आंगनवाड़ी द्वारा एन आर सी भेजे गए बच्चों के साथ हो रहा खिलवाड़
आंगनवाड़ी न्यूज
कानपुर देहात जिले मे स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुपोषण को खत्म करने की मुहिम सिर्फ कागजों में ही चल रही है। इसका बड़ा उदाहरण है कि जिले के अति कुपोषित 2137 बच्चों में सिर्फ 928 बच्चे ही स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज को भेजे गए है।
साथ ही आंगनवाड़ी सर्वे के अनुसार जिले के मात्र 31 अति कुपोषित बच्चो को ही एनआरसी भर्ती कराया गया है। साथ ही इन बच्चो को सही सुविधा न मिलने के कारण बच्चो के परिजन एक हफ्ते से अधिक यहां रखने के लिए तैयार नहीं है।
बाल विकास विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जिले में इस साल कुल अति कुपोषित 2137 बच्चे चिह्नित किये गए हैं। बाल विकास विभाग मे कार्यरत आंगनबाड़ी वर्करो के साथ साथ सीएचओ, एएनएम व बीएचएनडी टीमों को अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने की जिम्मेदारी दी जाती है।
आंगनवाड़ी द्वारा किये गए सर्वे मे अति कुपोषित 2137 बच्चों में सिर्फ 1955 का ही अभी तक सत्यापन हो सका है। आंगनबाड़ी वर्करो द्वारा इन सत्यापित 928 बच्चो को स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा गया था।
लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने कुल 393 बच्चों को दवा देकर मामला रफा दफा कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अति कुपोषित बच्चो मे सिर्फ 31 बच्चों को ही पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया है।
कानपुर देहात के अमरौधा से 8, राजपुर से 6, मलासा से 5, सरवन खेड़ा से 4, डेरापुर से 3, झींझक, मैथा व रसूलाबाद ब्लॉक से 2- 2 अति कुपोषित बच्चे ही भर्ती कराए गए है।
जिले के अन्य ब्लॉक अकबरपुर व संदलपुर से एक भी अति कुपोषित बच्चा भर्ती नहीं किया गया है। जो बच्चा भर्ती किया जाता है तो पोषण पुनर्वास केंद्र की हालत देखकर बच्चों के परिजन एक हफ्ते से अधिक समय तक यहां रखने के लिए तैयार नहीं है।