शिशु डेस्क के लिए हर आंगनवाडी केन्द्रों के लिए बजट जारी,हर केंद्र को मिलेगा 10,800₹
आंगनवाडी न्यूज़
मिर्जापुर नयी शिक्षा नीति के तहत प्री-प्राइमरी के अंतर्गत उत्तरप्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में स्थित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को जमीन पर बैठने से छुटकारा मिल जायेगा अब आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को प्रयोगार्थ फर्नीचर शिशु डेस्क व बैठने के लिए रंग-बिरंगा मैट उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रत्येक आंगनवाडी केंद्र को मिलेंगे दस हजार आठ सौ रुपए : प्रदेश के राज्य परियोजना निदेशक द्वारा चिल्ड्रेन डेस्क व मैट की व्यवस्था करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने के साथ ही धनराशि भी अवमुक्त कर दी गई है। प्रथम चरण में मिर्जापुर जनपद के को-लोकेटेड कुल 417 आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिशु डेस्क व मैट की व्यवस्था करने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। शिशु डेस्क एवं मैट के लिए दस हजार 800 रुपये प्रति आंगनबाड़ी केंद्र शासन स्तर से जारी की गई है।
आंगनवाडी केन्द्रों पर डेस्क उपलब्ध कराये जाने हेतु जारी आदेश
शिशु डेस्क के फर्नीचर को टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद जेएम पोर्टल के माध्यम से क्रय किया जाएगा। आंगनवाडी केंद्र के मेट का साईज दो गुणे दो का होगा। राज्य परियोजना निदेशक की ओर से शिशु डेस्क की डिजायन भी बीएसए को दी गई है। ताकि डिजायन के अनुसार डेस्क क्रय की जा सके। वर्तमान में जनपद में कुल 1002 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं, लेकिन शुरुवात में जो आंगनवाडी केंद्र प्रथमिक विद्यालय परिसर में चलाये जा रहे हैं उन्हीं आंगनवाडी केंद्रों में फर्नीचर उपलब्ध कराए जाएंगे। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बीते अगस्त महीने तक ही शिशु डेस्क की व्यवस्था करने के आदेश दिए थे, लेकिन अपरिहार्य कारणों से कार्य विलंबित हो गया। राज्य महानिदेशक ने गूगल मीट में समय सीमा निर्धारित करते हुए शिशु डेस्क की व्यवस्था कराने की हिदायत दी है।
आंगनवाडी केन्द्रों को मॉडल बनाने की तैयारी शुरू
रामपुर जनपद के प्रत्येक विकास खंड के पांच-पांच आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल के रूप में विकसित किया जायेगा। जिले के मुख्य विकास अधिकारी ने डीपीओ को आंगनवाडी केंद्रों को विकसित कराने के निर्देश दे दिए है ।
विकास भवन सभागार में पोषण समिति की बैठक में सीडीओ नंद किशोर कलाल ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को तुरंत और प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। सीडीओ ने जिला अस्पताल में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र के संचालन की बेहतर प्रगति न होने पर नाराजगी जताई। कहा कि प्रत्येक माह 20 बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती होने चाहिए। परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान यह भी जानकारी ली जाए कि बच्चों को आयरन की टेबलेट प्रदान की जा रही है या नहीं।
सीडीओ ने स्वस्थ बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा की तैयारियों की समीक्षा की । प्रत्येक ग्राम पंचायत में पोषण पंचायतों के गठन के भी निर्देश दिए। डीपीओ ने बताया कि 22 सितंबर को आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वस्थ बालक-बालिका प्रतिस्पर्धा आयोजित होंगी। प्रतिस्पर्धा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली माताओं को गांधी जयंती पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा