डी पी ओ सीतापुर ने किये बड़े खुलासे
आंगनवाड़ी न्यूज़
जनपद सीतापुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर ने आंगनवाडी भर्ती पर संशय और अन्य कई अहम् मुद्दों पर खुलासा किया है जिससे जनपद की आंगनवाडी वर्करो और आवेदकों का बना हुआ संशय दूर हो जायेगा
जनपद में आंगनवाडी भर्ती प्रक्रिया कब तक पूर्ण होगी ?
प्रमाण पत्रों के मिलान व जांच की प्रक्रिया चल रही है। 15 सितंबर तक का समय दिया गया है। कुछ विलंब हो सकता है। महीने के अंत तक परिणाम घोषित होगा।
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ग्राम सभा के आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषाहार का वितरण दूसरी ग्रामसभा का समूह कर रहा है। गांव के समूह को चयनित क्यों नहीं किया गया ?
जब समूह का चयन किया गया होगा उस समय गांव में कोई समूह नहीं होगा। जल्द ही समूहों का चिह्नांकन कर ग्राम सभावार जिम्मेदारी दी जाएगी।
भर्ती प्रक्रिया में दियांगों को वरीयता दी जाएगी या नहीं?
आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांगों को अलग से आरक्षण नहीं है। श्रेणीवार आरक्षण में ही उन्हें लाभ दिया जाएगा। ब्लाकवार सूची तैयार कराई गई है। दिव्यांग आवेदक जिस कैटेगरी का होगा, उसी में लाभ मिलेगा।
आंगनवाड़ी कार्यकत्री पद के लिए आवेदन करने के बाद चयन के लिए क्या कार्यालय में आकर मिलना पड़ता है ?
अगर आपने आवेदन कर दिया और अगर मेरिट जारी होने के बाद आपका आवेदन सही पाया गया तो चयन हो जाएगा। किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। और न ही किसी को पैसे देने है अगर कोई पैसे की मांग करता है तो जानकारी मिलने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी
अगर में एक क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र पर सहायिका हूं। और दुसरे क्षेत्र से आंगनबाड़ी कार्यकत्री पद के लिए आवेदन करती हु तो क्या सहायिका पद का लाभ मिलेगा या नहीं?
सहायिका, विधवा व तलाशशुदा महिला आवेदकों को वरीयता है। वरीयता का लाभ उसी गांव या वार्ड से मिलेगा, जहां की वह निवासी हैं। अगर आपने अपने ही वार्ड से जहां सहायिका हैं, आवेदन किया है तो लाभ मिलेगा।
लाभार्थियों को पोषाहार मिलने के मानक क्या है
छह माह से तीन वर्ष के बच्चों को एक-एक किलो गेहूं, चावल व चने की दाल दी जाती है। आधा किलो तेल भी मिलता है। तीन से छह वर्ष के बच्चों को आध-आधा किलो गेहं. चावल व दाल दी जाती है।