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आंगनवाड़ी और आशा के कार्य क्षेत्र में होंगे बदलाव, स्वास्थ्य विभाग ने किया आदेश जारी

आंगनवाड़ी न्यूज़

उत्तरप्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने आशा व आंगनबाड़ी वर्करो का क्षेत्र एक समान करने के संबंध मे आदेश जारी किया है इस आदेशानुसार अभी तक एक हजार की आबादी पर एक आशा कार्यकर्ता व एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री की नियुक्ति की जाती हैं लेकिन इनके भौगोलिक क्षेत्र अलग-अलग होने से काफी समस्याए आ रही है। एक आशा कार्यकर्ता को कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संपर्क करना पड़ता है। जिससे आम लोगो के आंकड़े जुटाने में भी कठिनाई होती है। इसीलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य व पोषण से संबंधित योजनाओं और डाटा एकत्र करने में आ रही कठिनाई को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

उत्तर प्रदेश में पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बन्धित सेवाओं की उपलब्धता को परिवार स्तर (हाउस होल्ड लेवल) पर सुदृढ़ करने हेतु आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के भौगोलिक कार्यक्षेत्र में एकरुपता लाने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने समस्त जिलाधिकारी को आदेश जारी किया है

इस आदेशानुसार अवगत कराया गया है कि प्रदेश में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के माध्यम से समुदाय स्तर पर सभी लक्षित लाभार्थियों को स्वास्थ्य एवं पोषण से सम्बन्धित सेवायें सतत् रूप से प्रदान की जा रही हैं। समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं की उपलब्धता एवं सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन में प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ता आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा द्वारा अपने-अपने कार्यक्षेत्र में प्रदान की जा रही पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बन्धित सेवाओं के लाभार्थी सामान्यतः एक ही होते हैं। प्रत्येक लाभार्थी यथा- गर्भवती महिलाएं, धात्री, 0 से 6 वर्ष तक के बच्चे एवं किशोरी बालिकाओं का पंजीकरण, स्वास्थ्य जाँच, वजन ट्रैकिंग, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, आईएफ़ए, कैल्सियम एवं अल्वेण्डाज़ोल की गोलियों के सेवन तथा स्तनपान पर परामर्श, गृह भ्रमण एवं संदर्भन, वृद्धि निगरानी, टीकाकरण हेतु मोबिलाइजेशन, अति कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन, कम वजन के बच्चों का फॉलो- अप, व्यक्तिगत स्वच्छता आदि क्षेत्रों में आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा द्वारा एकल अथवा संयुक्त रूप से कार्य किया जाता है।

आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा दोनों समान्यतः एक हजार की जनसंख्या पर कार्यरत होती हैं। भौगोलिक रूप से इनके कार्यक्षेत्र में एकरूपता न होने के कारण कई प्रकार की व्यवहारिक समस्याएं होती हैं। जैसे- एक आंगनवाड़ी / आशा को एक से अधिक आशा/ आँगनवाड़ी के साथ समन्वय स्थापित करना पड़ता है, साथ ही उनकी प्रभावी कार्ययोजना भी नहीं बन पाती है एवं उन्हें आपस में आंकड़े साझा करने में कठिनाई आती है, जिससे लाभार्थी केन्द्रित जीवन की विभिन्न अवस्थाओं में दोनों विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली पोषण एवं स्वास्थ्य की गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की प्रदायगी हेतु संयुक्त प्रयास में कठिनाई आती है। राज्य एवं जनपद स्तर पर भी एकीकृत आंकड़ों के अभाव में दोनों विभागों के मध्य समन्वय, संयुक्त कार्ययोजना बनाने एवं समीक्षा करने में कठिनाई आती है तथा अनावश्यक रूप से कार्यभार बढ़ जाता है।

अतः यह आवश्यक है कि राजस्व गाँव स्तर पर आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के भौगोलिक कार्यक्षेत्र में एकरूपता स्थापित हो। इसके दृष्टिगत सम्यक् विचारोपरान्त प्रदेश के समस्त राजस्व गाँवो में चरणबद्ध योजना के अनुसार आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के भौगोलिक कार्यक्षेत्र को एकीकृत करने का निर्णय लिया गया है। इस हेतु जनपदों की चरणवार सूची आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के कार्यक्षेत्र के एकीकरण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तर पर गठित जिला पोषण समिति एवं जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा पूरी प्रक्रिया का सफल क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण किया जायेगा। सामाजिक मानचित्रण एवं कार्यक्षेत्र एकीकरण प्रक्रिया के लिए जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी, नोडल अधिकारी होंगे। समस्त प्रक्रिया मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में सम्पादित की जाएगी।

प्रथम चरण – नियोजन (राजस्व गांवो का वर्गीकरण एवं माइक्रो प्लानिंग)

जनपद स्तर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (आरसीएच), जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा ब्लॉक स्तर पर अधीक्षक / प्रभारी चिकित्साधिकारी एवं ब्लॉक में कार्यरत बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) मुख्यरूप से उत्तरदायी होंगे।

लाजिस्टिक प्रबंधन

राजस्व ग्राम के सामाजिक मानचित्र एवं कार्यक्षेत्र एकीकरण की प्रक्रिया के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रति राजस्व ग्राम आवश्यक सामग्री का विवरण अनुलग्नक 3 में संलग्न है, जिसका प्रबन्ध सम्बन्धित उपकेन्द्र की ए.एन.एम द्वारा अपने उपकेंद्र के अंटाइड फंड का उपयोग करते हुये किया जाएगा।

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राजस्व गाँव के वर्गीकरण के आधार पर मुख्य सेविका, एएनएम एवं आशा संगिनी द्वारा राजस्व ग्राम में आशा, आँगनवाड़ी, पंचायत मित्र, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) के सदस्यों, उपलब्ध एनसीसी तथा एनएसएस कैडेट एवं समुदाय के सदस्यों की सहायता से प्रत्येक राजस्व ग्राम का सामाजिक मानचित्र तैयार कर पहले आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं उसके पश्चात आशा के वर्तमान कार्यक्षेत्र को दर्शाया जायगा। यदि कोई ऐसा क्षेत्र है, जो किसी एक अथवा दोनों सेवा प्रदाताओं से असेवित है, तो उसको भी मानचित्र में स्पष्ट रूप से दर्शाया जायगा। यदि राजस्व ग्राम में कार्यरत आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के द्वारा किसी अन्य राजस्व ग्राम में सेवा प्रदान की जा रही है, तो उसे भी सांकेतिक रूप से मानचित्र में दर्शाया जायगा। तत्पश्चात भौगोलिक एवं प्रशासनिक सुगमता के दृष्टिगत राजस्व ग्राम में आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के कार्यक्षेत्र का एकीकरण किया जायगा। कार्यक्षेत्र एकीकरण के पश्चात आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा की ड्यूटी लिस्ट समान बनेगी।

आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के कार्यक्षेत्र के पुनर्निर्धारण का सहमति पत्र

कार्यक्षेत्र एकीकरण प्रक्रिया के सफलतापूर्वक निष्पादन के उपरान्त लिए गए निर्णय के अनुसार राजस्व ग्राम में कार्यरत सभी आँगनवाड़ी एवं आशा द्वारा सीडीपीओ एवं अधीक्षक / प्रभारी चिकित्साधिकारी को सम्बोधित एक सहमति पत्र दो प्रतियों में दिया जाएगा। इसकी प्रति राजस्व ग्राम स्तर पर आँगनवाड़ी एवं आशा के पास भी सुरक्षित रखी जाएगी।

आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के भौगोलिक कार्यक्षेत्र में एकरूपता लाने की गतिविधि प्रथम चरण में प्रदेश के 10 जनपदों में, द्वितीय चरण में यह गतिविधि 27 जनपदों में एवं तृतीय चरण में शेष 38 जनपदों में सम्पादित की जाएगी। जनपदों का विवरण निम्नवत् है:-

प्रथम चरण

  • बलरामपुर
  • श्रावस्ती
  • बहराइच
  • सिद्धार्थ नगर
  • सोनभद्र
  • चंदौली
  • वाराणसी
  • फ़तेहपुर
  • चित्रकूट
  • गोरखपुर

द्वितीय चरण 1. देवरिया, 2. कुशीनगर, 3. महराजगंज, 4. मऊ, 5. बलिया, 6. आजमगढ़, 7. जौनपुर, 8. गाजीपुर, 9. संत रविदास नगर 10. मिर्ज़ापुर 11. संत कबीर नगर, 12 बस्ती 13. गोंडा, 14. अमेठी, 15. सुल्तानपुर 16. बाराबंकी, 17. अम्बेडकर नगर, 18 अयोध्या, 19 उन्नाव, 20. सीतापुर 21. रायबरेली, 22. लखनऊ, 23. लखीमपुर, 24 हरदोई, 25. प्रतापगढ़, 26. कौशांबी एवं 27 प्रयागराज

तृतीय चरण – 1. मुजफ्फर नगर 2 सहारनपुर, 3. शामली, 4 बागपत, 5 बुलंदशहर, 6. गौतमबुद्ध नगर, 7. गाज़ियाबाद 8. मेरठ, 9 हापुड़, 10. बिजनौर, 11. अमरोहा, 12. मुरादाबाद, 13. रामपुर, 14 संभल, 15. बदायूँ 16. बरेली, 17 पीलीभीत, 18. शाहजहाँपुर, 19 अलीगढ़, 20. एटा, 21. हाथरस, 22 कासगंज, 23. आगरा, 24, मथुरा, 25. मैनपुरी 26. फ़िरोज़ाबाद, 27. औरैया, 28. इटावा, 29. फ़र्रुखाबाद, 30. कन्नौज, 31. कानपुर नगर, 32. कानपुर देहात, 33, जालौन, 34. झांसी, 35. ललितपुर, 36. बांदा, 37. हमीरपुर एवं 38. महोबा।

आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के कार्यक्षेत्र एकीकरण प्रक्रिया का उन्मुखीकरण

सामाजिक मानचित्रण एवं कार्यक्षेत्र एकीकरण में निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन किया जायेगा- मैपिंग से पूर्व – बैठक का स्थान, दिनांक एवं समय के बारे में सभी प्रतिभागियों को पूर्व में ही सूचित करें।

बैठक स्थल का चयन ऐसी जगह करें, जहां पर सभी के बैठने की पर्याप्त जगह हो और वह उसी राजस्व ग्राम में हो, जहां का सामाजिक मानचित्रण एवं कार्यक्षेत्र एकीकरण प्रस्तावित है।

सामाजिक मानचित्रण के दिन राजस्व ग्राम के प्रत्येक मजरे पुरवे से कम-से-कम 2 अनुभवी लोगों, जिन्हें अपने ग्राम के सभी मजरे पुरवे के बारे में पूर्ण जानकारी हो, को शामिल करें। इस प्रक्रिया में महिलाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

राजस्व ग्राम में सेवा प्रदान करने वाली सभी आँगनवाड़ी कार्यकत्री, आशा एवं पंचायत मित्र को बैठक के लिए बुलायें।

वर्तमान कार्यक्षेत्र के सामाजिक मानचित्रण के दौरान –

मैपिंग से पूर्व राजस्व ग्राम का आशा एवं आँगनवाड़ी के साथ भ्रमण करें, प्रमुख स्थान जैसे स्कूल, उपकेन्द्र, पूजा स्थल, तालाब, आंगनवाड़ी केन्द्र, आशा का घर इत्यादि और आशा एवं आँगनवाड़ी के सेवा क्षेत्र को देख लें। मैपिंग से पूर्व सभी एएनएम, आशा संगिनी (सुगमकर्ता) की ज़िम्मेदारी का निर्धारण अधीक्षक / प्रभारी चिकित्साधिकारी के द्वारा एवं मुख्य सेविका की ज़िम्मेदारी का निर्धारण सीडीपीओ के द्वारा किया जायेगा।

पुनरीक्षित सामाजिक मानचित्र आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा का कार्यक्षेत्र एकीकरण-

सर्वप्रथम राजस्व ग्राम को अपेक्षित आँगनवाड़ी कार्यकत्री की संख्या के आधार पर विभाजित किया जाएगा। राजस्व ग्राम के प्रत्येक भाग को पहचान एवं भविष्य में संदर्भ के लिए दायें से शुरू करते हुये राजस्व ग्राम एलजीडी कोड के साथ एक सब-कोड आवंटित किया जाये। उदाहरण-किसी राजस्व ग्राम का एलजीडी कोड 153789 है और वहाँ की वर्तमान जनसंख्या 3280 है और यहां पर 2 आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं 2 आशा कार्यरत हैं। इस स्थिति में वर्तमान आँगनवाड़ी कार्यकत्री को आधार मानते हुये इस ग्राम को उसकी भौगोलिक स्थिति के आधार पर 3 भागों में विभाजित कर दायें में स्थित सबसे पहले भाग के लिए 153789/01, दूसरे भाग के लिए 153789/02 एवं तीसरे भाग के लिए 153789/03 सब कोड आवंटित किया जाये।

आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के साथ चर्चा करके उनके कार्यक्षेत्र का पुनः निर्धारण इस प्रकार किया जाये कि आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा का कार्यक्षेत्र एक समान हो जाये। सबसे पहले प्रथम आँगनवाड़ी कार्यकत्री के क्षेत्र के सापेक्ष आशा के क्षेत्र को एकीकृत करें और इसी प्रकार अगले क्रम में बढ़ते जायें। क्षेत्र के पुनः निर्धारण में इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में एक आँगनवाड़ी अथवा एक आशा का कार्यक्षेत्र एक से अधिक आशा अथवा आँगनवाड़ी के कार्यक्षेत्र में न आयें एवं राजस्व ग्राम की कोई भी जनसंख्या किसी भी सेवा प्रदाता से असेवित न रहे। अगर ग्राम की कोई एक आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा का कार्यक्षेत्र किसी अन्य राजस्व ग्राम में भी आ रहा है, तो हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी कि उस ग्राम का वह क्षेत्र असेवित न रह जाये। अगर ग्राम में कोई पद रिक्त हो अथवा कोई क्षेत्र छूट गया हो, तो निकटतम आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा को इसका अतिरिक्त प्रभार दिया जाये। रिक्त पद पर नियुक्ति के पश्चात यह सुनिश्चित किया जाए कि वह रिक्त क्षेत्र में अपनी सेवायें दे । पुनरीक्षित सामाजिक मानचित्र ग्राम प्रधान, एएनएम एवं मुख्यसेविका द्वारा सत्यापित किया जायेगा ।

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किसी राजस्व ग्राम की जनसंख्या 1030 है और यहाँ पर एक आगनवाड़ी कार्यकत्री एवं एक आशा कार्य कर रही है। इस राजस्व ग्राम का सामाजिक मानचित्र बनाने के समय यह सुनिश्चित करना है कि राजस्व ग्राम की समस्त जनसंख्या दोनों सेवाप्रदाता से सेवित हो, अगर कुछ जनसंख्या असेवित है, तो असेवित भाग को उनके सेवा क्षेत्र में लाना है।

किसी ग्राम की जनसंख्या 1310 है और उस ग्राम में एक आँगनवाड़ी एवं एक मिनी आँगनवाड़ी कार्य कर रही है, तो दोनों को किसी एक आशा के साथ एकीकृत कर सकते हैं, क्योंकि आशा अधिकतम 1499 तक की जनसंख्या पर कार्य कर सकती है। इसी प्रकार अगर कोई आँगनवाड़ी 1200 की जनसंख्या देख रही है और उस ग्राम में 600-600 की आबादी पर काम करने वाली 2 आशाएं हैं, तो भी हम उनको एक साथ एकीकृत कर सकते हैं, बस यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि एक आशा अथवा एक आँगनवाड़ी का कार्यक्षेत्र एक से ज्यादा आँगनवाड़ी अथवा आशा के कार्यक्षेत्र में न आये एवं कोई भी भाग असेवित न रहे ।

किसी राजस्व ग्राम की जनसंख्या 3500 है एवं इस ग्राम में तीन आँगनवाड़ी, जिनकी जनसंख्या क्रमश: 800, 1300 एवं 1000 है एवं इसी ग्राम में 2 आशा कार्यरत हैं, जिनकी जनसंख्या क्रमश: 1200 एवं 1300 है। ऐसी स्थिति से स्पष्ट है कि यहां पर आँगनवाड़ी से 400 की जनसंख्या एवं आशा से 1000 की जनसंख्या असेवित है, ऐसी स्थिति में कार्यक्षेत्र एकीकरण के दौरान यह सुनिश्चित करना होगा कि पूरे राजस्व ग्राम को इस प्रकार तीन भागों में सबकी सहमति से सीमांकित किया जाय कि उपलब्ध तीनों आँगनवाड़ी इस पूरे ग्राम में अपनी सेवाए दें एवं कोई क्षेत्र असेवित न रहे तथा एक आँगनवाड़ी के सापेक्ष एक आशा के कार्यक्षेत्र को निर्धारित करें एवं एक आशा की रिक्ति के कार्यक्षेत्र को चिन्हित करें। रिक्त क्षेत्र में आशा की नियुक्ति होने तक सेवा प्रदान करने हेतु आस-पास की आशा को नामित किया जाए।

किसी राजस्व ग्राम की जनसंख्या 6250 है एवं इस ग्राम में 7 आँगनवाड़ी कार्य कर रही हैं व इस ग्राम में आशा की संख्या 6 है। आंगनवाड़ी की जनसंख्या क्रमश: 800, 1050, 900, 1150, 1100,800,450 है। ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट है कि 7वीं आगनवाड़ी मिनी आगनवाड़ी है, अतः मिनी आंगनवाड़ी को किसी आगनवाड़ी के साथ एकीकृत कर सकते हैं, परन्तु अगर सभी आंगनवाड़ी हैं, तो ऐसी स्थिति में पूरे ग्राम की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुये 7 भागों में विभाजित करें एवं उपलब्ध सभी आशाओं को एक-एक आंगनवाड़ी के साथ एकीकृत करें एवं एक आशा की रिक्ति उस राजस्व ग्राम के सब कोड के साथ विभाग को साझा करें तथा पास की आशा को रिक्त क्षेत्र में कार्य करने के लिए नामित करें।

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किसी राजस्व ग्राम की जनसंख्या 1300 है एवं इस ग्राम में 1 आंगनवाड़ी एवं 1 आशा 1000 की जनसंख्या पर सेवायें दे रही है तथा बचे हुये 300 की जनसंख्या को सेवायें निकटतम राजस्व ग्राम की आंगनवाड़ी एवं आशा दे रही है, तो ऐसी स्थिति में वर्तमान सामाजिक मानचित्र पर दोनों आंगनवाड़ी एवं आशा का कार्यक्षेत्र दर्शाया जाये । पुनरीक्षित सामाजिक मानचित्र में सभी से चर्चा के पश्चात इसी ग्राम की आंगनवाड़ी एवं आशा के माध्यम से सारे ग्राम में सेवा देना सुनिश्चित कराया जाये।

सुपरवाईजर, एएनएम एवं आशा संगिनी की भूमिका एवं दायित्व –

माइक्रोप्लान के अनुसार राजस्व ग्राम की सम्बन्धित आशा, आँगनवाड़ी एवं पंचायत मित्र को दो दिन पहले सूचना देना सुनिश्चित करना। राजस्व ग्राम स्तर पर पूरी प्रक्रिया के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

कार्यक्षेत्र एकीकरण के दौरान भौतिक सत्यापन करते हुए यह सुनिश्चित करना कि किसी भी परिस्थिति में कोई भी क्षेत्र असेवित न छूटे। साथ ही यह भी सुनिश्चित कराना कि कोई भी परिवार एक से ज्यादा आँगनवाड़ी कार्यकत्री अथवा आशा के सेवाक्षेत्र में पंजीकृत न हो।

कार्यक्षेत्र एकीकरण के दौरान आ रही समस्याओं से ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को ससमय अवगत कराना।

राजस्व ग्राम के सामाजिक मानचित्र एवं कार्यक्षेत्र एकीकरण के पश्चात राजस्व ग्राम के सभी वास्तविक एवं संशोधित सामाजिक मानचित्र, प्रस्तावित कार्य-योजना एवं सहमति पत्र ब्लाक स्तर पर बीसीपीएम के साथ साझा करना ।

राजस्व ग्राम के सामाजिक मानचित्र एवं कार्यक्षेत्र एकीकरण के अनुसार चिन्हित आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के रिक्तियों को राजस्व ग्राम के नाम एवं उसके सबकोड के साथ ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को साझा करना।

आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा द्वारा संशोधित कार्यक्षेत्र का संयुक्त सर्वे, विभागीय दिशानिर्देशों के अनुसार सुनिश्चित कराना ।

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आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा की भूमिका एवं दायित्व –

सामाजिक मानचित्रण की तिथि, स्थान एवं समय की सूचना ग्राम प्रधान, वीएचएसएनसी के सदस्यों को देना एवं नियत तिथि पर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करना।

कार्यक्षेत्र एकीकरण हेतु सूक्ष्म कार्ययोजना के अनुसार अपने राजस्व ग्राम में सामाजिक मानचित्रण के दिन, निर्धारित स्थल एवं समय पर अपने अद्यावधिक रिकार्ड के साथ उपस्थित होकर अपना सहयोग प्रदान करना।

सामाजिक मानचित्रण के दिन प्रत्येक मजरे पुरवे से कम-से-कम 2 अनुभवी व्यक्तियों, जिन्हें अपने ग्राम के सभी मजरे पुरवे के बारे में पूर्ण जानकारी हो, उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करना। इस प्रक्रिया में महिलाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाए। अपने कार्यक्षेत्र का सीमांकन एवं राजस्व ग्राम के सीमांकन में सहयोग प्रदान करना।

आँगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा के भौगोलिक कार्यक्षेत्र के एकीकरण के पश्चात दोनों सेवा प्रदाता संयुक्त रूप से अपने पुनर्निर्धारित कार्यक्षेत्र का सर्वे विभाग द्वारा निर्धारित रजिस्टर एवं अप्लीकेशन में विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार करेंगी एवं यह भी सुनिश्चित करेंगी कि समुदाय व लाभार्थियों को भी इसकी जानकारी हो जाये। लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण सेवायें सुनिश्चित कराना।

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