मात्र कुछ ग्राम गेंहू चावल वितरण कर कुपोषण खत्म करना संभव नही ? आंगनवाडी केन्द्रों पर लगेंगे पोषणयुक्त पौधे
आंगनवाडी न्यूज़
गाजीपुर बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा कुपोषण ख़त्म करने की एक और कवायद शुरू की जा रही है इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषणयुक्त पौधे लगाए जाएंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पाण्डेय ने बताया कि कुपोषण मुक्त करने के लिए विभाग की ओर से गाजीपुर में अभियान चलाया जाएगा। विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गयी है।
बाल विकास पुष्टाहार विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण पंचायत का आयोजन कर पंचायती राज के प्रतिनिधियों का भी सहयोग लेगा। कुपोषण से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के बारे में विभागीय कर्मचारी लोगों जागरूक भी करेंगे। विभाग की ओर से कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी। कुपोषण से मुक्त करने के लिए आंगनबाडी कार्यकत्री कुपोषित बच्चों को चिंहित कर रही है। इस अभियान में प्रत्येक आंगनवाडी केंद्र पर बेल, जामुन, आंवला, पपीता, खजूर, अमरूद, सहजन, अनार आदि में से कम से कम 4 पौधों लगाए जाएंगे
बच्चों में दुबलापन और महिलाओं में एनिमिया सबसे बड़ी समस्या है। इस समस्या को ख़त्म करने के लिए पर्याप्त पोषक आहार बच्चो और गर्भवती महिलाओं को मिलना चाहिए। लेकिन आंगनवाडी केन्द्रों पर इस बीमारी को खतम करने के लिए मात्र कुछ ग्राम गेंहू चावल वितरण कर कुपोषण खत्म करना संभव नही है और न ही सिर्फ सस्ते अनाज से कुपोषण खतम होना संभव है। ऐसे मरीजों के लिए समय से चिकित्सकीय परामर्श की आवश्यकता है। इसमें सुधार लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
जिले के लिए पोषण युक्त पौधों के माध्यम से पोषण संबंधी चुनौतियों के समाधान करने पर विशेष बल दिया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर राष्ट्रीय औषधीय पौध बोर्ड, आयुष मंत्रालय के सहयोग से पोषणयुक्त औषधीय पौधे लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।।
चंदौली जनपद की बाल विकास परियोजना नियामताबाद में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सभागार में पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम का किया गया । जिला कार्यक्रम अधिकारी जया त्रिपाठी ने इस दौरान पोषण पखवाड़े की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए बताया कि पखवाड़ा के दौरान पोषण, खान-पान, साफ सफाई, स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, जल जीवन, हरियाली, पौधारोपण आदि जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
नियामताबाद बाल विकास परियोजना अधिकारी नंदनी शुक्ला ने बताया कि नियामताबाद में कुल बच्चों की संख्या 26,827 है। पोषण पखवाड़ा अभियान के दौरान 25,715 बच्चों का पोषण स्तर सामान्य पाया गया। जबकि 85 बच्चों को अतिकुपोषित (लाल श्रेणी) व 1027 बच्चो का कुपोषित (पीली श्रेणी) में रखा गया है ।आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रथम सप्ताह में शून्य से छह वर्ष के समस्त बच्चों का वजन, लंबाई, ऊंचाई लेकर उन्हें पोषण श्रेणी में वर्गीकृत किया गया। कार्यक्रम के दूसरे सप्ताह में लैंगिक संवेदनशीलता, जल संचयन, जल जीवन हरियाली, एनीमिया रोग से मुक्ति, स्वच्छता साफ-सफाई, उचित खानपान के अलावा सामूहिक रूप से फल, सब्जी, अनाज की रंगोली बनाकर समुदाय को जानकारी दी गई। इसके साथ ही छह माह से ऊपर के बच्चों को मां के दूध के अतिरिक्त ऊपरी आहार खिलाने की अपील की गई।