
वर्तमान समय मे संसद सत्र चल रहा है जिसमे सांसद अपने अपने क्षेत्र की समस्याओ को लोकसभा मे उठा रहे है इसमे सभी वर्गो के कर्मियों के मानदेय को लेकर चर्चा ज़ोर शोर से चल रही है जिसमे सबसे ज्यादा मानदेय कर्मी आंगनवाड़ी वर्करो को लेकर माहौल गर्म है। सांसद चाहे सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष सभी इनके मानदेय मे बढ़ोत्तरी की समस्या को सरकार से मांग कर रहे है।
पिछले दिनो 7 फरवरी को संसद मे कई सांसदो ने बाल विकास मंत्री से आंगनवाड़ी के मानदेय और मिल रही सुविधाओ का डाटा मांगा था। उत्तरप्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर,डुमरिया गंज से सत्ता पक्ष से सांसद जगदंबिका पाल ने भी आंगनवाड़ी की समस्याओ और न्यूनतम मानदेय के लिए लोक सभा मे मांग की है।
देश के अलग अलग राज्यो से आए आंगनवाड़ी प्रतिनिधि मण्डल ने भी नेता प्रतिपक्ष कॉंग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाक़ात करते हुए मानदेय बढ़ोत्तरी और अन्य समस्याओ का निस्तारण करने को कहा है जिसमे राहुल गांधी ने कहा है कि आंगनवाड़ी की आवाज को लोकसभा मे उठाया जायेगा।
इसी क्रम मे मध्यप्रदेश के बैतूल जिले से सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले राष्ट्रीय कन्वेंशन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न्यूनतम वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपेंगी। अवगत हो कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का दिल्ली में महासम्मेलन होने जा रहा है।
इस ज्ञापन मे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगों में सुप्रीम कोर्ट के 25 अप्रैल 2022 के फैसले के अनुसार, ग्रेज्युटी का भुगतान और गुजरात हाई कोर्ट के 2 अगस्त 2024 के आदेश के मुताबिक ग्रेड तीन और 4 के सरकारी कर्मचारियों के रूप में नियमितीकरण का मुद्दा शामिल है। इसके साथ साथ आंगनवाड़ी संगठनो द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम 26 हजार रुपए प्रति माह मानदेय की मांग भी की जा रही है।
देश के सभी राज्यो के आंगनवाड़ी संगठनो द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना के 50 वर्ष पूरे होने पर इसके संस्थागतकरण की भी मांग कर रहे हैं। संगठन की मांग है कि सरकार छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों की प्रारंभिक देखभाल, शिक्षा और विकास के लिए कानून बनाए और पर्याप्त बजट का प्रावधान करे। आंगनवाड़ी संगठन द्वारा राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान के पत्र भी राष्ट्रपति को सौंपे जाएंगे।