प्रदेश के सभी डीपीओ को एक सप्ताह मे आंगनवाड़ी भर्ती पूर्ण करने के निर्देश
आंगनवाड़ी भर्ती

लखनऊ बाल विकास विभाग निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को आंगनबाड़ी भर्ती एक सप्ताह में पूरा करने को कहा है। इसके लिए निदेशालय ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप से सभी डीपीओ को मैसेज द्वारा अवगत कराया है।
उत्तरप्रदेश मे बाल विकास विभाग मे 2021 में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पदो पर भर्ती शुरू हुई थी लेकिन ईडब्ल्यूएस श्रेणी की महिलाओ को आरक्षण न देने की वजह से भर्ती प्रक्रिया अटक गई थी। इसके बाद शासन ने शासनादेश को संशोधित करते हुए नया आदेश जारी कर दिया लेकिन इसकी वजह से भी कई महीने तक भर्ती अटकी रही।
इसके बाद 21 मार्च 2023 को जारी संशोधित शासनादेश के आधार पर बाल विकास ने विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन लेने शुरू कर दिये लेकिन इसके बाद भी इस शासनादेश एवं भर्ती पोर्टल में ढेर सारी कमियां रहीं। इस सम्बंध मे कई जिलों के डीएम, सीडीओ और डीपीओ ने समय-समय पर शासन और निदेशालय को पत्र भी लिखा था।
पिछले चार वर्षों से चल रही आंगनवाड़ी भर्ती मे भ्रष्टाचार को लेकर विभागीय मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भी खुद पोल खोलने के बाद बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में हड़कंप मच गया। जिससे विभागीय अधिकारी आंगनबाड़ी भर्ती में गड़बड़ियों की शिकायतों का निस्तारण किए बिना ही भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने में जुट गए हैं।
मंत्री के पत्र लिखने के बाद सीएम कार्यालय ने विभागीय अधिकारियों को बुलाकर पूछताछ की है। इसके बाद शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिग करके भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा की है। जबकि सीएमओ कार्यालय को भी जिलो के डीएम द्वारा भेजे गए पत्रों और उसमें जताई गई आपत्तियों की जानकारी नहीं दी गई है।
आंगनवाड़ी भर्ती मे विसंगतियों को दूर करने के लिए कई जिलों के डीएम और डीपीओ ने समय-समय पर शासन व निदेशालय को पत्र लिखकर समस्या का समाधान करने को कहा जिसमे कई कमियो मे सुधार भी किया गया लेकिन आज भी महिला आवेदको के लिए आय प्रमाणपत्र पर भ्रम की स्थिति है।
आंगनबाड़ी भर्ती के लिए जारी शासनादेश में छह महीने तक ही आय प्रमाणपत्र वैध मानने का प्रावधान किया गया है। कई जिलों के अभ्यर्थियों का कहना हैं कि आय प्रमाणपत्र की वैधता के आधार पर उन्हे भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया है। जबकि तहसीलदार द्वारा निर्गत आय प्रमाणपत्र को तीन वर्ष तक के लिए वैध मानने का प्रावधान है।
इस सम्बंध मे विधायक मनोज पांडेय ने इस मुद्दे को सदन में उठाया गया था जिसमे उन्होने कहा था कि आय प्रमाणपत्र जारी करने तथा उसकी वैधता सीमा निर्धारित करने का अधिकार राजस्व विभाग को है, अन्य को नहीं।