आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय में बड़ा फैसला कर सकती है यह फैसला स्थाई समिति की रिपोर्ट पर लिया जा सकता है इससे पूर्व 2018 में इस समिति की रिपोर्ट पर आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय के पंद्रह सौ रुपए की बढ़ोत्तरी की गई थी
शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा व खेल मामलों से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से यह सिफारिश की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पारिश्रमिक, उचित वेतन वृद्धि व मूल वेतन पर सिफारिश करने के लिए केंद्र और राज्य, दोनों स्तरों पर एक निकाय की स्थापना की जानी चाहिए।
संसदीय स्थाई समिति ने यह भी कहा है कि निकाय इस बात का ध्यान रखे कि यह एक कल्याणकारी योजना है। समिति ने आंगनबाड़ियों भवनों के निर्माण में वित्तीय अड़चनों को दूर करने के लिए सीएसआर निधि के इस्तेमाल के रास्ते तलाशने की भी सलाह दी है। इसके लिए मंत्रालय को कॉरपोरेट संस्थानों को प्रोत्साहन देने वाली योजनाएं बनाने पर विचार करना चाहिए।
समिति की रिपोर्ट की माने तो इनका कहना है कि आंगनवाड़ी वर्करों का कार्य सराहनीय है इसीलिए इनका पारिश्रमिक वेतन में बढ़ोत्तरी होना चाहिए साथ ही समय अनुसार इनके वेतन में बढ़ोत्तरी होती रहनी चाहिए इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को एक निकाय की स्थापना की जानी चाहिए जिससे इनकी समस्याओं और कार्यों की अनदेखी न की जा सके
मानदेय बढोतरी को लेकर लेकर अलग अलग राज्यों में आंगनवाड़ी द्वारा धरना प्रदर्शन किए जा रहे है जिसकी वजह से कुछ राज्यों में आंगनवाड़ी वर्करों का मानदेय बढ़ाया गया है लेकिन अभी भी यूपी जैसे बड़े राज्यों में आंगनवाड़ी का मानदेय बहुत ही कम है जिसकी वजह से इन वर्करों का जीवन यापन बहुत ही मुश्किल से हो रहा है
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि सरकार सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की जियोमैपिंग के लिए गुजरात की एक एजेंसी के साथ सहयोग कर रही है। डब्ल्यूसीडी मंत्रालय द्वारा शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल पर संसद की स्थायी समिति को जानकारी दी गई ।