आंगनबाड़ी केन्द्रों को कमिश्नर ने प्ले स्कूल में बदला, केन्द्रों पर बच्चो की संख्या कम होने पर रुकेगा मानदेय
आंगनवाडी न्यूज़
सहारनपुर मण्डल के कमिश्नर डा. लोकेश एम. ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों को बेहतर माहौल देने के लिए जनपद सहारनपुर के तीन आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल की तरह खिलौने और अन्य सुविधा प्रदान की हैं। जिससे मंडल के सभी जिलो में अधिकारी भी अपने जिलो में आंगनवाडी केन्द्रों को मॉडल आंगनवाडी केंद्र बनाने का प्रयास करे
सरकार से लेकर विभागीय अधिकारी भी जानते है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति क्या है ?आंगनवाडी भवन से लेकर शौचालय,फर्नीचर बिजली ,पानी, आदि सुविधाओ का हमेशा ही अभाव रहता है लेकिन मण्डल कमिश्नर द्वारा किये जा रहे प्रयास से सहारनपुर मंडल में आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति में सुधार होने की संभावना बढ गयी है। कमिश्नर लोकेश एम. ने सहारनपुर के बलिया खेड़ी ब्लाक के गांव रूपी गुर्जर, मानकमऊ और बादशाहपुर रामनगर को गोद लिया। इन सभी आंगनवाडी केन्द्रों पर स्थिति का जायजा लेने पहुचे कमिश्नर को इन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्थिति बदहाल मिली जिसकी वजह से कमिश्नर डा. लोकेश एम. ने इन तीनों आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर हाई फेसिलिटी प्ले स्कूल की तर्ज पर विकसित कर दिया जिसकी वजह से इन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर रंग-बिरंगी मनमोहक किट्स टेबल-चेयर, फैब्रिक रेस्टिंग कोट, रंग-बिरंगी राउंड सेक टेबल, स्लाइड सेट और अन्य मनमोहन खिलौने आदि की व्यवस्था हो गई है। गोद लेने की वजह से अब आंगनबाड़ी केन्द्रों में हाईप्रोफाइल प्ले स्कूल जैसा माहोल बन गया हैं।
कमिश्नर डा. लोकेश एम.ने बताया कि उन्होंने तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया है। इन केन्द्रों पर आने वाले बच्चों के लिए अत्याधुनिक साधन भी उपलब्ध कराए गए हैं। गोद लेने से अन्य आंगनवाडी केन्द्रों को भी अन्य जिलो के अन्य अधिकारी गोद लेकर प्ले स्कूलों की तरह बच्चों के लिए अच्छा माहौल पैदा कर सकेंगे ।
आंगनवाडी केन्द्रों पर 15 से कम बच्चे मिलने पर मानदेय रोका जायेगा
महराजगंज जनपद के डीएम सत्येन्द्र कुमार ने सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति की बैठक में जिला बाल विकास परियोजनाओं अधिकारियों को निर्देश दिया कि 27 जून से 30 जून के मध्य सभी आगंनबाडी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करें। और जिस आंगनवाडी केन्द्र पर 15 बच्चों की संख्या से कम उपस्थिति मिले उन आगंनबाडी कार्यकर्त्रियों का मानदेय को रोका जाये। साथ ही उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ पात्रता के आधार पर जरूरतमंदों को दिलाया जाए।आंगनवाडी वर्करो से कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों की पूरी जानकारी ली जाए। बच्चा किस कारण बच्चा अति कुपोषित हुआ? उसका रोस्टर बनाएं और हास्पिटल में भर्ती कराकर सुपोषित करें।
डीएम ने आरबीएसके टीम से सभी बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण में सीडीपीओ द्वारा लापरवाही मिलने पर मिठौरा व निचलौल को छोड़कर अन्य ब्लाकों के सीडीपीओ के प्रति नाराजगी जताई। साथ ही 40 आगंनबाडी केन्द्र का निमार्ण हो रहा था उनमे 20 आंगनवाडी भवन तैयार हो चुके है उन्हें बाल विकास विभाग को हस्तान्तर्ण कर दिए गए हैं। जबकि अभी भी 20 आंगनवाडी भवन का कार्य प्रगति पर है। 2015 से पूर्व निर्माण किये गये 178 आंगनवाडी भवनों के फर्श खराब हो चुके हैं। उन भवनों में फर्श और बाल पेन्टिंग कराने का निर्देश डीसी मनरेगा अनिल चौधरी को दे दिया है।