किराए के हर तीसरे आंगनवाड़ी केंद्रों पर सुविधाओ का अभाव। बच्चे और आंगनवाड़ी खुले मे शौच जाने को मजबूर
आंगनवाड़ी न्यूज
कानपुर नगर में बाल विकास विभाग द्वारा चलाये जा रहे कुल 2134 आंगनबाड़ी केन्द्रो मे 576 केन्द्र स्वय के भवन हैं। बाकी आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक स्कूल या किराए के भवन में चल रहे हैं। लेकिन इन बाकी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे सुविधाओ से वंचित हैं। जिसमे सबसे ज्यादा समस्या शौचालय की मिली है।
जिले के डीपीओ दुर्गेश प्रताप सिंह का कहना है कि शहर क्षेत्रो में किराए के कुछ केन्द्रो पर शौचालय नहीं है। और प्राथमिक विद्यालय मे संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रो के बच्चे स्कूल के शौचालय का उपयोग करते हैं। जिले में चल रहे हर तीसरे आंगनबाड़ी केन्द्रो पर शौचालय न होने से बच्चे खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं।
जिले के 2134 आंगनबाड़ी केंद्रों में सिर्फ 819 में शौचालय हैं। 1315 आंगनबाड़ी में बच्चे खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। यह समस्या बच्चों तक ही सीमित नहीं है। आंगनबाड़ी में तैनात कार्यकत्री व सहायिका को भी वॉशरूम के लिए भटकना पड़ता है।
आंगनबाड़ी के अपने भवन की संख्या से जो शौचालय अधिक हैं, वह किराए के भवन या प्राथमिक विद्यालयों के हैं।देखा जाए तो कानपुर नगर मे 2134 आंगनबाड़ी केन्द्रो में 819 शौचालय के सापेक्ष कानपुर देहात मे 1789 आंगनबाड़ी केंद्रों में 1409 शौचालय संख्या ज्यादा है।
जिले के जिला पंचायत राज अधिकारी कमल किशोर का कहना है कि बिना शौचालय वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी से तीन दिन में मांगी गई है। अगर बजट के अभाव में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है तो पंचायत राज विभाग इन केन्द्रो मे शौचालय का निर्माण कराएगा। विभाग ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र लिखकर शौचालय न होने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची मांगी है।