गाजियाबाद में 100 आंगनबाड़ी केन्द्रो को एआई तकनीक से लैस करने की कवायद शुरू हो गयी है। इसमे पहले चरण में 50 केंद्रों में एलसीडी स्क्रीन लगाई जाएगी। यह तकनीक बच्चों की पढ़ाई में मदद करेगी और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में भी सार्थक होगी
गाजियाबाद जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में एआई तकनीक को लागू करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने योजना तैयार की थी। जिसमे दिसंबर तक पचास आंगनबाड़ी केंद्रों में एआई तकनीक वाली एलसीडी स्क्रीन लगाने की उम्मीद जताई जा रही है और उसके बाद जनवरी तक पचास अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों को एआई तकनीक से लैस कर दिया जाएगा। एआई तकनीक से बच्चों की पढ़ाई के साथ आंगनबाड़ी केंद्र को संचालन करने में मदद मिलेगी।
अवगत हो कि पिछले तीन माह पूर्व प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जिले के ग्राम मोरटी में देश की पहली एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित आंगनबाड़ी का शुभारंभ किया था। इन एआइ आधारित आंगनबाड़ी केन्द्रो में डिजिटल बोर्ड लगाए जायेंगे जिससे ये पता चल सके कि इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा बच्चों को पूरे दिन मे क्या क्या एक्टिवविटी कराई गई है।
एआई तकनीक से आंगनवाड़ी केंद्र बंद होने के बाद इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास जाएगी। प्रशासन को बच्चों की प्रगति के बारे में जानकारी मिलेगी। जबकि सामान्य आंगनबाड़ी केन्द्रो पर डिजिटल बोर्ड की कोई सुविधा नहीं होती है। और न ही प्रतिदिन आंगनवाड़ी द्वारा कराई गयी एक्टिवविटी की कोई रिपोर्ट बनती है।
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने एआई तकनीक लगाने के लिए रॉटरी क्लब से सहयोग मांगा था जिस पर क्लब ने आंगनबाड़ी केंद्रों को एआई तकनीक से लैस करने के लिए सहमति जताई है।
इसके बाद जिले के मोरटी गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र को एआई तकनीक से लैस किया गया था। एआई तकनीक से अच्छा परिणाम आने के बाद जिले के अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों को एआई तकनीक से लैस करने की योजना बनाई गई है।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल का कहना है कि जनवरी 2025 तक जिले के 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को एआई तकनीक से लैस कर दिया जाएगा। इस एआई तकनीक से आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षा मिल सकेगी।