिया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि शासन के निर्देश के क्रम में तबादले हुए शासन से मांगी जाएगी। अनुमति मिलने पर जिले की सभी संविदा कर्मियों को इधर से उधर किया जाएगा। बीते वर्षों में संविदा कर्मियों को अन्य परियोजनाओं पर तैनात नहीं कियाजा सका है। जिसका मुख्य कारण निदेशालय से जारी वह आदेश कि जिसमं संविदा कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगाई गई थी।
संविदा कर्मियों के तबादले पर शासन से अनुमति मांगी गयी । वहीं एक मुख्य सेविका को प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरित
किया गया है।