कुपोषण दूर करने के लिए चलायी जा रही योजनाये बेअसर ,आंगनवाडी केन्द्रों के निरीक्षण से होगी समीक्षा
आंगनवाडी न्यूज़
मथुरा गुरुवार को भाजपा की नयी योगी सरकार में वृंदावन पहुंचीं उत्तर प्रदेश की बाल विकास सेवा व पुष्टाहार मंत्री बनी बेबीरानी मौर्य ने कहा कि बाल कल्याण व पुष्टाहार विभाग में कुछ सुधार की आवश्यकता है। इसको दूर करने के लिए जल्द ही विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। इसके लिए जल्द ही आंगनवाड़ी केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि बाल विकास की प्राथमिकता बच्चों को पौष्टिक आहार देना है।
उत्तरप्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्या ने लोक निर्माण के निरीक्षण भवन में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निर्देश दिये कि महिला एवं शिशुओं से संबंधित सरकार की सभी योजनाओं को पारदर्शिता के साथ क्रियान्वयन किया जाये। उन्होंने निरीक्षण भवन में आई दो गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म को पूर्ण किया तथा उनसे परेशानियों के विषय में जानकारी ली। इस कार्यक्रम के तहत राज्यपाल ने दो शिशुओं को अन्नप्राशन कराया।
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कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य ने राजकीय शिशु बाल गृह में जाकर व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने उपस्थित असामन्य बच्चों से वार्ता की तथा उनके लिए किये जा रहे कार्यों का भी निरीक्षण किया। बाल विकास मंत्री ने बच्चों को नियमित दूध एवं बिस्कुट का वितरण की जांच की । उन्होंने बच्चों के सोने के स्थान एवं खाने में दी जाने वाली सब्जी रोटी का भी स्वयं खाकर खाने की गुणवत्ता को परखा। राजकीय शिशु सदन का निरीक्षण करते हुए वहां रसोइए के हाथ का भोजन चख कर भोजन की क्वालिटी की जांच की
कुपोषण दूर करने के लिए आंगनवाडी केन्द्रों की होगी समीक्षा
प्रयागराज भारत में कुपोषण के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओ के बाबजूद खत्म होने का नाम नही ले रहा है जिससे कुपोषण देश के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। महिलाओं एवं बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा पोषण माह ,पोषण पखवाडा जेसी कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
प्रदेश के हर जिलो के गांव-गांव संचालित किये जा रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा प्रत्येक माह गर्भवती ,धात्री महिलाओ ,किशोरियों व शून्य से पांच वर्ष के बच्चों को दलिया,तेल चावल दाल द्वारा जेसे ड्राई राशन के रूप में पोषाहार आदि का वितरण किया जा रहा है।लेकिन सरकारी आंकड़े पर ध्यान दिया जाये तो आज भी विश्व के दस गंभीर कुपोषित बच्चों में तीन भारतीय बच्चे शामिल है हैं। इस चिंताजनक स्थिति की समस्या से उबरने के लिए केंद्र सरकार ने अब आंगनबाड़ी केंद्रों की ही समीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है।
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इसके लिए भारतीय सामाजिक विज्ञान शोध परिषद ने युवा अर्थशास्त्री डॉ. मिश्र को तीन लाख रुपये की ग्रांट प्रदान की है। इसके तहत मातृ एवं शिशु पोषण में आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका एवं महत्व की समीक्षा करेंगे। वर्ष 2030 तक भारत को कुपोषण मुक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लक्षित कर शोध के जरिए तैयारियों का अवलोकन करेंगे। डॉ. वेद प्रकाश मिश्र ने बताया कि देश में मातृ एवं शिशु पोषण में सुधार हुआ है लेकिन काफी कुछ करना अभी बाकी है आंगनवाडी केन्द्रों की समीक्षा करने के बाद ही स्थिति स्पस्ट होगी ।