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आशा वर्करो ने मानदेय बढ़ोत्तरी को लेकर गिरफ्तारिया दी,ई सी सी ई प्रशिक्षण में सुपरवाइजर की ट्रेनिंग शुरू

आंगनवाड़ी न्यूज़

शाहजहांपुर  में दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार पर चार महीने का बकाया मानदेय मांग रहीं आशा कार्यकत्रियों का सब्र का बांध शनिवार को टूट गया। आशाओं ने सुबह में सीएमओ ओर डीसीपीएम का पुतला जलाया। उसके बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के राजभवन के घेराव करने के लिए कूच किया। रास्ते में पुलिस ने घेराबंदी कर कलक्ट्रेट के सामने आशाओं को गिरफ्तार कर लिया। अध्यक्ष ने दावा किया है कि 257 आशाओं ने गिरफ्तारी दी है।

अवगत हो कि 18 अक्टूबर से अपनी मांगों को लेकर आशाएं आंदोलनरत हैं। खिरनीबाग रामलीला मैदान में पेड़ के नीचे हर रोज आशाएं अपनी आवाज को बुलंद करती हैं। आयुष्मान कार्ड योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, कोरोना काल आदि में जान हथेली पर रखकर प्रदर्शन करने वाली आशाओं को चार महीने का मानदेय नहीं मिल पा रहा। जिसके कारण उनमें रोष व्याप्त हैं।

शनिवार को आशा और संगिनी ने सीएमओ कार्यालय में पहुंचकर सीएमओ और डीसीपीएम का पुतला जलाया। उन्होंने दोनों के खिलाफ जोरदार तरीके से नारेबाजी की। इसके बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के कैंट स्थित राजभवन को घेरने के लिए कूच किया। आशाओं की भीड़ को देखकर पुलिस और प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस ने आशाओं को कलक्ट्रेट गेट पर रोक दिया। इसके बाद दो पुलिस वाहनों को बुलाकर सभी को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गए। शाम करीब चार बजे सभी को रिहा कर दिया गया।

ऑल इंडिया आशा बहू कार्यकत्री कल्याण सेवा समिति की अध्यक्ष कमलजीत कौर ने बताया कि अधिकारी बजट न होने का बहाना बना रहे हैं, जबकि काम कराते समय उन्हें बजट की चिंता नहीं होती है। सुनीता शुक्ला, रीता, महारानी, शशि, अनीात, उर्मिला, आशा देवी, पूनम शुक्ला, रविंद्र, वीना मिश्रा, अंश, कुंती आदि आशा वर्करो ने गिरफ़्तारी दी

उड़ीसा में रहकर सहायिका से केंद्र चलाने वाली कार्यकत्री के खिलाफ जांच शुरू

प्रतापगढ़ के सांगीपुर ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्र उपाध्यायपुर में तैनात कार्यकत्री सरोज देवी पिछले कई वर्ष से उड़ीसा में पति के साथ रहती हैं। और पिछले कई सालों से उड़ीसा में रहकर कार्यकत्री का मानदेय ले रही हैं। आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्र गांव की सहायिका के भरोसे संचालित चल रहा है। वह भी कभी-कभार ही केंद्र पर आती है। हैरानी तो इस बात की है कि सुपरवाइजर व प्रभारी सीडीपीओ को पूरे प्रकरण की जानकारी है इस खेल में सुपरवाइजर भी शामिल बताई जाती हैं। कहा जा रहा है कि सुपरवाइजर और कार्यकत्री दोनों एक ही गांव की हैं। ऐसे में उसकी सूचना विभाग के बड़े अधिकारियों तक नहीं पहुंच रही। और न ही कोई कार्रवाई होती है ग्रामीणों का कहना है कि सहायिका कभी कभार केंद्र को खोलती हैं। अक्सर यह आंगनबाड़ी केंद्र बंद ही रहता है। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी सीडीपीओ संध्या वर्मा कहती हैं कि बीच में कार्यकत्री का मानदेय रोका गया था लेकिन फिर से चालू हो गया। इस समय मानदेय दिया जा रहा है या नहीं जानकारी नहीं है। यह सही है कि कार्यकत्री बाहर रहती है। डीपीओ पवन कुमार यादव का कहना है कि कार्यकत्री के बाहर रहने की जानकारी नहीं है। यदि जांच के दौरान मामला सही पाया गया तो सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीपीओ पवन कुमार ने मामले की जांच प्रभारी सीडीपीओ संध्या वर्मा को सौंपते हुए रिपोर्ट शीघ्र देने को कहा है।प्रभारी सीडीपीओ संध्या वर्मा का कहना है कि डीपीओ के यहां से जांच का आदेश मिला है। शीघ्र ही मामले की जांच की जाएगी।

ई सी सी ई प्रशिक्षण में सुपरवाइजर की ट्रेनिंग शुरू

श्रावस्ती विक्रम शिला रिसोर्स सोसायटी, यूनीसेफ के सहयोग से ईसीसीई कार्यक्रम जनपद में संचालित किया जा रहा है। इसके तहत ईसीसीई ग्राम चौपाल प्रशिक्षण का आयोजन कस्तूरबा गांधी वाह्य सभागार में आयोजित किया गया। जिसमें 24 मुख्य सेविका और सभी परियोजनाओं के बाल विकास अधिकारियों ने प्रशिक्षण के लिए प्रतिभाग लिया।

कस्तूरबा गांधी वाह्य सभागार में शनिवार को ईसीसीई ग्राम चौपाल प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षक विक्रम शिला से परियोजना समन्वयक कृष्णमोहन सिंह, जिला समन्वयक विजय कुमार श्रीवास्तव, जिला समन्वयक मनोज कुमार एवं सर्वेश कुमार सिंह तथा बाल विकास परियोजना की ओर से जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा नामित राजेन्द्र कुमार, बाल विकास परियोजना अधिकारी जमुनहा व मुख्य सेविका संगीता प्रसाद गिलौला ने प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ईसीसीई ग्राम चौपाल के द्वारा गांव में माता-पिता व अभिभावक को संवेदनशील परवरिश तथा ग्रह आधारित गतिविधियों की जानकारी देना है। ताकि माता-पिता व अभिभावक तीन से छह वर्ष के बच्चों की घर पर खेल-खेल द्वारा गृह आधारित गतिविधियां करा सकें जिससे बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। इस कार्यक्रम के आयोजन में जिला कार्यक्रम अधिकारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दो दिन मण्डल स्तर पर टीएसजी सदस्यों का प्रशिक्षण के उपरान्त जनपद में किया गया।

मानदेय न मिलने से सहायता समूहों ने की राशन की आपूर्ति बंद

प्रतापगढ़ आंगनबाड़ी केंद्रों को दाल, रिफाइंड और घी की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी निभाने वाले महिला समूहों को नौ माह से पारिश्रमिक नहीं मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। समूहों ने नौ माह से फूटी कौड़ी नहीं मिलने पर ब्लॉकों से पोषक आहार का उठान करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों को फरवरी से पारिश्रमिक नहीं मिला है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए स्वयं सहायता समूहों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर सूखा राशन, घी, रिफाइंड, दाल मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी। समूह की महिलाएं प्रतिमाह कोटेदारों के यहां से राशन और अन्य सामग्रियों का सीडीपीओ कार्यालय से उठान कर आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचाती थी। बाद में राशन के उठान पर प्रतिबंध लगाकर पौष्टिक आहार की आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जिले के 3254 आंगनबाडी केंद्रों में पौष्टिक आहार की आपूर्ति करने के लिए 1193 महिला स्वयं सहायता समूहों को लगाया गया है। इन समूहों को नौ माह से पारिश्रमिक का भुगतान नहीं होने से जिले की 17,895 महिलाओं को झटका लगा है। अभी तक अपने जेब से किराया खर्च करके पौष्टिक आहार केंद्रों तक पहुंचाने वाली समूह की महिलाओं ने अब काम करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इससे सीडीपीओ कार्यालय में आने वाली सामग्री बंद हो गयी है।

समहू की महिलाओं की मांग है कि पारिश्रमिक अगर नहीं मिल रहा है, तो वाहनों के किराए का भुगतान कर दिया जाए, मगर शासन में बैठे अफसर सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। डॉ. एनएन मिश्रा, डीसी, का कहना है शासन को मांगपत्र भेजा गया है, जल्द ही समूहों के खाते में धनराशि पहुंचेगी।

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