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जिले के 100 आंगनवाड़ी केंद्र होंगे अपग्रेड,मिनी आंगनवाड़ी का बढ़ेगा मानदेय

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सोनभद्र शासन के निर्देश पर बाल विकास विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रो को नियमो के अनुसार पूर्ण केंद्र का दर्जा दिये जाने की प्रक्रिया चलायी जा रही है इसी क्रम मे सर्वे के आधार पर जिन मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रो के क्षेत्रो की जनसंख्या बढ़ चुकी है उन केन्द्रो को अपग्रेड किया जा रहा है

जिले के डीपीओ ने सभी सीडीपीओ को ऐसे केंद्रों का चयन करने का निर्देश दिया है। जिन मिनी केन्द्रो की जनसंख्या 800 से 1000 हो चुकी है जिससे इन केन्द्रो को मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों से सामान्य आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड किया जा सके। पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र बनने से लाभार्थियो की संख्या मे भी बढ़ोत्तरी होगी साथ ही इन केन्द्रो पर सहायिका भी नियुक्त की जाएंगी । जिले मे लगभग 100 से ज्यादा मिनी आंगनवाड़ी केंद्र अपग्रेड किए जाने की उम्मीद है।

वर्तमान समय मे जनपद मे लगभग 447 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। बरसो पहले क्षेत्र मे कम आबादी के कारण इन केन्द्रो को मिनी आंगनबाड़ी केंद्र के रूप मे चलाया गया था लेकिन सर्वे न होने व विभाग की अनदेखी के कारण अभी तक ये केंद्र मिनी के रूप मे ही चल रहे है जबकि जिले के हर क्षेत्र की आबादी पहले से कई गुना आबादी बढ़ गई है। चूंकि मिनी केन्द्रो के नियमो के अनुसार इन केन्द्रो पर अधिक लाभार्थी भी पंजीकृत नही हो सकते जिसके कारण लाभार्थियों को भी सुविधाओ से वंचित होना पड़ता है।

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मिनी केंद्र के अपग्रेड से ये होंगे फायदे

इसी सम्बंध मे बाल विकास विभाग निदेशालय ने जारी आदेश पत्र में कहा है कि राज्य के सभी जिलो मे जनसंख्या में हुई वृद्धि के कारण इन मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को शत-प्रतिशत लाभ नहीं मिल रहा है। अब मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को सामान्य आंगनबाड़ी केंद्रों में परिवर्तित करना चाहिए मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन 150 से 400 की जनसंख्या पर किया जाता है जबकि सामान्य आंगनबाड़ी 800 से 1000 की जनसंख्या पर स्थित होता है। इन मिनी आंगनबाड़ियों केन्द्रो के सामान्य आंगनबाड़ी के रूप में अपग्रेड करने से केंद्र को पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र का दर्जा मिल जाएगा साथ ही उस केंद्र पर एक सहायिका की भी नियुक्ति की जाएगी जिससे केंद्र पर नियुक्त मिनी कार्यकत्री को सहायिका भी उपलब्ध हो सकेगी केंद्र के अपग्रेड होने से मिनी आंगनवाड़ी वर्कर का मानदेय भी बढ़ जाएगा और उसे भी पूर्ण कार्यकत्री के समान मानदेय मिलेगा

मिनी से पूर्ण केन्द्रो मे अपग्रेड करने मे भी हो रहा भ्रस्टाचार

जिले के सभी 800 से 1000 आबादी वाली मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करने की कवायद शुरू हो चुकी है इसके लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह ने चयन करने को लेकर सभी सीडीपीओ को निर्देशित किया गया है लेकिन इसमे भी सूचना मिली है कि गांवों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत मिनी आंगनवाड़ी वर्करो से मानदेय बढ़ाए जाने को लेकर प्रलोभन देकर पैसे की मांग की जा रही है। जबकि मिनी आंगनबाड़ी केंद्र के मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र में अपग्रेड होने से इन मिनी वर्करो का खुद ही मानदेय बढ़ जाएगा।

पात्र 447 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रो की सूचना शासन को भेजी

हरदोई जनपद मे भी 12 साल के संचालन के बाद मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के अच्छे दिन आने वाले है । जिले में 2079 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे है। इनमें से 447 आंगनवाड़ी को मिनी आंगनबाड़ी केंद्र के रूप मे संचालित किया जा रहा हैं। इन केन्द्रो पर केवल कार्यकत्रि ही नियुक्त होती है। इन मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की पूरी ज़िम्मेदारी मिनी आंगनवाड़ी की ही होती है। आबादी क्षेत्र कम होने के कारण इन मिनी केन्द्रो पर सहायिका का कोई पद स्वीकृत नहीं होता है।

शासन के निर्देश पर वर्ष 2010 मे जिले के कुल 19 ब्लाकों में 471 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र तैयार किए गए थे। इन केन्द्रो का संचालन मिनी आंगनबाड़ी पर निर्भर होता है। मिनी केंद्र होने के चलते लाभार्थियो की पंजीकृत संख्या कम होती है जिससे क्षेत्र की गर्भवती व धात्री महिलाओं, बच्चों को मिलनी वाली सुविधाएं से वंचित होना पड़ता हैं। इसीलिए इन मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रो को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड करने की कवायद तेज हो गई है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने बताया शासन की ओर से मानक पूरे करने वाले मिनी केंद्रों का पूरा डाटा मांगा गया था 11 बिंदुओं का प्रारूप तैयार कर सभी 471 केंद्रों के मानक लगभग सभी जगह पूर्ण हैं। इन सभी 471 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों के अपग्रेड होने की पूर्ण संभावना है। जिले के सभी पात्र आंगनवाड़ी केन्द्रो की सूचना शासन को भेज दी है।

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