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आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चो को मिलेगी नए सत्र में स्कूली शिक्षा

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शामली  जनपद मे आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चो को दिया जाना वाला पुष्टाहार के उत्पादन इकाई को शुरू किया जा रहा है। इस पोषाहार उत्पादन मे शामली जनपद के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सैकड़ों महिलाएं शामिल हैं। इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को एसोसिएशन ऑफ पर्सन (एओपी) में पंजीकृत किया गया है।

जिले के थानाभवन क्षेत्र में नव ज्योति प्रेरणा लघु उद्योग इकाई नाम से पुष्टहार प्लांट की स्थापना की गई है। इस प्लांट पर पुष्टाहार तैयार कर ऊन व थानाभवन क्षेत्रो के आंगनवाड़ी केन्द्रो पर आपूर्ति की जा रही है और दूसरा प्लांट जीवन ज्योति प्रेरणा महिला लघु उद्योग गंगेरू कांधला में तैयार किया जा रहा है। इस प्लांट के तैयार होने पर जिले के शामली, कांधला और कैराना ब्लाक के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 119 मीट्रिक टन पुष्टाहार की आपूर्ति की जाएगी। इस प्लांट को तैयार करने मे लगभग 78 लाख से अधिक की लागत आ रही है। दोनों प्लांट की करीब 1.60 करोड़ की लागत से जिले की करीब 600 से अधिक महिलाएं को रोजगार मिल रहा है।

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प्रदेश के 16 जिलो के आंगनवाड़ी केन्द्रो मे इसी सत्र से शुरू होगी स्कूली शिक्षा

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों मे प्रारम्भिक शिक्षा की दशा को बेहतर किया जा रहा है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी शुरुआती शिक्षा के लिए आने वाले बच्चो की संख्या बहुत ज्यादा है । और इन बच्चो को बेहतर शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता इसके लिए केंद्र सरकार पहले ही गंभीरता दिखा रही है इसीलिए नयी शिक्षा नीति मे आंगनवाड़ी केन्द्रो को प्रारम्भिक शिक्षा का दर्जा दिया गया है

कोरोना महामारी की वजह से आंगनवाड़ी केन्द्रो पर नयी शिक्षा नीति लागू होने मे काफी देर हो चुकी है लेकिन अब बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से प्रथम चरण मे प्राथमिक स्कूल परिसर में चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने 16 जिलों के लिए 39 करोड़ रुपये का बजट भी उपलब्ध करा दिया है। इससे स्कूल परिसर में चलने वाले लगभग 21,791 आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चो के लिए फर्नीचर, डेस्क, फोम मैट, खेलकूद सामग्री आदि सामान खरीदे जा सकेंगे।

आंगनवाड़ी केन्द्रो पर इन सभी फर्नीचर, खेल कूद के सामान से यहां आने वाले बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इन बच्चो को कुर्सी-बेंच में बैठकर पढ़ाई के साथ साथ खेल-खेल में उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। बच्चों को स्कूल में ज्यादा समय तक रोकने में और यहां आने के लिए आकर्षित करने में भी इससे मदद मिलेगी।

राज्य के समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद का कहना है कि आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चो को पढ़ाई से जुड़ी सामग्री खरीदने की प्रक्रिया आखिरी चरण में है। और इसे मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा जिससे नए सत्र में बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी।

शुरुवात मे राज्य के मथुरा, आगरा सहित 16 जिलों के 21 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों को फर्नीचर, शिशु डेस्क, बच्चों के लिए खेलकूद से जुड़ी पाठ्यसामग्री आदि की मार्च में ही व्यवस्था कराने की तैयारी है। इन जिलो के लिए शासन की तरफ से 39 करोड़ का बजट जारी कर दिया गया है

मथुरा, आगरा, अमेठी, अमरोहा, औरैया, बांदा, फिरोजाबाद, हाथरस, ललितपुर, महाराजगंज, मैनपुरी, मेरठ, प्रतापगढ़, संभल, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर

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प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पठन-पाठन और खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराने के लिए काफी सकारात्मक पहल शुरू की गयी थी। जिसकी वजह से बड़े बड़े विश्वविद्यालय ने रुचि दिखाते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों को आवश्यक सामग्री का वितरण किया हैं।

लेकिन नया सत्र भी करीब होने के बाबजूद उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित होने वाले परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए तो किताबें आने लगी है। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों के प्री प्राइमरी के बच्चों को दी जाने वाली किताबों की आने की किसी को जानकारी नहीं है। और न ही इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की है।

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जनपद पीलीभीत के के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 227429 बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें ड्रेस, जूता, मोजा, बैग की धनराशि डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है। कक्षा चार से आठ तक हिंदी माध्यम की 990155 क्रय आदेश किया गया, जिसमें 798526 किताबों की आपूर्ति हो सकी है। अभी 191629 सप्लाई अवशेष है। कक्षा चार से आठ तक अंग्रेजी माध्यम की 53520 क्रय आदेश किया गया, लेकिन अभी तक किताबें नहीं आई है। हिंदी और अंग्रेजी माध्यम की कार्य पुस्तिका की सप्लाई नहीं हुई है। इस क्रय आदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों पर कक्षा एक से तीन तक में पढ़ने वाले बच्चों की किताबें नहीं हैं।

इस बार शैक्षिक सत्र शुरू होने के पहले दिन बच्चों के हाथों में किताबें देने की योजना बनाई गयी है। लेकिन अभी आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई है जबकि शासन इसी सत्र से आंगनवाड़ी केन्द्रो पर शिक्षण सत्र को शुरू करने की तैयारी मे है अब अगर किताबे ही नहीं होंगी तो सत्र केसे शुरू हो सकेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविंद कुमार का कहना है कि अभी आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चों को मिलने वाली किताबों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।

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